हरड़ के फायदे का सबसे ज्यादा उपयोग पेट के सभी रोग ठीक करने, वजन कम करने में होता है। त्रिफला पाउडर भी आंवला, बहेड़ा और बड़ी हरड़ से बनता है। त्रिफला में बड़ी हरड़ : बहेड़ा : आंवला का अनुपात 1:2:4 का होता है। आगे हम आपको हरड़ के कई उपाय बतायेंगे।
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हरड़ (हरीतकी) क्या है, हरड़ के प्रकार | What is Harad
आयुर्वेद के अनुसार हरड़ बहुत असरदार और फायदेमंद जड़ी-बूटी है। बोलचाल की भाषा में इसे हर्रे या हरड़ कहते हैं। आयुर्वेद में इसे हरीतकी कहा गया है। हरड़ को इंग्लिश में Chebulic Myrobalan कहते हैं।
बाजार में 2 तरह की हर्रे मिलती है :
- छोटी हरड़
- बड़ी हरड़
छोटी हरड़ और बड़ी हरड़ में क्या फर्क है ?
ये एक ही फल के दो रूप हैं। छोटी हरड़ असल में कच्ची हरड़ है, इसमें बीज नहीं होता। बड़ी हरड़ पकी हरड़ है, जिसमें कड़ा बीज होता है। हरड़ का बोटैनिकल नाम Terminalia Chebula है।
छोटी हर्रे काले रंग की और देखने में चपटी सी होती है. बड़ी हरड़ पीले से रंग की और देखने में गोल सी होती है. आयुर्वेद के ज्यादातर उपायों में छोटी हरड़ का उपयोग होता है, क्योंकि ये आंतों पर सही तीव्रता से असर करता है.
- हरड़ को नमक के साथ लेने से कफ संतुलित होता है.
- हरड़ को घी के साथ लेने से वात संतुलित होता है.
- हरड़ को चीनी के साथ लेने से पित्त संतुलित होता है.
हरड़ का स्वाद कसैला होता है. आयुर्वेद के अनुसार कसैला या कषाय रस से युक्त चीजों में अनोखी खासियत होती है. ऐसी चीजें खून शुद्ध करती हैं, स्किन साफ़ करती हैं और कफ-पित्त नाशक होती हैं.
हरीतकी या हरड़ के फायदे और नुकसान | Harad Benefits
हरड़ का सेवन शरीर का बल और बुद्धि बढ़ाता है। हरड़ के लगातार सेवन से स्फूर्ति (Energetic) का अनुभव होता है और आलस, थकान नहीं लगती। हरड़ पेट संबंधी रोगों में खासतौर से बहुत असरदार औषधि मानी जाती है, इसके अलावा भी कई रोगों के इलाज में हरड़ प्रयोग होती है। हरड़ से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और ये उम्र बढने से होने वाले असर को रोकता है।
हरड़ में विटामिन C, आयरन, सेलेनियम, कॉपर, मैगनिशियम, पोटैशियम और ढेरों एंटीऑक्सीडेन्ट, एमीनो ऐसिड्स, 12 फैटी ऐसिड्स, बायोऐक्टिव कम्पाउन्ड्स आदि पाए जाते हैं। हरड़ में 18 तरह के एमिनो एसिड्स पाए जाते हैं.
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हरड़ को कैसे खाये
साल भर के हर मौसम में हरड़ के सेवन का तरीका अलग-अलग है।
- गर्मी के मौसम में हरड़ गुड़ के साथ सेवन करें
- वर्षा के मौसम में हरड़ को सेंधा नमक के साथ लें
- शरद ऋतु (वर्षा के बाद का मौसम) में हरड़ चीनी या शक्कर के साथ लें
- हेमंत ऋतु (ठंड का शुरुआती मौसम) में हरड़ सोंठ के साथ लें
- शिशिर ऋतु (ठंड का मौसम) में हरड़ पीपली के साथ लें
- वसंत ऋतु (ठंड का अंत) में हरड़ शहद के साथ लें.
