Basil leaves in hindi : तुलसी की पत्तियों को इंग्लिश में Basil leaves कहा जाता है। ये जानकर आपको गर्व होगा कि पवित्र तुलसी पूर्णतः भारतीय पौधा है, इसकी उत्पत्ति भारत में ही हुई है। भारत से ही तुलसी की ये प्रजाति (Holy Basil) दुनिया भर में फैली है।
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तुलसी की पत्ती के फायदे | Benefits of Basil leaves
सुबह के समय खाली पेट तुलसी पत्ती खाने के फायदे इस प्रकार हैं :-
- एंटीओक्सिडेंट से भरपूर तुलसी शरीर को स्वस्थ रखे
- शरीर की रोगों से लड़ने की ताकत को बढ़ाये
- यौन शक्ति और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन बढ़ाये
- दिमागी परेशानियों जैसे तनाव, निराशा, अवसाद कम करे और मूड ठीक करे
- शरीर का स्टैमिना यानि दमख़म बढ़ाये
- सर्दी-जुकाम, खांसी जैसे मौसमी रोगों को ठीक करे
- पाचन तन्त्र ठीक करे और मेटाबोलिज्म तेज करे
- बढती उम्र के असर कम करे
- एयर ट्रेवल से होने वाले जेट लैग से राहत
- तुलसी तंत्रिका तन्त्र को मजबूत करता है
तुलसी के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए?
तुलसी के 3-4 पत्ते चाय में मिलाकर पीना या तुलसी के पत्ते उबालकर पीना तुलसी सेवन का आसान तरीका है। एक (Adult) व्यस्क व्यक्ति 1 दिन में 1,100mg से 5,500mg तुलसी का प्रयोग कर सकता है, मतलब 1-1.5 चम्मच तुलसी का रस लेना पर्याप्त है।
भारत में मुख्यतः हरी और काली तुलसी सबसे ज्यादा प्रयोग होती है। पूजा में प्रयोग होने वाली इस हरी तुलसी को Holy Basil कहा जाता है। भारतीय तुलसी की पत्तियां छोटी होती हैं और स्वाद तेज होता है।
भारत में 5,000 सालों से तुलसी के फायदे का प्रयोग कई बीमारियों के इलाज में होता रहा है। आयुर्वेद में तुलसी को Queen of herbs यानि सभी जड़ी-बूटियों की रानी कहा गया है।
कहा गया है कि तुलसी के पत्ते बहुत चबाकर नहीं खाना चाहिए बल्कि दांतों से थोड़ा कूचकर निगल लेना चाहिए, इससे ज्यादा फायदा होता है।
आयुर्वेद का महत्वपूर्ण ग्रन्थ चरक संहिता 1,000 ईसा पूर्व लिखा गया था। उस चरक संहिता में तुलसी को अतुलनीय कहा गया है। मतलब तुलसी के गुण अद्भुत हैं और इसकी किसी से तुलना नहीं की जा सकती। इसे आध्यात्मिक उन्नति में सहायक कहा गया।
1) तुलसी की पत्तियाँ बुखार, जुकाम, सर्दी लगना, बलगम आना, खांसी, सिरदर्द, अस्थमा, पेट के कीड़े के लिए रामबाण इलाज माना जाता है। इसके अलावा ये हार्ट रोग, गठिया, पेट की एसिडिटी, आंख के रोग, कानदर्द, अनिद्रा, टीबी में भी फायदेमंद हैं।
तुलसी का बीज खाने से क्या फायदा?
2) तुलसी के बीज यौन रोग (Sex problems) के इलाज में अच्छा असर करती हैं। इसके लिए 5 ग्राम तुलसी के बीज (Tulsi seeds) रात को हल्के गर्म दूध के साथ लें। यह उपाय नपुंसकता, शीघ्रपतन ठीक करके और स्टैमिना बढ़ाता है।
तुलसी के पत्तों में कौन सा विटामिन होता है?
