लिवर बॉडी की करीब 500 एक्टिविटीज को चलाता है। यह पेट में दाहिनी तरफ फेफड़ों के नीचे होता है। लिवर का वज़न 3 पौंड (लगभग 1350 ग्राम) होता है। किसी भी समय लिवर हमारे बॉडी की 13% ब्लड सप्लाई कर रहा होता है। इसके साथ ही करीब 13,000 तरह के खाना पचाने वाले पाचक रस व एंजाइम्स बनाकर भोजन और फैट्स का ब्रेकडाउन करता है।
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लिवर के कार्य और महत्व – Function of Liver | Liver ke bare mein jankari
लिवर खाना पचने के बाद पाचन तंत्र से खून को फिल्टर करता है। लिवर को जिगर या कलेजा भी कहा जाता है। Liver को हिंदी में यकृत कहते हैं। ये शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है।
1) लिवर में खास तरह का प्रोटीन बनता है जोकि खून के लिए बहुत जरूरी हैं।
2) लिवर का एक जरूरी काम बाइल (Bile) बनाना है। बाइल शरीर के वेस्ट प्रोडक्ट बाहर करता है और छोटी आंत में पाचन के दौरान फैट्स को तोड़ने का काम करता है।
3) कोलेस्टेरॉल का निर्माण लिवर में ही होता है। लिवर कुछ ऐसे प्रोटीन बनाता है जो फैट को बॉडी में मूव करने का काम करते हैं।
4) Liver खून में जरूरत से ज्यादा मिली हुई ग्लूकोज (Glucose) को ग्लाइकोजन (Glycogen) में बदलकर स्टोर करने का काम करता है। (शरीर इस स्टोर ग्लाइकोजन को दोबारा ग्लूकोज में बदल देता है, जब ऊर्जा की जरूरत होती है)
5) लीवर की कोशिकाएं अमीनो ऐसिड्स को प्रोटीन में बदलने का काम करती है।
6) खून से नशीले पदार्थ और विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम लिवर ही करता है।
7) चोट लगने पर बहते खून को जमाने की खासियत लिवर में बनने वाले खास प्रोटीन की वजह से ही होती है।
8) लिवर हमारे खून से बैक्टीरिया को बाहर करता है जिससे रोग पनपने नहीं पाता और शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है।
9) खून से Bilirubin को बाहर करने का काम लिवर करता है। अगर शरीर में bilirubin ज्यादा हो जाए तो स्किन और आँखें पीली दिखने लगती हैं।
10) लीवर खाने में मिले तरह-तरह के तत्वों को तोड़ता है (इस काम को मेटाबोलिज्म (Metabolism) कहते हैं).
लीवर खराब की पहचान और लक्षण | Symptoms of Liver Problem
खराब लीवर के ये लक्षण हो सकते हैं.
- मुंह से बदबू आना
- स्किन और आँखों में पीलापन (पीलिया)
- आँखों के नीचे काले निशान पड़ना
- पेट में हमेशा दर्द रहना, पेट में सूजन
- खाने का सही से न पचना
- स्किन पर सफ़ेद रंग के धब्बे पड़ना (Liver spots)
- पेशाब गहरे रंग का होना आदि
- मल (stool) का रंग हल्का, खूनी या काला होना
- हमेशा थकान, कमजोरी महसूस होना
- पैर, टखनों में सूजन
- जी मिचलाना या उलटी हो जाना
- स्किन आसानी से खरोंच, कट-छिल जाना
- भूख न लगना
लीवर खराब है या नहीं, इसका ठीक-ठीक पता करने के लिए टेस्ट करवाना होता है।
लिवर की सेहत चेक करने के 5 मुख्य टेस्ट हैं :-
- ALT test
- AST test
- ALP test
- Albumin test
- Bilirubin test
लीवर के रोग कौन से हैं | Liver problem
1. पीलिया (Jaundice) : लिवर में प्रॉब्लम होने के 5 प्रकार है जिसे A,B,C,D,E कहा जाता है. A और E को ही जौंडिस या पीलिया कहा जाता है.
