आजकल विटामिन डी की कमी होना आम समस्या है। विटामिन डी की कमी से कौन सा रोग होता है, विटामिन डी 3 की कमी के लक्षणों की जानकारी और विटामिन डी की कमी पूरा करने के लिए क्या खाना चाहिए। कई सारे बीमारियों और दिक्कतों का कारण विटामिन डी की कमी होना देखा गया है। विटामिन डी का सबसे अच्छा मुफ़्त स्रोत सूरज की खुली धूप है और खाने-पीने की कुछ चीजें हैं।
लेकिन लोग सुबह ऑफिस चले गये, दिन भर ऑफिस में बंद और रात को वापिस आये। धूप लेने का टाइम है ही नहीं। औरतें भी घरों में दिन भर बंद रहती है, घर में छत है तो भी धूप नहीं लेती। बाहर जाने पर हमेशा सनस्क्रीन क्रीम लगाना भी ठीक नहीं है। नतीजा डॉक्टर को विटामिन डी की दवा देनी पड़ती है जबकि इसका मुफ्त इलाज मौजूद है।
विटामिन डी के 2 प्रकार विटामिन D3 और विटामिन D2 हैं।
A: Cholecalciferol (D3) और Ergocalciferol (D2) है।
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विटामिन डी की कमी के लक्षणों और विटामिन डी कैसे बढ़ाएं | Vitamin D 25 low symptoms
1) अगर आपको टेंशन, डिप्रेशन या तनाव की समस्या है या आप बुझे-बुझे से रहते हैं, किसी काम में मन नहीं लगता तो आपमें Vitamin D की कमी हो सकती है। इसके उपचार के लिए आप रोज 15-30 मिनट धूप लें। मनोवैज्ञानिक भी अपने मरीजों को धूप लेने की सलाह देते हैं। खुली धूप में रहने से खून में सेरोटोनिन हार्मोन बनता है, जिससे मूड अच्छा होता है।
2) यदि आपको थकान बहुत लगती है। हड्डी कमजोर होना, बोन फ्रैक्चर, मसल्स में खिंचाव, जोड़ों में दर्द, हड्डी का दर्द जैसे पीठ दर्द, पैर दर्द, कमर दर्द आदि होता है। विटामिन D की कमी से औरतों में बाल झड़ने की समस्या भी होती है।
3) आपको पसीना बहुत आता है। शरीर का Temperature भी करीब 98.6 डिग्री के आसपास बना रहता है।
4) आप अक्सर बीमार रहते हैं। वायरस और बैक्टीरियल रोग जल्दी ठीक नहीं होते जैसे निमोनिया, ठंड लगना, ब्रोंकाइटिस आदि।
5) आपको चोट, सर्जरी, इन्फेक्शन की वजह से होने वाले घाव ठीक होने में ज्यादा समय लगता है।
6) आपका ब्लड प्रेशर और Blood Sugar level हाई बना रहता है। हाई ब्लड प्रेशर से हार्ट की बीमारी, हार्ट अटैक आदि हो जाता है और हाई शुगर लेवल से डायबिटीज हो सकता है।
7) विटामिन डी की कमी से वजन बढ़ना भी देखा गया है।
विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग के नाम | Vitamin D Deficiency diseases
विटामिन डी की कमी से सबसे ज्यादा हड्डियों की बीमारी होती हैं।
1) विटामिन डी की कमी से होने वाला मुख्य रोग रिकेट्स (Rickets) है। रिकेट्स की बीमारी में बोन टिश्यू सही तरह बन नहीं पाते और हड्डियाँ कमजोर हो जाती है। रिकेट्स की वजह से शारीरिक अंग टेढ़े-मेढ़े हो सकते हैं व शरीर के अस्थि-पंजर (Bone structure), पोस्चर खराब हो जाता है।
2) Vitamin D हमारे भोजन से कैल्शियम को सोखकर बॉडी में मिलाता है। इसलिए विटामिन डी शरीर और खून में Calcium का सही लेवल बनाये रखने के लिए बहुत जरुरी है जिससे कि हड्डियाँ मजबूत बनी रहे।
3) विटामिन D की कमी से होने वाली बीमारियाँ नीचे बताई गयी है।
- हृदय की बीमारी (Heart diseases)
- कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity),
- बच्चों में गंभीर अस्थमा
- जोड़ों में दर्द, हाथ-पैर दर्द
- मांशपेशियों की कमजोरी
- मल्टिपल सिरोसिस
- एक्जिमा
- थकान या थका-थका फील होना
- डायबिटीज
- डेमेंशिया (याददाश्त कमजोर होना)
- डिप्रेशन और टेंशन
- मोटापा
- कैंसर
- टीबी जैसे रोग भी हो सकते हैं।
विटामिन डी का 25 हाइड्रोक्सी टेस्ट की जानकारी | Vitamin D 25 Hydroxy Serum Test
विटामिन डी की कमी पता करने के लिए 25-Hydroxy Vitamin D serum test किया जाता है। विटामिन डी के टेस्ट के लिए खाली पेट होना जरुरी नहीं है।
अगर आपके टेस्ट में आया है कि खून में विटामिन डी 20 नैनोग्राम/मिलीलीटर से कम है तो इसका मतलब आपमें विटामिन D की बहुत कमी है।
A: एक सामान्य आदमी के ब्लड में विटामिन डी का लेवल 30 नैनोग्राम/मिलीलीटर से 50 नैनोग्राम/मिलीलीटर के बीच हो सकता है।
विटामिन D के स्रोत की जानकारी | Vitamin D Foods
शरीर में विटामिन डी की कमी पूरी करना आसान है। भोजन और लाइफस्टाइल में बदलाव से विटामिन डी का सही लेवल बना रहता है।
A: रोजाना 10-30 मिनट धूप लेने से शरीर में विटामिन डी का लेवल सही बना रहता है। सुबह 7 बजे से 9-10 बजे तक धूप लेना है तो कम से कम 20-30 मिनट बैठे। दोपहर 11-3 बजे तक धूप काफी तेज रहती है, इस समय केवल 10 मिनट बैठना ही काफी है।
A: विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत धूप लेना है। इसके अलावा विटामिन D के मुख्य स्रोत अंडे का पीला भाग, Dairy products जैसे दूध, मक्खन, पनीर, चीज़, मछली( टूना, सामन), सोयाबीन मिल्क (Soy Milk), गाजर, Cod liver oil, संतरे का जूस, मशरूम, विटामिन डी टेबलेट्स, Vitamin D supplements और सिरप आता है, जिसे हफ्ते में एक बार खाली पेट लेना होता है।
A: रिकेट्स (Rickets)
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