A: हरड़ चूर्ण बनाने के लिए 10-15 छोटी हरड़ को कड़ाही या पैन में 2-3 चम्मच देशी घी डालकर 2-3 मिनट हल्का फ्राई करें। फिर भुने हुए हरड़ को ठंडा होने रख दें। पूरी तरह ठंडा हो जाने पर मिक्सी में पीस लीजिए। हरड़ चूर्ण (हरड़ पाउडर) तैयार है।
हरड़ का मुरब्बा खाने के फायदे, हरड़ का मुरब्बा कब खाना चाहिए | Harad Murabba Benefits
हरड़ का मुरब्बा खाने से पाचन, कब्ज संबंधी समस्याएं ठीक होती है। हरड़ मुरब्बा आँखों के रोग, बाल सफेद होना, भूख न लगना, बवासीर, अपच, पेट का अल्सर में फायदा करता है और दिमाग, याददाश्त तेज होती है।
A: रात को सोने से पहले हरड़ का मुरब्बा खाकर दूध पीने से सुबह पेट साफ हो जाता है।
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छोटी हरड़ के फायदे पेट के रोग में | Harad ke fayde
छोटी हरड़ कब्ज, बवासीर, पेट के इन्फेक्शन, डायरिया, पेट के कीड़े, पेट में गैस की समस्या, एसिडिटी, पेट का अल्सर, पेचिश आदि रोगों को ठीक करने में असरदार है।
छोटी हरड़ का सेवन भूख बढ़ाता है, पाचन सही करता है और भोजन से मिलने वाले पोषक तत्व आंतों को सोखने में मदद करता है। खाना ज्यादा खा लिया हो तो बदहजमी से बचने के लिए खाने के बाद 1 छोटी हरड़ चूसें।
हरड़ का बवासीर या पाइल्स में उपयोग
2-4 ग्राम हरड़ पाउडर गुड़ के साथ दिन में 2 बार सेवन करें। इससे कब्ज दूर होगा और बवासीर से मिलेगी। एक उपाय ये भी है कि हरड़ को पानी में उबाल लें, जब यह थोड़ा ठंडा हो जाये तो पियें। बवासीर के मस्से ठीक करने के लिए 1 छोटा चम्मच छोटी हरड़ का चूरन छाछ में मिलाकर पीयें।
कब्ज में हरड़ के फायदे | Choti Harad ke fayde
कब्ज दूर करने के लिए छोटी हरड़ को बड़ी इलायची और काली मिर्च के साथ लें। हरड़ : बड़ी इलायची : काली मिर्च का अनुपात 2:1:0.5 होना चाहिए। हरड़ एक रेचक पदार्थ है। रेचक पदार्थ पेट साफ करने का कार्य करते हैं।
दूसरा उपाय ये है कि बहेड़ा और बड़ी हर्रे को पिसी मिश्री के साथ लें। यह कब्ज ठीक करने में बहुत असरदार है। हरड़ : बहेड़ा : मिश्री का अनुपात 1:2:1.5 का होना चाहिए।
पेट दर्द, पेट में जलन : हरड़ और अजवाइन, सेंधा नमक, हींग को 4:2:1:1 के अनुपात में लेकर पीसकर चूरन बना लें। इसकी 1 छोटी चम्मच की मात्रा पानी के साथ लेने से दर्द, जलन, गैस की समस्या ठीक होती है।
पेट में मरोड़ और सूखी आंव : बड़ी हरड़ का छिलका और अजवाइन, सफ़ेद जीरा बराबर लेकर पीसकर चूरन बना लें। इसे चूरन को दिन में 2 बार दही या छाछ के साथ लें आराम मिलेगा।
पेचिस या लूज मोशन : 4-5 हरड़ को शुद्ध घी में भून लें. इसका चूर्ण बनाकर मिश्री के साथ दिन में 2 बार लें।
हरड़ स्किन के रोग, मुहांसों के लिए | Harad ke fayde for skin
एक्जिमा के उपचार के लिए छोटी हरड़ का बारीक़ पाउडर बनाए और इसे नारियल का तेल या बकरी के दूध में मिलाकर प्रभावित भाग पर लगायें.
मुहांसे ठीक करने के लिए हरड़ पाउडर गर्म पानी में मिलाएं. ठंडा होने पर इसे मुहांसों पर लगायें. स्किन की एलर्जी, खुजली में हरड़ को पानी में उबालकर बनाये काढ़े का दिन में 2 बार सेवन करें. फंगल एलर्जी में हरड़ और हल्दी पीसकर प्रभावित जगह लगायें, जल्दी ठीक होगा.
