Kochiya Plant : गर्मियों के मौसम के लिए कोचिया प्लांट एक बढ़िया पौधा है क्योंकि ये कड़ी धूप के दिनों में भी खूब हरा-भरा बना रहता है। कोचिया का पौधा लगाना और देखभाल करना भी आसान है। ये एक अच्छा Decorative plant है जो आपके घर की खिड़की, बालकनी, लॉन, गार्डन की शोभा बढ़ाता है।
Table of Contents
कोचिया का पौधा कैसा होता है, कोचिया के फायदे | Kochia plant benefits | Bassia scoparia
कोचिया हल्के हरे रंग की पतली, लंबी, नर्म पत्तियों का पौधा है। कोचिया के अन्य नाम समर साइप्रस, बर्निंग बुश, रैगवीड, बेलवेडेयर भी है। इसका बोटैनिकल नाम Bassia scoparia है। यह मूलतः जापान, फ्रांस का पौधा है लेकिन भारत में लोग इसे गर्मियों में लगाना खूब पसंद करते हैं। इसे क्यारी, गमले, रास्ते के दोनों तरफ या बाड़ (boundary or hedge) की तरह लगाने पर सुंदर लुक देता है।
गरमी का मौसम शुरू होते ही कोचिया का पौधा लगाया जा सकता है। गरमी के मौसम में जब फूलों और हरियाली की कमी हो जाती है, कोचिया प्लांट की हरियाली आँखों को अच्छी लगती है। कोचिया के पौधे में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, एंटी-इंफलेमेटोरी, एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं।
आमतौर पर कोचिया की 2 प्रजातियाँ मिलती हैं जिसमें एक बड़े साइज़ की प्रजाति और दूसरी छोटे साइज़ की प्रजाति होती है। कोचिया की छोटी प्रजाति के पौधे सदाबहार होता है यानि यह साल भर हरा-भरा रहता है। इसके पौधे की ऊंचाई 1.5-2 फुट और फैलाव 1-1.5 फुट तक होती है। इसमें हल्के पीले रंग के छोटे फूल आते हैं।
बड़ी प्रजाति के कोचिया प्लांट की ऊंचाई करीब 1-3 फुट तक और फैलाव 1-2 फुट तक हो सकता है। इस प्रजाति के पौधे अपने जीवनकाल में अलग-अलग रंग बदलता है। इसके छोटे पौधे का रंग धानी हरा, बड़े पौधे का रंग डार्क हरा और पुराने पौधे का रंग लाल-हरा सा हो जाता है। ये प्रजाति सीज़नल होती है यानि ठंडी का मौसम शुरू होते तक इस पौधे का जीवनकाल पूरा होने लगता है।
A: कोचिया आउटडोर पौधा है लेकिन इसे इनडोर भी ऐसी जगह लगाया जा सकता है जहाँ सूरज की धूप या रोशनी आती हो।
A: गर्मी का मौसम यानि गर्मी शुरू होते ही कोचिया के बीज, पौधे लगाना शुरू कर सकते हैं।
A: कोचिया में बरसात के अंत तक (May-August) छोटे-छोटे लाल रंग के फूल निकलते हैं। कोचिया के फूल सूखने पर उनसे कोचिया के बीज प्राप्त किये जा सकते है जिसे बोकर कोचिया के पौधे तैयार किये जा सकते हैं
A: कोचिया का पौधा 1-2 साल तक चलता है।
कोचिया का पौधा कैसे लगाए | How to grow Kochia plant
कोचिया का पौधा 2 तरीकों से 1) बीज बोकर 2) कटिंग लगाकर तैयार किया जा सकता है। कोचिया के पौधे किसी नर्सरी से खरीद सकते हैं। गमले में कोचिया लगाने के लिए मिट्टी+कोकोपीट या बालू +गोबर खाद या जैविक खाद, इन तीनों चीजों को बराबर मात्रा में मिलाकर भर लें।
कोचिया के बीज फरवरी के अंतिम सप्ताह से मार्च तक बो देना चाहिए जिससे तेज गरमी पड़ने तक कोचिया का पौधा बड़ा हो जाए। कोचिया के बीज करीब 1-2 सेंटीमीटर गहरा गड्ढा करके किसी छोटे गमले, मिट्टी के बर्तन या प्लास्टिक के गिलास में मिट्टी व खाद भरकर बो सकते हैं।