3) तुलसी में विटामिन A, विटामिन C, जिंक, आयरन, कैल्शियम, क्लोरोफिल व खनिज तत्व पाए जाते हैं। तुलसी का बोटैनिकल नाम Ocimum Tenuiflorum या Ocimum sanctum L है।
तुलसी की पत्ती दिमाग के लिए | Basil leaves for brain
1) आजकल तुलसी के Adaptogen गुण का बहुत प्रचार हो रहा है. आप जानते हैं कि मानसिक समस्यायें (Mental problems) हमारे जीवन का हिस्सा बन गयी हैं. लगभग हर कोई किसी न किसी तरह की टेंशन से ग्रस्त है. तुलसी के Adaptogen इससे राहत पाने का बेहतरीन इलाज हैं.
तुलसी के पूरे पौधे में Adaptogen पाए जाते है. ये एडाप्टोजन दिमाग को स्ट्रेस से राहत दिलाते है और दिमागी बैलेंस बनाते हैं. तुलसी इमोशनल, शारीरिक, इन्फेक्शन और केमिकल से होने वाले तनाव से मुक्ति दिलाने में सक्षम है.
2) तुलसी सत्व के रोजाना सेवन से लोगों ने खुद में स्ट्रेस, उलझन, बेचैनी और निराशा कम होना महसूस किया।
3) तुलसी (Basil leaf) दिमाग को डिप्रेशन, तनाव और घबराहट से राहत दिलाती है। तुलसी दिमाग के ऐसे न्यूरोट्रांसमीटर्स को एक्टिव करती है जोकि दिमाग में ख़ुशी और नई उर्जा के हार्मोन को एक्टिवेट करता है।
4) साइंटिस्ट ने देखा कि तुलसी की पत्तियों से बना Extract (सत्व) Anti-depressant और Diazepam दवाइयों के बराबर असर करने में कामयाब है वो भी बिना साइड-इफ़ेक्ट के।
तुलसी के फायदे विदेशी वैज्ञानिकों ने भी माने –
विदेशी वैज्ञानिकों ने भी आयुर्वेद में बताई गयी तुलसी की पत्ती के फायदे टेस्ट करके देखा है और माना है कि तुलसी का पूरा पौधा कई मेडिसिनल क्वालिटीज से भरपूर है।
तुलसी की पत्तियाँ (Basil leaves), तुलसी के बीज, तुलसी का तेल ये तीन चीजें मुख्यतः उपचार में प्रयोग की जाती हैं.
- तुलसी के ताजे फूल ब्रोंकाइटिस के इलाज में
- तुलसी की पत्तियों और तुलसी बीज को काली मिर्च के साथ मलेरिया के इलाज में
- तुलसी डायरिया, उलटी या जी मिचलाना के उपचार में
- कीड़े-मकोड़े काटने पर तुलसी का तेल लगाने से राहत मिलती है.
फॉरेन साइंटिस्ट ने रिसर्च में देखा कि तुलसी स्ट्रेस और डिप्रेशन, सेक्सुअल समस्याएँ, पारे का जहर( Mercury poisoning), अच्छी नींद न आने, भूलने की बीमारी और थकान की दिक्कतों को ठीक करने में फायदेमंद होता है.
तुलसी की पत्तियों के फायदे स्किन के लिए | Skin benefits of basil leaves
तुलसी स्किन को अंदर से साफ़ करती है. यह ऑयली स्किन के लिए बहुत अच्छा Cleanser है. तुलसी के एंटी-माइक्रोबियल गुण स्किन को कील-मुंहासे से बचाते हैं। इसके लिए तुलसी की पत्तियां कूटकर और चन्दन का पेस्ट लेकर दोनों को गुलाब जल में मिलाकर चेहरे पर 20 मिनट तक लगायें फिर धो लें।
तुलसी की पत्तियाँ पाचन के लिए –
1) तुलसी शरीर में एसिड यानि अम्ल तत्व को बैलेंस करता है और pH लेवल ठीक करता है. तुलसी की पत्ती में Eugenol होता है जोकि आंतों की जलन दूर करता है। इस प्रकार तुलसी Acid reflux और भूख न लगने की समस्या ठीक करती है।
2) तुलसी पेट में म्यूकस बनाने वाली सेल्स को बढाता है जिससे ज्यादा म्यूकस बनता है। ये म्यूकस कोशिकाओं की उम्र भी बढ़ाता है। इस तरह ये पेट में होने वाले छाले (Peptic ulcer) में फायदा करता है और इसे होने की सम्भावना कम करता है।
तुलसी के पत्ते डायबिटीज में फायदेमंद –
डायबिटीज में तुलसी की पत्ती का उपयोग जरुर करें। तुलसी खून में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करती है। तुलसी की पत्तियों में पाए जाने वाला तेल (Basil essential oil) कोलेस्ट्रॉल लेवल और Triglyceride को कम करके डायबिटीज के खतरों से सुरक्षित करता है.
