पुनर्जन्म की कहानी सबूत, क्यों अब्राहम लिंकन बने चार्ल्स लिंडबर्ग

Punar janam in hindi : विश्व की कई सभ्यताओं में पुनर्जन्म की कहानी प्रसिद्ध हैंअब्राहम लिंकन अमेरिकी इतिहास के सबसे प्रसिद्ध व्यक्तियों में एक हैं। उनका पुनर्जन्म चार्ल्स लिंडबर्ग के रूप में हुआ। दोनों व्यक्तियों के जीवन में गजब समानताएं हैं। इस सच्ची घटना के सबूतों से आपको भी विश्वास हो जाएगा कि अच्छे कामों का फल मिलता जरूर है। 

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पुनर्जन्म क्या है | Punarjanam Mystery

पुनर्जन्म की घटना के पीछे प्रकृति के कर्म-चक्र का रहस्य माना जाता है। मतलब अगर आपके द्वारा किये गए अच्छे या बुरे कर्मों का फल किसी कारण से आपको इस जन्म में नहीं मिल पाया तो उन कर्मों के शुभ-अशुभ फल का हिसाब बाकी रह जाता है। अगले जन्म में आपको उसका फायदा या नुकसान भुगतना ही पड़ता है। 

Q: पुनर्जन्म का सिद्धांत किस उपनिषद में है

A: पुनर्जन्म का सिद्धांत वृहदारण्यक उपनिषद और छान्दोग्य उपनिषद में है।

Q: पुनर्जन्म का सिद्धांत किस वेद में है

A: पुनर्जन्म का सिद्धांत ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद में है।

अमेरिका में पुनर्जन्म की सच्ची कहानी, सबूत | Punar janam real stories

– अमेरिका के पहले राष्ट्रपति Abraham Lincoln के जीवन की कहानी हम सबने पढ़ीं हैं कि कितनी कठिनाइयों का सामना करने के बाद अब्राहम लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति बने और राष्ट्रपति बनने के बाद भी उनका कार्यकाल बेहद संघर्षपूर्ण रहा

उनके कड़े संघर्ष और प्रयासों से संयुक्त राज्य अमेरिका की नींव पड़ी और अश्वेतों (Blacks) के मानवाधिकारों की रक्षा हुई। मगर जब स्थितियां कुछ सामान्य हुई तो अचानक एक दिन अब्राहम लिंकन की मृत्यु एक हत्यारे के हाथों हो गयी। 

सन 1946 में महान भारतीय संत श्री परमहंस योगानन्द जी ने अपने एक भाषण के दौरान अब्राहम लिंकन के पुनर्जन्म की कहानी बताई और वास्तविक तथ्यों के सबूत से इस बात को सिद्ध भी किया। 

स्वामी श्री परमहंस योगानन्द के इस वक्तव्य की सत्यता विश्व के कई विद्वानों ने जांची-परखी और आश्चर्यजनक रूप से सत्य पाया. इन्टरनेट, YouTube पर इस विषय से सम्बंधित ढेरों लेख और विडियो उपलब्ध हैं

स्वामी परमहंस योगानंद
महान भारतीय योगी श्री योगानन्द परमहंस

अब्राहम लिंकन का दूसरा जन्म | Real story of rebirth

इस लेख में हम अब्राहम लिंकन के पुनर्जन्म (Reincarnation) से जुड़े Facts के बारे में बतायेंगे

स्वामी श्री परमहंस योगानन्द ने बताया कि अब्राहम लिंकन अपने पूर्व-जन्म में हिमालय में रहने वाले एक योगी थे, जिनकी मृत्यु के पहले अंतिम इच्छा जातीय और नस्लवादी भेदभाव (Racial Discrimination) को खत्म करना थाअपने इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन महान योगी का दूसरा जन्म अब्राहम लिंकन के रूप में हुआ

उस महान योगी ने अब्राहम लिंकन का जन्म लेकर अच्छी तरह से अपने लक्ष्य को पूरा किया और कर्तव्यों का पालन किया मगर असामयिक मृत्यु से उन्हें उनके अच्छे कर्मों का फल मिलना बाकी रह गया

कर्म-चक्र का नियम फिर चला और अब्राहम लिंकन का पुनर्जन्म चार्ल्स लिंडबर्ग के रूप में हुआ। 

पुनर्जन्म का रहस्य
स्रोत: अब्राहम लिंकन का पुनर्जन्म चार्ल्स लिंडबर्ग के रूप में

चार्ल्स लिंडबर्ग कौन थे | Punar janam real story

चार्ल्स लिंडबर्ग (Charles Lindbergh) एक प्रसिद्ध अमेरिकी पायलट, खोजकर्ता, लेखक, अविष्कारक, मिलिट्री ऑफिसर, पर्यावरणविद और समाजसेवी थे। 