हरड़ वजन कम करने के लिए | Harad Powder for weight loss
हरड़ शरीर के टोक्सिन को निकालने का काम करता है. यह मेटाबोलिज्म ठीक करके फालतू फैट घटाता है, जिससे वेट लॉस होता है. यह उपाय आजमायें, तेजी से वजन कम करने में मदद मिलेगी.
वजन घटाने के लिए 6 ग्राम हरीतकी पाउडर 1 गिलास पानी में उबाल लें. जब यह आधा रह जाये तो गैस बंद कर दें और ठंडा होने दें. इसमें 1 छोटा चम्मच शहद मिलाकर रोज खाली पेट पिया करें.
यौन शक्ति के लिए हरड़ के फायदे
शरीर में यौन ऊर्जा को बढ़ाने के लिए 1-2 ग्राम हरड़ का चूर्ण 1 महीने तक प्रतिदिन सेवन करें फिर बंद कर दें. इससे शरीर में ताकत और शक्ति आएगी.
1 महीना खाने के बाद इसका सेवन रोक दें, 3-4 महीने बाद दोबारा कर सकते हैं. इस उपाय से शीघ्रपतन, कम शुक्राणु, नपुंसकता, स्वप्नदोष की समस्या दूर होती है.
बालों के लिए हरड़ के लाभ | Harad Churna for hairs
हरड़ का तेल बाल झड़ने, रुसी (Dandruff) को समस्या को ठीक करता है और बालों को मजबूत बनाता है। बाल चमकीले और स्वस्थ होते हैं।
हरड़ का तेल बनाने के लिए 1 कप नारियल के तेल में 3 बड़ी हरड़ डालकर गर्म करें. जब हर्रे पीली से ब्राउन रंग की हो जाये तो गैस बंद कर दें और ठंडा होने दें. इसे एक जार में रख लें और बालों पर लगायें. यह बालों को सम्पूर्ण पोषण देता है.
इसके अलावा हरड़ के पानी से बाल धोने, रोज 1 हरड़ का सेवन करना भी बालों और आँखों के लिए लाभदायक है.
हरड़ आँखों के लिए | Harad for Dark circles, eyes
हरड़ कई प्रकार के नेत्ररोग ठीक करता है. इसके लिए हरड़ या हरीतकी चूर्ण रात भर पानी में भिगोकर रख दें, अगली सुबह इस पानी से ऑंखें धोएं। यह आँखों की जलन, आँख आना (Conjunctivitis) ठीक करता है और आँखों की रौशनी बढती है।
Harad for Dark circles : हरड़ को पीसकर या घिसकर पेस्ट बनायें। इसे आँखों के आस-पास लगाने से आँखों के रोग दूर होते हैं।
दांतों के लिए | Harad ke fayde
छोटी हरड़ का पाउडर महीन पीस कर कपड़े से छान लें. इसका मंजन करने से दांत स्वस्थ और मजबूत, चमकदार बनते हैं और दांतों की समस्यायें दूर होती हैं. दांत दर्द में हरड़ का चूर्ण लगाये, आराम मिलेगा.
पायरिया के इलाज में : दांतों के रोग पायरिया के लिए हरड़ को कूट पीसकर कपड़े से छानकर महीन चूरन बना लें. इस चूरन से दांतों और मसूढ़ों पर धीरे-धीरे मालिश करें.
मुंह के छाले, मसूढ़ों से खून आना : मुंह के अल्सर यानि छालों के लिए हरड़ बहुत सही काम करता है. यह प्रयोग मैंने भी आजमाया है, 1 छोटी हरड़ को तोड़ कर 2-3 टुकड़े कर लें. अब इसके 1 टुकड़े को मुंह में डाल लें, धीरे-धीरे चूसें. चूसने से जो रस निकलता है, उसे छाले वाली जगह घुमाएँ. दिन में 2 करने से ही आराम मिल जाता है.
दूसरा तरीका ये है कि 1 चम्मच हरड़ पाउडर एक गिलास पानी में मिला लें. इस पानी को 1-1 घूंट मुंह में लें, थोड़ी देर मुंह में घुमाएँ फिर कुल्ला करके थूक दें. इससे छालों और मसूढ़ों में खून आना ठीक हो जाता है.
