Duniya ki Sabse Badi Building Tesla Gigafactory
1) दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग तो बुर्ज खलीफा, दुबई है लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी बिल्डिंग टेसला कंपनी की गीगाफैक्ट्री है जोकि Nevada, अमेरिका में है।
2) गीगाफैक्ट्री इतनी बड़ी है कि 95 फुटबॉल के मैदान समा जाएँ या कहें तो 100 विशालकाय बोइंग 747 जेट विमान खड़े किये जा सकते हैं.
3) 19 लाख स्क्वायर फीट क्षेत्रफल में बनी इस बहुमंजिला बिल्डिंग में कुल 60,000,00 Square feet का वर्किंग स्पेस है. ये फैक्ट्री न्यूयॉर्क सेंट्रल पार्क के क्षेत्रफल का तीन गुना से अधिक बड़ी है।
4) Tesla Gigafactory बनाने में टेस्ला व उसके पार्टनर्स कुल 5 बिलियन डॉलर (37,444 करोड़ रुपये) खर्च हुए। इस लागत में 2 बिलियन डॉलर (15,000 करोड़ रूपये) टेस्ला ने दिए, 1.6 बिलियन डॉलर (12,000 करोड़ रुपये) Panasonic ने और बाकी रकम टेस्ला के अन्य पार्टनर कम्पनियाँ ने दिया।
5) गीगाफैक्ट्री को पूरी तरह से भूकम्परोधी बनाने के लिए टेस्ला खास तरह की नींव बनवाई है, जिससे इसपर भूकम्प का असर नहीं होगा. केवल इस खास फाउंडेशन को बनाने में ही 16 मिलियन डॉलर (102.25 करोड़ रूपये) खर्च किये गये.
6) सबको मालूम है कि इलेक्ट्रिक कारें ही हमारा भविष्य है। दुनिया की टॉप इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेसला के मालिक एलोन मस्क ने यह बात बहुत पहले जान ली थी। इसीलिए उन्होंने इतनी बड़ी फैक्ट्री लगाई जहाँ इलेक्ट्रिक कार बैटरी और अन्य कई तरह की बैटरीज़ बनेंगी।
7) भविष्य में बड़ी मात्रा में कार बैटरीज़ की जरूरत पड़ेगी इसीलिए टेस्ला ने Nevada (USA) में Car Battery बनाने वाली इकाई Gigafactory लगाने की शुरुआत 2014 में कर दी थी जो 2018 तक पूरा हो गया।
7) इस Building में पॉवर सप्लाई के लिए पूरी तरह से गैर पारम्परिक ऊर्जा स्रोत (सोलर एनर्जी, पवन चक्की आदि) का प्रयोग होता है। इतने बड़े स्तर पर पूरी तरह से गैर पारम्परिक ऊर्जा स्रोत से चलने वाली यह सबसे बड़ी कम्पनी होगी.
8) इतनी बड़ी कम्पनी को चलाने के लिए करीब 8000 Workers काम करते हैं। इसके अलावा सामान को इधर-उधर करने के लिए अपने आप रास्ता खोजने वाले रोबॉट्स भी हैं।
9) इस कंपनी के लगाने से टेसला अब बैटरी के लिए दूसरी कंपनियों पर निर्भर नहीं है। इससे उसके कार के मॉडेल की कीमत भी कम होगी और Sales बढ़ेगी। साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों का इलेक्ट्रिक कार खरीदने का सपना पूरा होगा.
10) टेस्ला इस समय दुनिया में लिथियम-आयन बैटरी का सबसे बड़ा ग्राहक है. इस फैक्ट्री के बन जाने से टेस्ला की China जैसे बाजारों पर निर्भरता खत्म हो गयी है। जल्द ही टेस्ला गीगाफैक्ट्री दुनिया की सबसे बड़ी Lithium-ion Battery बनाने वाली कम्पनी बन जाएगी.
11) ये गीगाफैक्ट्री पुरानी बैटरियों को पूर्णतः रीसायकल करने का काम भी करेगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी.
12) टेस्ला कार के संस्थापक एलोन मस्क के अनुसार करीब ऐसी 100 गीगाफैक्ट्री दुनिया भर की कारों के लिए बैटरी बनाने को पर्याप्त होंगी. Elon Musk ने एशिया में भी Gigafactory लगाने की मंशा जताई है और वो देश China बिल्कुल नही होगा।
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