Portulaca plant in hindi : पोर्टुलाका या दस बजिया रंग -बिरंगे सुन्दर फूलों वाला एक पौधा है, जोकि जमीन पर घास की तरह फैलता है। आसानी से लगने वाला यह पौधा बहुत ज्यादा देखभाल या पानी भी नहीं मांगता और कड़ी धूप भी सहन कर लेता है। यह गर्मी में फूल देने वाला पौधा है।
पोर्टुलाका या दस बजिया फूल, नोबची के फूल | Moss Rose or Portulaca hindi name
पोर्टुलाका को हिन्दी में 10 बजिया फूल या नौबजिया फूल, दोपहर खिड़ी, नोबची घास, गुल दुपहरी, घड़ी फ्लावर भी कहा जाता है। पोर्टुलाका को इंग्लिश में 9 o’clock or 10 o’clock flower, Sun Rose, Moss Rose के नाम से भी जाना जाता है।
पोर्टुलाका का बोटैनिकल नाम पोर्टुलाका ग्रैंडिफ्लोरा (Portulaca Grandiflora) है। इसके फूल हर रोज सुबह की धूप के साथ खिलते हैं और सूर्यास्त के बाद बंद होने लगते हैं। ऐसी मान्यता है कि नोबची फूल का पौधा घर में लगाने से धन-समृद्धि आती है और पैसा बढ़ता है।
लॉन के किनारे क्यारियों, गमले, रास्ते के दोनों तरफ लगे पोर्टुलाका के पौधे बहुत खूबसूरत लगते हैं। इसके फूल कई रंगों में मिलते हैं जैसे लाल, ऑरेंज, क्रीम, बैंगनी, सफ़ेद, पीला, गुलाबी, गाढ़ा बैंगनी आदि।
इसके पौधों की लम्बाई 6 इंच से 1 फीट तक होती है। इसकी पत्तियाँ मांसल और मोटी होती हैं। ऊंचाई से डोरी में लटकने वाले गमलों में इसके पौधे गज़ब के लगते हैं, क्योंकि इसकी फूलों भरी लताएँ बढ़कर गमले से लटकने लगती हैं।
पोर्टुलाका की देखभाल | Portulaca Care
पोर्टुलाका (Portulaca) किसी भी तरह की मिटटी में लगाया जा सकता है, पर बलुई मिट्टी हो तो अच्छा रहेगा। इसे गमले में लगायें तो ध्यान रखें कि पानी न रुके और खुली धूप मिले. धूप और सूखे में भी यह पौधा बरक़रार रहता है।
इस पौधे के बीज आस-पास गिरते रहते हैं, जिससे यह पौधा जमीन या गमले में फैलता जाता है। इसे रोज-रोज पानी देने की जरुरत नहीं है और जब पानी दें तो भी बहुत ज्यादा की आवश्यकता नहीं है। ज्यादा पानी देने से इसकी जड़ें सड़ने लगेंगी।
अगर कड़ी ठंड या बर्फबारी में इसके पौधे नष्ट हो जाएँ तो भी कोई चिंता की बात नहीं। मौसम ठीक होने पर पौधे के आस-पास छिटके हुए इसके बीज फिर से नए पौधे तैयार करने लगते हैं। जब धूप नियमित निकलने लगे तो इसे थोड़ा पानी दें, यह फिर पनपने लगेगा।
पोर्टुलाका कैसे लगायें | How to germinate Portulaca seeds
अगर आप पोर्टुलाका के बीज (Portulaca Seeds) बो रहे हैं तो इन बातों का ध्यान दें। बीज बहुत गहरे दबाने की जरुरत नहीं है. जमीन 1-2 इंच खोदकर भुरभुरी कर लें, फिर बीज फैला दें। अब हाथ मिटटी पर ऐसे घुमाएँ कि बीज मिट्टी में हल्का सा मिक्स हो जाएँ।
इसके बीज को अंकुरित होने में सूर्य के प्रकाश की भी आवश्यकता होती है इसीलिए ये अंदर दबाये नहीं जाते। इसके बाद पानी का छिड़काव कर दें। 10 से 14 दिन में पौधे बनना शुरू होने लगेंगे। इस बीच जब भी मिटटी सूखी लगे तो पानी का छिड़काव कर दें। बहुत ज्यादा पानी से तर करने की आवश्यकता नहीं है।
अगर क्यारी में पोर्टुलाका का पौधा लगा रहें हैं तो 6-7 इंच के अंतर पर लगायें। पोर्टुलाका के फूल तितली और मधुमक्खियों को भी आकर्षित करते है और आपके बगीचे को खुशनुमा बनाते हैं।
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