जोड़ों के दर्द, गाउट और गठिया के लिए
इस समस्या में हरड़ का सेवन 2 तरह से किया जा सकता है
1) गठिया और जोड़ों के दर्द में 100 ग्राम हरड़, 25 ग्राम सोंठ, 15 ग्राम अजमोंद को अलग-अलग पीसकर फिर मिक्स कर लें. हर रोज 3-4 ग्राम पाउडर हल्के गर्म पानी के साथ सुबह और शाम लें.
2) गाउट की समस्या में छोटी हरड़ को पीसकर महीन पाउडर बना लें और एक जार में रख लें. हर रोज 3 ग्राम हरड़ पाउडर गिलोय रस के साथ लें. गिलोय जूस किसी भी आयुर्वेदिक दवा की दुकान जैसे पतंजलि स्टोर पर मिल जायेगा.
हरड़ से अन्य उपचार व उपयोग
पित्त के विकार : अगर किसी को पूरे शरीर में जलन महसूस हो और उसे ठंडे वातावरण में आराम मिलता हो तो यह पित्त विकार के लक्षण हैं. इन लक्षणों को ठीक करने के लिए 3-6 ग्राम हरड़ का पाउडर दूध में मिश्री पीसकर मिलाये मीठे दूध के साथ लें.
उलटी या जी मिचलाना : अगर उबकाई या उलटी हो रही है या जी मिचला रहा है तो हरड़ का चूरन शहद के साथ लेने से राहत मिलती है.
तिल्ली बढ़ना | Harad for Spleen enlargement : चीनी या शक्कर के साथ 2-4 ग्राम हरड़ का पाउडर लेने से बढ़ी हुई तिल्ली ठीक होती है. तिल्ली या प्लीहा खून को फ़िल्टर करने का काम करता है.
पेशाब में जलन : 2-5 ग्राम हरड़ पाउडर 1 चम्मच शहद में मिलाकर दिन में 2 बार लें.
घाव भरने में : हरड़ शरीर के घाव भरने में भी सक्षम माना गया है. घाव को साफ करके हरड़ पाउडर के पानी से धो दें. पहले हरड़ पाउडर और पानी मिलाकर उबाल लें, फिर ठंडा होने पर प्रयोग करें.
सर्दी-जुकाम और खांसी की समस्या | Harad for cough & cold
हरड़ कफ़ दोष नाशक है. अगर सर्दी और खांसी की समस्या है तो हरड़ पाउडर शहद के साथ लें.
अगर पुरानी खांसी ठीक न हो रही हो तो हरड़ चूर्ण को आंवला और मुलेठी पाउडर के साथ लें. हरड़ का सेवन फेफड़ों के रोग, ब्रोंकाइटिस आदि में भी फायदेमंद है.
गले की खराश : अगर जुकाम और बलगम की वजह से गले में खराश या इन्फेक्शन की समस्या है तो एक चम्मच हरड़ पाउडर, थोड़ा नमक गर्म पानी में मिलाकर गरारा करें.
हरड़ मधुमेह में | Harad for Diabetes in hindi – हरड़ का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल संतुलित रहता है और इन्सुलिन लेवल बढ़ता है।
बाजार में उपयोग के लिए शोधी हरड़, हरड़ पाउडर, हरड़ टेबलेट, हरड़ का मुरब्बा, कच्ची हर्रे मिलती है। शोधित हरड़ का स्वाद चटपटा और मजेदार होता है। यह फायदेमंद और असरदार भी है, इसे अवश्य प्रयोग करके देखें।
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हरड़ चूर्ण के नुकसान, हरड़ की तासीर | Hard side effects
हरड़ की तासीर गर्म होती है। गर्भवती स्त्री या दूध पिलाने वाली माताओं को हरड़ का सेवन नहीं करना चाहिए. 5 साल से छोटे बच्चे और बहुत पतले लोग हरड़ न लें. अगर आप बहुत थके हो, बहुत प्यासे या भूखे हों, बुखार हो, शरीर में कहीं अकड़न हो, ब्लीडिंग हो रही हो तो हरड़ का सेवन न करें।
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source : https://www.verywellhealth.com/the-benefits-of-haritaki-88828