संब्रानी और लोबान में क्या अंतर है : अक्सर लोग संब्रानी और लोबान को एक ही समझ लेते हैं लेकिन दोनों में अंतर है। दिखने में दोनों एक जैसे लग सकते हैं लेकिन दोनों अलग-अलग पेड़ों से प्राप्त किए जाते हैं। संब्रानी (Benzoin) को Genus Styrax प्रजाति के पेड़ से निकाला जाता है जबकि लोबान (Frankincense) को Genus Boswellia पेड़ों से प्राप्त किया जाता है।
संब्रानी कप क्या होता है | What is Sambrani Cup
Sambrani या संब्रानी कप जलाने से सुगंधित धुआँ निकलता है जिससे घर और पूजा में वातावरण पवित्र, शुद्ध, खुशबूदार होता है। इस लेख में हम आपको घर में संब्रानी कप और संब्रानी मिक्स बनाना बताएंगे, साथ ही संब्रानी के धुएं, खुशबू के फायदे भी जानेंगे। संब्रानी या लोबान को कूट-पीसकर इसके साथ कुछ अन्य सामग्री मिलाकर छोटे कप के आकार के साँचे बनाए जाते हैं, जिसे संब्रानी कप कहते हैं।
लोबान की तरह ही संब्रानी पीले रंग का गोंद (Benzoin Resin) होता है। यह एक खास तरह के पेड़ के तने में चीरा लगाकर निकाला जाता है। बाजार मे कुछ खाली संब्रानी कप मिलते हैं, जिसे जलाने के बाद बीच में हवन सामग्री, गुग्गुल डालते हैं और कुछ संब्रानी कप में पहले से मिक्स भरा हुआ आता है।
संब्रानी कप जलाने के फायदे | Sambrani cup benefits
1) भारत में पुराने समय से ही संब्रानी का धुआँ करना अच्छा माना गया है। मंदिरों, सभी धर्म के पूजा स्थलों में धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान संब्रानी का धुआँ किया जाता है। इससे माहौल शुद्ध, पवित्र होता है और पाज़िटिविटी, अच्छी भावनायें उत्पन्न होती हैं।
2) संब्रानी जलाने से मच्छर, पतंगे भागते हैं और वातावरण के किटाणु, रोगाणु नष्ट होते हैं। संब्रानी कप को जलाने के लिए इसके बाहरी गोल किनारे को पूरी तरह से जलाया जाता है और 1 मिनट तक जलने देते हैं फिर बुझा देते हैं।
3) पूजा करने, ध्यान लगाने से पहले संब्रानी कप जलाने से इसका सुगंधित धुआँ मन को एकाग्र करने में सहायता करता है और विचारों में स्पष्टता आती है। आध्यात्मिक अभ्यासों में संब्रानी की सुगंध से चेतना (Consciousness) और आंतरिक जागृति (Inner awareness) बढ़ती है।
4) ऐसा माना जाता है कि संब्रानी जलाने से बुरी शक्तियां (evil spirits) भागती हैं और हवा भी शुद्ध हो जाती है।
5) आयुर्वेद के अनुसार इसका धुआँ नर्वस सिस्टम को शांत करता है, नेगटिव विचारों को दूर करता है, मन को शांत करता है। संब्रानी की खुशबू मूड ठीक करती है और माहौल को सुखद बनाती है।
6) संब्रानी कप या संब्रानी पाउडर को कोयला पर जलाकर किया गया धुआँ एंटी-बैक्टीरियल, चिकित्सकीय और रोगनिवारक होता है।
7) अरब देशों में औरतें अपने बाल को धोने के बाद बालों में संब्रानी का धुआँ करती हैं, जिससे बाल में सुगंध बस जाती है। डिलीवरी के बाद बच्चों को संब्रानी का धुआँ देना अच्छा होता है।
8) रशिया, अरब के देशों, थायलैंड, वियतनाम, भारत, जापान, चीन सहित लगभग पूरी दुनिया भर में संब्रानी (Sambrani) की महक को पसंद किया जाता है और लोग संब्रानी की अगरबत्ती, एसेंशियल ऑयल, चूर्ण, संब्रानी धूप, परफ्यूम आदि प्रोडक्टस का उपयोग करते हैं।
घर में संब्रानी कप बनाने का तरीका | Homemade Sambrani Cup
बाजार में कई तरह के संब्रानी कप मिलते हैं। ये मुख्यतः 2 प्रकार के होते हैं।
