Cocopeat in hindi : कोकोपीट अपनी कई खसियतों की वजह से पौधों की मिट्टी (Potting soil) में मिलाया जाता है. पौधा लगाते समय कोकोपीट का उपयोग पौधे की अच्छी बढ़त और लंबी उम्र के लिए फायदेमंद होता है। यह बहुत महंगा नहीं है और घर पर भी बनाया जा सकता है।
Table of Contents
कोकोपीट क्या होता है | What is Cocopeat
नारियल के रेशेदार छिलके को कूटकर जो चूरा (Coir dust) और टूटे रेशे निकलते हैं, उस मिक्स को कोकोपीट कहा जाता है। आपने देखा होगा कि नारियल छीलते समय भी भूसी जैसा (Coconut husk) झड़ता है जोकि नारियल के रेशे टूटने से निकलता है।
कोकोपीट का उपयोग | Cocopeat uses
आजकल जगह की कमी से वजह से ज्यादातर लोग जमीन की बजाय गमलों में पौधे लगाते हैं या Roof Garden बनाते हैं, ऐसे गमलों में कोकोपीट का प्रयोग बहुत लाभदायक है।
मिट्टी रहित खेती (Hydroponics) में भी मुख्यतः कोकोपीट ही प्रयोग किया जाता है. इसके अलावा ग्रीन हाउस, नर्सरी, किचन गार्डन, बीज रोपण, नये पौधे तैयार करने में भी कोकोपीट का प्रयोग फायदेमंद होता है।
– यह गमले वाले पौधे, इनडोर प्लांट्स, कैक्टस, सकलेंटस, Hanging basket वाले पौधों के लिए अच्छा काम करता है।
– पौधे लगाने के लिए गमले में मिट्टी : गोबर की खाद या वर्मी काम्पोस्ट : कोकोपीट का अनुपात 2:1:1 का होना चाहिए। मतलब मिट्टी में 1/4 भाग कोकोपीट होना चाहिए।
कोकोपीट के फायदे | Cocopeat benefits
1) गमले की मिट्टी में कोकोपीट मिलाने से मिट्टी टाइट नहीं होती, जिससे जड़ों को बढ़ने में आसानी होती है और पोषक तत्व भी पौधे को मिलते हैं।
2) कोकोपीट बीज रोपने के लिए बहुत अच्छा है क्योंकि कोकोपीट प्राकृतिक रूप से ही एंटी-फंगल होता है यानि फंगस नहीं लगने देता।
3) कोकोपीट में पानी को सोखने की क्षमता होती है इसलिए ये पौधे को सूखने नहीं देता, जरूरी नमी देता है और फालतू पानी निकाल देता है। इसलिए पौधा ज्यादा पानी देने (over watering ) या कम पानी देने (under watering) की गलती से सुरक्षित रहता है।
4) इन गुणों के अलावा कोकोपीट खुद भी कई पोषक तत्व नाइट्रोजन, पोटैशियम, फॉसफोरस, मैगनीशियम, कॉपर, जिंक आदि होते हैं जोकि पौधे की बढ़त के लिए जरूरी हैं।
5) कोकोपीट का pH level 5.7 से 6.5 के लगभग होता है जोकि पौधे की बढ़त (Plant growth) के लिए उपयुक्त (ideal) है।
6) मिट्टी में कोकोपीट मिलाने से बीमारियाँ, कीट, Weeds (खर-पतवार) की समस्या खत्म हो जाती है।
7) कोकोपीट 100% ऑर्गैनिक यानि जैविक पदार्थ है जोकि पर्यावरण और मनुष्य दोनों के लिए सुरक्षित है। इसे आसानी से Reuse और Recycle किया जा सकता है।
8) इसे मिलाने से पौधों में बहुत ज्यादा पानी भी नहीं देना पड़ता और पौधों की उम्र बढ़ती है।
9) अच्छी Water holding capacity होने के बावजूद कोकोपीट पानी का उचित निकास और मिट्टी में हवा का संचरण (aeration) बनाए रखता है।
10) कोकोपीट कई सारे न्यूट्रीशन से भरपूर है इसलिए पौधे में अन्य खाद मिलाने की जरूरत भी नहीं होती।
11) गमले की मिट्टी में लोग बालू मिक्स करते हैं जिससे पानी का Drainage सही से हो। Cocopeat बालू का अच्छा विकल्प है जोकि सही Drainage के साथ ही पोषक तत्व देने का भी काम करता है।