चार्ल्स लिंडबर्ग का जन्म 4 फरवरी 1902 को हुआ था जबकि अब्राहम लिंकन का जन्म 12 फरवरी 1809 को हुआ था। 

जब चार्ल्स लिंडबर्ग 25 साल के थे तो कुछ ऐसा हुआ जिससे वह रातों रात गुमनामी के दौर से शोहरत के शिखर पर पहुँच गए। 

चार्ल्स लिंडबर्ग पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने इतिहास में पहली बार अमेरिका से पेरिस की यात्रा नॉन स्टॉप विमान चला कर पूरी की थी. इस यात्रा की कुल दूरी 5800 किलोमीटर की थी जिसे चार्ल्स लिंडबर्ग ने 33 घंटे 30 मिनट में पूरी कीइस ऐतिहासिक अभियान के लिए चार्ल्स लिंडबर्ग को अमेरिकी सेना का शीर्ष मेडल Medal of Honor दिया गया। 

अब्राहम लिंकन और चार्ल्स लिंडबर्ग में अद्भुत समानताएं | Punar janam ki kahani

1) दोनों की लंबाई और वजन लगभग समान थे। दोनों की आँखों का रंग नीला (Blue) था और हेयर स्टाइल एक जैसी थी। दोनों ही व्यक्ति खड़े होने पर थोड़ा सा आगे की ओर झुके रहते थे। 

2) चार्ल्स लिंडबर्ग और अब्राहम लिंकन दोनों ने ही Doctor of Law डिग्री की शिक्षा प्राप्त की थी। दोनों व्यक्ति को Non-fiction किताबें पढ़ना पसंद था। 

3) दोनों व्यक्तियों को 26 साल की उम्र में एक लड़की से प्यार हुआ जिसका नाम ‘Anne’ था और दोनों केस में Anne की उम्र 22 साल थी। 

4) दोनों व्यक्तियों की पत्नी अच्छे परिवार से थीं और फ्रेंच भाषा बोलती थी। दोनों व्यक्तियों का विवाह अपने एक रिश्तेदार के घर सादगीपूर्वक हुआ था। 

5) जहां अब्राहम लिंकन राष्ट्रपति होने की वजह से व्हाइट हाउस में रहते थे वहीं चार्ल्स लिंडबर्ग एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे और उनकी कई अमेरिकी राष्ट्रपतियों से दोस्ती थी। इस वजह से चार्ल्स का व्हाइट हाउस में आना-जाना लगा रहता था। 

6) अब्राहम लिंकन ने अपना प्रसिद्ध भाषण जिस जगह दिया था, चार्ल्स लिंडबर्ग का प्रसिद्ध भाषण भी उसी जगह के पास दिया गया था। 

7) लेकिन जहाँ अब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln) को जीवन में कड़े संघर्षों का सामना करना पड़ा, उसके बदले में चार्ल्स लिंडबर्ग बड़ी तेजी और आसानी से सफल, लोकप्रिय हुए क्योंकि ये उनके पूर्वजन्म के अच्छे कामों का फल था। 

8) श्री योगानन्द परमहंस जी के बताए तथ्य को एक अमेरिकी लेखक Richard Salva ने अपनी रिसर्च से चेक करके सही पाया और एक प्रसिद्ध किताब The Reincarnation of Abraham Lincoln: Historical Evidence of Past Lives लिखी है।

9) चार्ल्स लिंडबर्ग और अब्राहम लिंकन के जीवन में लगभग 500 समानताएं हैं कि जिन्हें महज संयोग (Coincidence) नहीं कहा जा सकता. आप स्वयं विश्वास करेंगे कि चार्ल्स लिंडबर्ग और अब्राहम लिंकन एक ही आत्मा के दो रूप थे.

इस समानताओं की लम्बी लिस्ट है, इसलिए अगर आप कम समय में यह जानना चाहते हैं तो ऊपर दिए गए YouTube video को देखिये. आप जानेंगे कि किस प्रकार चार्ल्स लिंडबर्ग ने उन सभी सुखों और सफलताओं को पाया जिसके अब्राहम लिंकन हकदार थे और कर्म-चक्र नियम से पुनर्जन्म (Reincarnation) में उसकी पूर्ति हुई. 

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4 thoughts on “पुनर्जन्म की कहानी सबूत, क्यों अब्राहम लिंकन बने चार्ल्स लिंडबर्ग”

  1. बहुत ही बढ़िया अब्राहम लिंकन और लिंडबर्ग के जीवन मे अद्भुत समानताएं देखकर विश्वास नहीं होता कि किसी बन्दे का पुनर्जन्म सौ साल बाद हो सकेगा।

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