1) कोयले से बने संब्रानी कप – ये संब्रानी कप कोयले (Charcoal) से बने होते हैं, ये देखने में काले रंग के होते हैं। ऐसे संब्रानी कप के अंदर कुछ संब्रानी मिक्स भरा होता है और जलाने से सुगंध आती है। अगर इनके खाली कप को जलाया जाए तो खुशबू नहीं आती, कप में भरे चूर्ण जलने से ही महक पैदा होती है।
2) गोबर या लकड़ी के बुरादे से बने संब्रानी कप – इस तरह के संब्रानी कप को बनाने में संब्रानी, गोबर, सुगंधित लकड़ियों का चूरा, सूखे फूल, कपूर, खुशबू वाले खड़े मसाले, घी, गुड़ आदि मिलाकर बनाया जाता है। इस तरह के खाली संब्रानी को जलाने में से भी खुशबू आती है। कप को जलाने के बाद उसमें गुग्गुल, संब्रानी, लोबान, हवन सामग्री भी डाली जा सकती है, जिससे सुगंध और बढ़ जाती है। पतंजलि का Sambrani Cup भी इसी प्रकार की विधि से बनाया गया है।
संब्रानी कप बनाने का तरीका – अगर इसे व्यवसाय के लिए बनाना है तो आपको संब्रानी कप का साँचा या संब्रानी कप बनाने की बिजली से चलने वाली मशीन लेना चाहिए। यदि आप अपने खुद के प्रयोग के लिए संब्रानी कप बनाना चाहते हैं तो आप हाथ से ही कप का आकार देकर बना सकते हैं।
संब्रानी कप बनाने की सामग्री – इसे बनाने के लिए सामग्री की मात्रा और संख्या आप अपनी पसंद और बजट के अनुसार कम या ज्यादा कर सकते हैं। संब्रानी कप बनाने के लिए लकड़ी का चूरा, देसी गाय का गोबर चाहिए। लकड़ी का चूरा आपको आरा मशीन, लकड़ी चीरने के कारखानों से मिल जाएगा।
अब इसे बनाने के 3 तरीके जानते हैं :-
1) एक सरल तरीका ये है कि 80% गोबर और बाकी 20% पिसी हुई हवन सामग्री को मिलाकर कप बनाते हैं।
2) दूसरा तरीका ये है कि नीचे बताई गई सामग्री को एक साथ मिलाकर अच्छे से मिक्स करें और हाथ या साँचे की मदद से संब्रानी कप का आकार दे दें। अब इस 1 दिन धूप में रख दें जिससे यह अच्छी तरह सूख जायें।
1 किलो देसी गाय का गोबर
100 ग्राम लकड़ी का चूरा
100 ग्राम कपूर (पीस कर चूर्ण)
100 ग्राम संब्रानी (लोबान या गुग्गुल भी ले सकते हैं)
100 ग्राम सूखे हुई गुलाब फूल का चूर्ण
250 ग्राम हवन सामग्री
300 ग्राम पीसा लाल चंदन
150 ग्राम गुग्गुल (8-10 घंटे 1/2 लीटर पानी में भिगोया हुआ)
150 ग्राम देसी घी
3) आप नीचे दिए विडिओ में सांबरानी कप घर में बनाने का तरीका देख सकते हैं जिसे बनाने में आम की लकड़ी, गुलाब के सूखे या ताजे फूल, नीम की पत्ती, लकड़ी और छाल, तुलसी, जायफल, लौंग, जावित्री, इलायची, कपूर, चंदन का पाउडर, तुलसी की सूखी टहनियाँ, कोयला (आवश्यक नहीं), गाय के गोबर का उपला, गुड़, गाय का ताजा गोबर, 4 चम्मच चावल का आटा मिलाकर बनाया गया है। आप इसमें तिल, तेजपत्ता, हवन सामग्री आदि भी इच्छानुसार मिला सकते हैं।
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निष्कर्ष –
संब्रानी कप (Sambrani Cup) को जलाने से मोहक सुगंध निकलती है जिससे वातावरण खुशबूदार बनता है। पूजा-पाठ में पवित्र सुगंध और घर में पाज़िटिविटी बढ़ाने, रिलैक्स पाने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। सम्बरानी कप के विषय में अपने सवाल, सुझाव नीचे कमेन्ट करें। इसे लेख को अपने दोस्तों में व्हाट्सप्प, फ़ेसबुक फॉरवर्ड करें जिससे कई अन्य लोग भी ये जानकारी पढ़ सकें।
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