पर्यावरण संरक्षण के उपाय – Essay on Environment conservation in hindi
इस निबंध में हम आपको ऐसी अत्याधुनिक ग्रीन टेक्नोलॉजी (Green technologies) के बारे में बताएंगे जो हमारी भावी पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित (Harmless) और सुखकर बनाने में सक्षम होंगी.
आप जानते हैं कि विविध कारणों से हमारा पर्यावरण लगातार नष्ट होता जा रहा है लेकिन दुनिया में ऐसे बहुत से जुनूनी लोग हैं जो Environment Conservation के लिए जी-जान से प्रयास कर रहे हैं और उनका काम सतत व चुनौतीपूर्ण है.
पर्यावरण संरक्षण के सरल उपाय :
- घर की खाली जमीन, बालकनी, छत पर पौधे लगायें
- ऑर्गैनिक खाद, गोबर खाद या जैविक खाद का उपयोग करें
- कपड़े के बने झोले-थैले लेकर निकलें, पॉलिथीन-प्लास्टिक न लें
- खिड़की से पर्दे हटायें, दिन में सूरज की रोशनी से काम चलायें
- सोलर पैनल लगवायें, सोलर कुकर में खाना बनायें
- लीक हो रहे नल ठीक करवायें। शॉवर लेने की बजाय बाल्टी से नहायें
- बल्ब की जगह पर सीएफ़एल या एलईडी बल्ब लगायें
- आस-पास जाने के लिए बाइक की बजाय साइकिल, पैदल जायें
- लोगों को बर्थडे, त्योहार पर पौधे गिफ्ट करें
- कमरे से निकलने पर टीवी, लाइट, फैन, एसी बंद कर दें
- कपड़ा धोने से बचे पानी को पौधों में डाल दें या जमीन धोएं
- प्लास्टिक बोतल की जगह कांच, स्टील या तांबे की बॉटल प्रयोग करें
- शाकाहारी बनें, मांसाहार का सेवन कम करें या बंद करें
- मंजन या शेविंग करते समय मग में पानी लें, नल न चलायें
- बिना उपयोग मोबाईल, लैपटॉप चार्जर को प्लग में न लगे रहने दें
- प्लास्टिक कप, प्लेट की जगह मिट्टी के कुल्हड़, कागज या पत्ते के बने प्लेट अपनायें
- प्लास्टिक के खाली डब्बों में सामान रखें या पौधे लगायें
- गाड़ी के पहिये में हवा चेक करवाते रहें इससे पेट्रोल बचता है
- लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का उपयोग करें
- कागज के दोनों तरफ प्रिन्ट लें, फालतू प्रिन्ट न करें
- खुद की गाड़ी के बजाय ट्रेन, बस, मेट्रो, शेयर कैब से यात्रा करें
- अच्छी इलेक्ट्रिसिटी सेविंग रेटिंग वाले उपकरण खरीदें
- महंगे एयर प्युरीफायर की बजाय हवा साफ करने वाले पौधे लगायें
आज दुनिया में कुछ ऐसे होनहार इंजीनियर्स हैं जो वैकल्पिक ऊर्जा (Alternative energy) की नित नई व्यावहारिक योजनाएं सामने ला रहे हैं.
1. कार्बन डाई-ऑक्साइड कम करना – Reduce Carbon Dioxide emissions :
हमारे पर्यावरण को बिगाड़ने में कार्बन डाई-ऑक्साइड के बढ़ते स्तर का सर्वाधिक योगदान है.
कुछ इंजीनियर्स यह मानते हैं कि हम वातावरण में मौजूद Carbon Dioxide को कुछ विधियों से खींचकर या सोखकर उसे द्रव अवस्था में पृथ्वी की सतह के भीतर स्टोर करके रख सकते हैं या आगे कभी उपयोग में ले सकते हैं.