2. लीवर संक्रमण (Liver Infection) – लिवर में B, C, D इन्फेक्शन से होने वाली बीमारी है, इसके क्रोनिक हेपटाईटिस कहते हैं.
3. लिवर सिरोसिस (Cirrhosis) : यह एक गम्भीर बीमारी है. Liver cirrhosis होने पर बड़ी तेजी से Liver के cells खत्म होने लगते हैं और लिवर काम करना बंद करने लगता है. लीवर की बीमारी बढ़ने पर Liver transplant भी करना पड़ सकता है.
4. फैटी लिवर (Fatty Liver) : लीवर की एक गंभीर बीमारी फैटी लिवर या Hepatic Steatosis है। इसमें लिवर पर फैट जमा होने लगता है, जिससे लिवर सूजने लगता है और Liver Damage होने लगता है। फैटी लिवर रोग ज्यादा बढ़ जाए तो लीवर फेल भी हो सकता है।
5. पेट और पाचन की कई सारी दिक्कतें लिवर की गड़बड़ी की वजह से हो सकती हैं. लीवर के अन्य रोग हैं – लीवर की सूजन, लिवर कैंसर आदि।
लिवर की बीमारी का कारण :
- लीवर की खराबी एक बड़ा कारण ज्यादा तेल मसाले वाला खाना
- खूब शराब पीना
- बाहर का भोजन ज्यादा खाना
- खराब पानी पीना, खराब भोजन से इन्फेक्शन
- खानदानी रोग (Abnormal gene form inheritance)
- इम्यून सिस्टम कमजोर होना
लीवर की बीमारी से बचने और लीवर को स्वस्थ रखने के 5 उपाय अपनाएं क्योंकि हमारा पूरा स्वास्थ्य इसपर निर्भर करता है –
1) चीनी और तला-भुना खाना, कम लें | Less Sugar & Fat
अगर आप जरुरत से ज्यादा चीनी और फैट्स लेते हैं तो आपके लीवर पर इन्हें मेटाबोलाइज़ करने का दबाव बढ़ जाता है.
अपने लीवर को Safe रखने के लिए ज़रूरी है कि आप असंतुलित आहार (Unbalanced diet) न लें और मोटापे का शिकार न बनें. क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो आपके लीवर में फैटी डिपॉज़िट्स (Fatty Liver) जमा होने लगेंगे जो आगे जाकर बड़ा लीवर डैमेज (Irreversible Liver Damage) कर सकते हैं.
2) शाकाहारी भोजन करें | How to strong liver
– खाने में ज्यादा से ज्यादा मात्रा में सब्जियां, फल, साबुत अनाज (Whole grain), अंकुरित अनाज व दाल जैसे मूंग, चना लेने से लीवर को हेल्दी रखने में मदद मिलती है.
– हमारे भोजन में खूब मात्रा में विटामिन ई (Vitamin E) का होना भी हमारे लीवर को स्वस्थ रखता है. पालक, टोफू और मेवों में विटामिन E अच्छी मात्रा में होता है जोकि लीवर को स्वस्थ रखता है.
– शिमला मिर्च (Bell peppers), पपीता और लाल अमरूद में लाइकोपीन होता है. लाइकोपीन (Lycopene) एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है. यह कैरोटीनोइड (Carotenoid) कई सब्जियों और फलों में पाया जाता है. ये वही पदार्थ है जो टमाटर और तरबूज को उनका लाल रंग देता है.
– लिवर रोगी को सफ़ेद चावल नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें फाइबर बहुत कम होता है. इस वजह से सफ़ेद चावल ब्लड शुगर बढ़ाता है. अगर खाना ही है तो फाइबर युक्त ब्राउन राइस खायें.