12) अगर गमले की मिट्टी के ऊपर 1 इंच कोकोपीट की पर्त (layer) बिछा दी जाए तो इससे भी पौधे का पानी जल्दी नहीं सूखता, नमी बनी रहती है, साथ ही घास या खर-पतवार नहीं उगती।
कोकोपीट कहां से खरीदें | Buy Cocopeat in India
यह ब्लॉक के रूप में नर्सरी और ऑनलाइन शॉप से मिलता है। आप चाहे तो खुद भी घर पर कोकोपीट बना सकते हैं। 1 नारियल से करीब 100 ग्राम छिलका निकलता है जिसे कूट-पीसकर चूरा और रेशे के छोटे टुकड़े मिलते हैं।
अगर आप कोकोपीट ऑनलाइन खरीदना चाहें तो ये लिंक देख सकते हैं >
कोकोपीट घर पर कैसे बनाएं, कोकोपीट बनाने का तरीका | Cocopeat kaise banaye
नारियल का छिलका निकालकर पहले हाथ से रेशों को अलग-अलग कर लें। इन रेशों को मिक्सर-ग्राइन्डर में डालकर चलायें। चूंकि ये वजन में हल्का होता है इसलिए एक बार चलाने से पूरा चूरा नहीं बनता है।
आप मिक्सर चलाने के बाद जो चूरा मिलता है उसे अलग कर लें, बाकी बचे रेशों को 2-3 बार मिक्सी में चलाकर चूरा और रेशे के छोटे टुकड़े बना लें। आप नीचे वीडियो भी देख सकते हैं जिससे आप इसे बनाने का तरीका समझ सकते हैं।
कोकोपीट प्रयोग करने का तरीका
बाजार से जो कोकोपीट ब्लॉक के रूप में मिलता है वो नारियल के चूरे को कम्प्रेस करके बनाया गया होता है। कम्प्रेस होने की वजह से ये देखने में कम लग सकता है लेकिन 1-1.5 Kg का ब्लॉक कई गमलों के लिए काफी है।
इस ब्लॉक को पहले आप किसी ट्रे या टब में डालकर 2-3 लीटर पानी डालें। 2-3 घंटे में यह पूरा पानी सोखकर अपने साइज़ का 2-3 गुना हो जाएगा। इसमें तब तक पानी डालें जब तक ये पानी सोखता रहे।
1 किलो वजन का कोकोपीट ब्लॉक करीब 7 लीटर पानी सोख सकता है।
ये Cocopeat block अगर पानी से अच्छी तरह तर नहीं होगा तो इसे तोड़ना मुश्किल होता है। जब यह तोड़ने में नरम हो जाए तो इसे ब्लॉक को हाथ से तोड़कर मसल लें जिससे चूरा-चूरा अलग हो जाए। अब कोकोपीट गमले में प्रयोग के लिए तैयार है।
आप चाहें तो कोकोपीट के इस नम मिक्स्चर को किसी पॉलिथीन बैग में भरकर बाद में प्रयोग के लिए भी रख सकते हैं। यह खराब होता या सड़ता नहीं है। अगर पानी ज्यादा हो जाए तो 1-2 दिन धूप में रख सकते हैं जिससे कि फालतू पानी उड़ जाए।
ये भी पढ़ें :
15 लकी पौधे घर में लगाने के लिए और उनके लाभ
मधुमालती की महकती लता कैसे लगायें ? इसके फायदे
पोर्टूलाका का पौधा लगायें, कम केयर में भी खूब चले
गमले में धनिया बोने का तरीका सीखें
घर की हवा साफ करने वाले 25 पौधों की लिस्ट
ऐसे 9 पौधे जिन्हे कम देखभाल की जरूरत होती है
रातरानी लगाकर घर महकायें, जाने इसके फायदे
कोकोपीट (Cocopeat) के बारे में जानकारी अपने बागवानी प्रेमी दोस्तों के साथ व्हाट्सअप्प, फ़ेसबुक पर जरूर शेयर करें जिससे कई लोग इस लेख को पढ़ सकें।
source : https://www.gardeningknowhow.com/garden-how-to/soil-fertilizers/planting-in-coco-peat-media.htm
It was good to know good interesting things about cocopeat in details
Thanks for such encouraging comment.
Thanks for giving information for cocopeat
आपके इस व्हिडीओ के माध्यम से कोकोपीट क्या हैं और इसके फायदेही समज आगये।
आपक बहोत बहोत धन्यवाद
Nice information about cocopeat
Nice information use to cocopeat
Nice information use to cocopeat
12September 2022
Thanks for such a very impressive information.