इस दिशा में अनेक लोग प्रयास कर रहे हैं तथा तकनीकों को विकसित कर रहे हैं.
2. व्यर्थ हो जानेवाली ऊष्मा का उपयोग – Use of Wasted Heat :
हाल ही में एक नई टैक्नोलॉजी सामने आई है जिसका संबंध विद्युत (Electricity) से है. गाड़ियों के एग्ज़ॉस्ट पाइप या एयर-कंडिशनर से निकलनेवाली ऊष्मा को कैद करके बिजली बनाने में उपयोग में लिया जा सकता है.
इस काम में किस प्रकार की मिश्रधातुओं व सामग्री (Alloy material) का उपयोग किया जाना चाहिए इसे लेकर अभी बहुत सी बातें स्पष्ट नहीं हैं लेकिन इसपर काम किया जा रहा है.
3. पानी को नमकरहित बनाना – Desalinization of Sea Water :
दुनिया में ऐसी बहुत सी जगह हैं जहां पानी बहुत मूल्यवान है. बहुत से क्षेत्र पानी की कमी का संकट झेल रहे हैं.
कई जगहों में पानी का खारापन दूर करने के लिए प्लांट लगाए गए हैं लेकिन उनका उपयोग बहुत खर्चीला है और केवल संपन्न देश ही उन्हें लगा सकते हैं. इन प्लांट्स की तकनीक सक्षम और सस्ती नहीं है.
इससे पहले कि धरती पर पानी को लेकर त्राहि-त्राहि होने लगे, हमें ऐसी तकनीक विकसित करनी होगी कि धरती में पानी की प्राकृतिक आपूर्ति में कमी न आने पाए.
पानी के खारेपन को दूर करनेवाली तकनीकों पर बहुत अधिक काम किया जा रहा है. आप किसी भी क्षेत्र से संबंधित हों लेकिन इस दिशा में काम कर रहे लोगों की सहायता करके आप पर्यावरण संरक्षण में अपना मूल्यवान योगदान दे सकते हैं.
4. महासागरों और सौर ऊर्जा का उपयोग – Solar Power & Marine energy :
महासागरीय ताप ऊर्जा रूपांतरण (Ocean Thermal Energy Conversion) एक नई ऊर्जा तकनीक है जिसमें समुद्र के पानी में व्याप्त ऊष्मा को बिजली में बदलने की दिशा में काम किया जा रहा है.
ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि समुद्र में अनेक स्थानों पर पानी के तापमान में अंतर होता है. समुद्र की ऊपरी सतह गर्म और भीतरी सतहें ठंडी होती हैं.
तापमान के इस अंतर से टरबाइनें चलाई जा सकती हैं जो Generators की मदद से बिजली बनाती हैं. यह तकनीक अभी शैशवकाल में है और इसे अधिक सक्षम बनाने के प्रयास जारी हैं.
ऊपर बताई गई कई तकनीकें भविष्य को निखारने की दिशा में पहले कदमों की भांति हैं.
यदि हमारे पास पर्याप्त संख्या में कुशल वैज्ञानिक और इजीनियर्स हों तो हमपर्यावरण संरक्षण से संबंधित विकराल समस्याओं के समाधान खोज सकते हैं.
जिस गति से आजकल Technology के क्षेत्र में बदलाव आ रहा है, सम्भवतः वह दिन दूर नहीं जब पर्यावरण संरक्षण (Environment Conservation) सम्बन्धी इन समस्याओं का समाधान हमारे सामने होगा.
आपको इन जैसी अन्य तकनीकों के बारे में Universities और Internet पर भरपूर सामग्री मिल सकती है.
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Nice post.
बेहतर जानकारी दी है आपने। इससे कुछ हद तक पर्यावरण संरक्षित हो सकेगा।
अत्यंत उपयोगी आलेख । साधुवाद एवं अभिनंदन ।
very good information
अद्भुत पोस्ट! अच्छी जानकारी दी है