ऐस्ट्रनॉट के बारे में रोचक बातें : स्पेस में गुरुत्वाकर्षण बल (Gravity) न होने से अंतरिक्ष यात्री को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। एस्ट्रोनॉट अंतरिक्ष में रॉकेट के अंदर किस प्रकार अपनी दिनचर्या करते हैं पढ़ें इसकी रोचक जानकारी।
Life in space for Astronauts in hindi –
1) आप ध्यान से देखेंगे तो पायेंगे कि अंतरिक्ष यात्री ज्यादातर फोटोज़, Live Video में Astronauts हाथ बांधे (Folded Hands) हुए नजर आते हैं. हमें ऐसा लग सकता है कि ये तो एक सामान्य बात है पर असलियत कुछ और ही होती है.
ये रोचक सवाल एक व्यक्ति ने अंतरिक्ष यात्री Scott Kelly से पूछा। ये सवाल Reddit वेबसाईट के एक खास प्रोग्राम AMA( Ask Me Anything) में पूछा गया। लोग कोई भी सवाल पूछ सकते थे और उसका जवाब पृथ्वी से सैकड़ों किलोमीटर दूर International Space Station से स्कॉट केली Live जवाब दे रहे थे।
Scott Kelly एक अमेरिकन एस्ट्रोनॉट हैं जोकि अंतरिक्ष में 520 दिन (1 साल 5 महीने 5 दिन) रह चुके हैं। Scott Kelly ऐसे पहले अमेरिकन अंतरिक्षयात्री हैं जिन्होंने लगातार एक साल से ज्यादा समय अन्तरिक्ष में बिताया.
उस सवाल के जवाब में Scott Kelly ने बताया – अन्तरिक्ष में इस तरह हाथ मोड़े रहने का एक खास कारण होता है. आप हाथ अपने साइड में नहीं रख सकते जिस प्रकार कि हम पृथ्वी पर रखते हैं.
कारण हैं गुरुत्वाकर्षण शक्ति का न होना. इसलिए अगर आप अपने हाथ मोड़ कर न रखे तो वो इधर-उधर हिलते रहते हैं. चूंकि ऐसा बड़ा ही असुविधाजनक होता है अतः हाथ मोड़ कर रखना ही सबसे आसान तरीका है.
Scott Kelly ने आगे कहा – मुझे बड़ा अजीब लगता है जब मेरे हाथ मेरे आगे Frankenstein के जैसे तैरते रहते हैं. इसलिए मैं हाथ मोड़े (Folded Hands) रखता हूँ और सोते समय भी हाथों को स्लीपिंग बैग के अन्दर रखता हूँ.
2) अंतरिक्ष में शौच-मूत्र विसर्जन कैसे करते हैं ?
अगर रॉकेट से कोई छोटी यात्रा है तो अंतरिक्ष यात्री एक स्पेशल डायपर MAG प्रयोग करते हैं। लेकिन अगर अंतरिक्ष में कुछ दिन बिताने होते हैं तो स्पेशल टॉइलेट प्रयोग करना होता है जोकि ज़ीरो ग्रैविटी में भी काम करते हैं।
आप सोचेंगे कि ग्रैविटी नहीं होंगी तो सब उड़ने लगता होगा मगर ऐसा नहीं है। इसके लिए टॉइलेट में पॉवरफुल वैक्युम क्लीनर लगे होते हैं जोकि सभी अपशिष्ट को खींच लेते हैं। इस Toilet में पानी नहीं प्रयोग होता, पेपर वाइप या वेट वाइप प्रयोग करते हैं।
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3) अंतरिक्ष यात्री स्पेस में पानी लेकर जाते हैं या बनाते हैं ?
Astronauts द्वारा प्रयोग होने वाला ज्यादातर पानी पृथ्वी से ही लोड करके ले जाया जाता है। गंदे पानी को मशीन से Recycle भी किया जाता है।
ऐस्ट्रनॉट नहाने के लिए शॉवर नही लेते बल्कि कपड़े को गीला करके शरीर को पोंछते हैं। Space में खास तरह का Rinse less soap और Shampoo प्रयोग करते हैं जिसे छुड़ाने के लिए बहुत कम पानी लगता है।
4) ऐस्ट्रनॉट के स्पेस सूट की खासियतें – about Space suit in hindi :
Space में बाहर जाते समय अंतरिक्षयात्री Space Suit पहनते हैं। ये स्पेस सूट बहुत स्पैशल मटेरियल से बना होता है। Space suit का वजन 127 किलोग्राम के लगभग होता है।
इस सूट में न तो आग लग सकती हैं और न ही गर्मी से पिघल सकता है। ये सूट खगोलयात्री को अत्यधिक ठंडी (-270 डिग्री सेंटीग्रेड) और बहुत ज्यादा गर्मी (1260 डिग्री सेंटीग्रेड) से बचा सकता है।
#अंत में एक ऐसी कहानी जिसे आपने कई बार इंटरनेट, फ़ेसबुक पर पढ़ा होगा, यकीन भी कर लिया होगा मगर ये असल में एकदम कोरी गप्प है।
कहानी ये है कि जब American Astronauts को पता चला कि Space में पेन से लिखना संभव नहीं है तो NASA ने मिलियन डॉलर्स खर्च करके एंटी-ग्रेविटी पेन बनाई, जबकि रशियन अंतरिक्षयात्रियो ने इसके उलट पेंसिल से ही लिख कर अपना काम चला लिया. असल में यह कहानी बस एक Myth है इसका वास्तविकता से कोई सम्बन्ध नहीं है.
इन सब बातों से आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि अंतरिक्ष यात्री स्पेस में किस प्रकार जीवन व्यतीत करते हैं। ऐस्ट्रनॉट के बारे में जानकारी दोस्तों को बताने के लिए फ़ेसबुक, व्हाट्सप्प पर शेयर जरूर करें जिससे अन्य लोग भी ये जानकारी पढ़ सकें.
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