तुलसी डायबिटीज मरीजों में वजन बढ़ने, हाई ब्लड प्रेशर, शरीर में इन्सुलिन बढ़ने जैसी दिक्कतों को रोकने में मदद करता है. Type-2 Diabetes में ब्लड शुगर कम करने में तुलसी पत्ती का अर्क (Extract) लाभदायक पाया गया है।
तुलसी पत्तियाँ इम्युनिटी बढ़ाये –
1) तुलसी की एक सबसे बड़ी खासियत शरीर की इम्यून पॉवर यानि रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना है। इसीलिए तुलसी कई बैक्टीरियल, फंगल इन्फेक्शन से होने वाले रोगों में बहुत अच्छा असर करती है.
कुछ स्टडीज में देखा गया कि तुलसी कैंसर से बचाव करने में भी सक्षम है, ये कैंसर बनाने वाली कोशिकाओं की बढ़त रोकती है। तुलसी के बीजों का तेल (Holy basil seed oil) के प्रयोग से कैंसर में अच्छे रिजल्ट देखे गये हैं।
2) तुलसी में कई प्रकार के एंटी-ओक्सिडेंट पाए जाते हैं जोकि शरीर के टिश्यूज को फ्री-रेडिकल के हानिकारक असर से बचाते हैं और कई रोगों को पैदा नहीं होने देते।
तुलसी की ताजा पत्ती न मिले तो क्या करें | Use of basil leaves
तुलसी की ताजी पत्ती हमेशा न मिले तो तुलसी की सूखी पत्तियों को भी चाय बनाने के काम में लिया जा सकता है। तुलसी की चाय बनाने में तुलसी के फूल भी मिला सकते हैं। इससे चाय के फायदे और महक दोनों बढ़ जाते हैं।
आप तुलसी ड्रॉप्स का सेवन भी कर सकते हैं। तुलसी ड्रॉप्स ऑनलाइन खरीदने के लिए ये लिंक देख सकते हैं >
A) तुलसी (Basil) और लौंग के पानी से कुल्ला करने से दांतों और मुंह के रोग ठीक होते हैं और दांतों पर प्लाक का जमना कम होता है.
B) तुलसी शरीर को Detoxify करने यानि शरीर में पाए जाने वाले विषैले तत्वों को दूर करने में Liver (जिगर) की मदद करता है. ये विषैले तत्व शरीर के अंदर कई रोगों को पैदा कर सकते हैं. तुलसी लीवर में फैट जमने को रोकता है और लीवर को स्वस्थ रखता है.
C) मुंह के छाले ठीक करने के लिए तुलसी के एक-दो पत्ते लेकर मुहं में कूंचे और उसका रस छालों पर फिरायें.
D) तुलसी (Holy Basil) में Antibacterial, Antifungal, Antiviral, Anti-inflammatory, Analgesic (दर्द निवारक) के गुण पाए जाते हैं. वैसे तो हरी तुलसी के फायदे बहुत हैं लेकिन आयुर्वेद में श्यामा तुलसी को हरी तुलसी से ज्यादा लाभकारी और असर में तेज माना गया है.
नोट : तुलसी की पत्तियों (Basil leaves) का उपचार में प्रयोग करने के लिए विवेक से काम लें. आयुर्वेद एलोपैथी जैसे फ़ास्ट एक्शन नहीं करता लेकिन नियमित प्रयोग से कुछ समय में रोग को जड़ से ख़त्म करने में कामयाब है।
तुलसी की थोड़ी सी मात्रा नियमित प्रयोग करना सही उपाय है. किसी भी औषधि का जरूरत से ज्यादा से प्रयोग रोग ठीक करने के बजाय नुकसान भी कर सकता है.
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