दूसरा तरीका ये है कि गमले में मिट्टी पर पानी डालकर छोड़ दें, थोड़ी देर में जब पानी समा जाए तो कोचिया के बीज फैला दें और ऊपर से 1-2 सेंटीमीटर मिट्टी की परत फैला दें। बीज लगाकर थोड़ा पानी दें। गमले को ऐसी जगह रखें जहाँ सीधी धूप न आती हो।
1-2 दिन में थोड़ा सा पानी देते रहें जिससे गमले में मिट्टी न सूखे, नमी बनी रहे। कोचिया के बीज बोने के करीब 7-10 दिन बाद छोटा पौधा निकल आता है। करीब 1 महीने मे यह पौधे 5-6 सेंटीमीटर के हो जाते हैं। इसके बाद आप कोचिया को किसी बड़े गमले या क्यारियों में लगा सकते हैं। कम से कम 9-12 इंच साइज़ के गमलों में कोचिया प्लांट लगाएं। एक गमले में एक ही पौधा लगाएं व जमीन में लगाएं तो पौधों के बीच 1.5-2 फुट का अंतर रखे।
कोचिया की कटिंग कैसे लगाए | Grow Kochia from cutting
कोचिया की कटिंग लगाकर भी नया पौधा तैयार कर सकते है। कोचिया के पुराने पौधे से 4-5 इंच लंबी शाखा काट लीजिए। इस कलम में नीचे के 1 इंच लंबाई की सारी पत्तियाँ तोड़ लीजिए, यह भाग मिट्टी के अंदर रहेगा। कोचिया की कलम को किसी छोटे गमले या पतली प्लास्टिक के गिलास में मिट्टी और गोबर खाद भरकर लगा दें। इसमें थोड़ा सा पानी डाल दें और 1-2 दिन में जब भी मिट्टी सूखी लगे, थोड़ा पानी देते रहें। करीब 7-10 दिन में कोचिया की कलम से जड़ें निकलने लगेंगी।
कोचिया प्लांट की केयर कैसे करे | Kochia plant care
कोचिया के पौधे को बहुत केयर या मेंटीनेंस की जरूरत नहीं होती है। यह नियमित पानी देने और मामूली देखभाल से भी चल जाता है।
पानी – कोचिया में बराबर पानी देने की जरूरत होती है। 1 दिन के गैप पर पानी डालते रहें। गमले की मिट्टी में एक्स्ट्रा पानी रुका नहीं रहना चाहिए।
धूप – इसे सीधे धूप में रख सकते हैं या कम से कम ऐसी जगह रखें जहाँ 5-6 घंटे धूप आए। कोचिया प्लांट खुली धूप में भी अच्छा चलता है।
खाद – कोचिया प्लांट में बहुत खाद डालने की आवश्यकता नहीं है, ये मिट्टी से जरूरी पोषक तत्व प्राप्त कर लेते हैं। अगर मिट्टी में पोषक तत्वों की कमी है तो महीने में 1 बार 1 चम्मच नाइट्रोजन युक्त खाद जैसे NPK खाद डाल सकते हैं।
रोग और कीट – इस पौधे में शायद ही कभी कोई रोग होता है या कीट-कीड़े लगते हैं।
तो गर्मी के मौसम में हरियाली लाने के लिए कोचिया का पौधा (Kochia plant) जरूर लगाए और अपने घर की सुंदरता बढ़ाए। आप यह पोस्ट अपने बागवानी प्रेमी दोस्त, परिचितों को व्हाट्सप्प शेयर जरूर करें, जिससे अन्य लोग भी ये जानकारी पढ़ सकें।
ये भी पढ़ें >
मनी प्लांट के 15 बेस्ट केयर टिप्स से खूब हरा-भरा रहेगा
गर्मियों में जरूर लगाएं सुंदर फूल का पौधा पोर्टूलाका प्लांट
ZZ प्लांट लगाने के फायदे और कैसे लगाए
जेड प्लांट के फायदे और कैसे लगाए
Ek paudhe mein kitne litre Pani ki jarurat hai
Litre exact nahi bataya ja sakta kyunki ye paudhe ki variety (kism), height, mitti, hawa, mausam par nirbhar karta hai. har paudhe ke pani ki jarurat alag hoti hai. Ise dekhkar hi samjhna hota hai. Kochia gamle me hai aur extra pani nikalne ke liye gamle me chhed hai to rojana 1 bar 1 glass pani (200-250ml) dale.