– लीवर को सुरक्षित रखनेवाला एक अन्य तत्व करकुमिन (Curcumin) है जो कैंसर से भी बचाता है. यह अदरक और हल्दी प्रजाति में पाया जाता है और हल्दी को उसका पीला रंग यही प्रदान करता है. भारतीय भोजन में हल्दी का प्रयोग बहुत किया जाता है और स्टडीज़ में यह पता चला है कि कुरकुमिन लीवर कैंसर के खतरे को दूर रखने में बहुत मददगार है.
– कॉफ़ी को भी इसके एंटी-इन्फेलैमेटरी (Anti-inflammatory) और Antioxidant इफेक्ट्स के कारण लीवर को सेफ रखने में मदद करता है लेकिन दिन भर में 3 कप से ज्यादा कॉफ़ी पीना ठीक नहीं होता.
– रिस्वेराट्रोल (Resveratrol) अंगूर और मूंगफली में पाया जानेवाला तत्व है. यह भी लीवर कैंसर को दूर रखने और लीवर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत फायदा करता है. यह रेड वाइन (Red wine) में भी होता है लेकिन एल्कोहोल से लीवर डैमेज होता है इसलिए इसे न पीने में ही समझदारी है.
– अगर आप रेड मीट (Red meat) खाना पसंद करते हैं तो इसे कम खाएं और कभी-कभार ही खाएं.
3) एल्कोहोल कम लेना | No to Alchohol
– रोजाना और ज्यादा मात्रा में लेने पर शराब या एलकोहोल पीने से लीवर की सेल्स को खत्म होने लगती है. आगे जाकर इससे फैटी लीवर और रेयर कंडीशंस में सिरोसिस (Cirrhosis) या हेपेटाइटिस (Hepatitis) भी हो सकता है.
– लीवर को शराब के बुरे असर से बचाने के लिए इसे कभी-कभार ही अपने डॉक्टर द्वारा सुझाई या सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा में ही लें. सप्ताह में कम से कम 3-4 दिन एल्कोहोल न लें ताकि लीवर को रिकवर करने का मौका मिले.
4) नियमित एक्सरसाइज़ करें | Regular exercise
– डेली एक्सरसाइज़ करने का असर हमारे पूरे शरीर पर पड़ता है और हमारा वज़न हमारी लंबाई के सही अनुपात (Ratio) में रहता है. अच्छा BMI (20-24.9kg/m2) मेंटेन करने से Fatty liver डेवलप होने का खतरा कम हो जाता है.
– Annals of Hepatology की रिपोर्ट के अनुसार हफ्ते में कम-से-कम 150 मिनट की एक्सरसाइज़ करने से लीवर द्वारा बनने वाले बुरे एंजाइमों का बनना कम हो जाता है.
5) दर्दनिवारक दवाओं का उपयोग कम करें | Avoid Painkillers
– जब तक आपको दर्द की फीलिंग बर्दाश्त से बाहर न हो जाए तक तक किसी तरह के Pain Killers के प्रयोग से बचें और केवल अपने डॉक्टर के कहने पर ही पेनकिलर्स लें. दवा लेने के पहले या बाद में एल्कोहोल पीने से परिणाम खतरनाक हो सकते हैं.
– दर्द दूर करने वाली दवाएं लेते समय सही निर्धारित डोज़ तथा समयसीमा से उल्लंघन कभी न करें. एक दवा का असर सही तरीके से न होने पर दूसरी दवा या दूसरा डोज़ Doctor से पूछे बिना न लें.
आपके पूरे Health का पूरा दारोमदार आपके लीवर (Liver) पर टिका रहता है. अगर आप सही खानपान और Healthy Lifestyle को अपनाकर लिवर को सुरक्षित रखे तो यह आपको Safe रखेगा.
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लीवर के बारे में यह जानकारी अच्छी लगी dhyanyavad
मेरे लीवर में प्रॉब्लम है क्या मैं ठीक हो सकती हूँ??
आपका यह ब्लाग काफी हेल्पफुल साबित होगा।
आपने लिवर से जुडी बहुत अच्छी जानकारी शेयर की है।
Aapki sari tips helpfull hai