What is Aromatherapy in hindi – अरोमा थेरपी क्या है व अरोमा थेरपी के फायदे :
अरोमा थेरेपी एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति है जिसमे कुछ शारीरिक-मानसिक बीमारियों (Diseases) का इलाज तरह-तरह की खुशबुओं के Aroma Oils से किया जाता है.
– Aromatherapy खुशबुओं का विज्ञान है जो बताता है कि कई खुशबुएँ रोग और समस्याओं से ग्रस्त व्यक्ति को राहत दिला सकती हैं. हम सभी जीवन में खुशबु यानि अच्छी महक के असर को समझते हैं.
खाने की अच्छी खुशबु, फूलों की महक से जहाँ हमारा दिलो-दिमाग खुश हो जाता है, वहीं किसी बदबू की वजह से हमारा मन घृणा, उलझन के भाव से भर जाता है.
हम अरोमा थेरेपी में प्रयोग की जाने वाली कई खुशबुओं से परिचित हैं, लेकिन उनसे हमारे मन और दिमाग पर पड़ने वाले खास प्रभाव से ज्यादातर लोग अनजान हैं।
Aromatherapy से Treatment काफी सरल है और आप अरोमा थेरेपी के किसी Expert या खुद भी लक्षणों के अनुसार इसका प्रयोग कर सकते हैं.
अरोमाथेरेपी में इलाज कैसे किया जाता है ? How does Aromatherapy work in hindi :
अरोमा थेरेपी में खुशबुओं का प्रयोग कई प्रकार से किया जाता है. उदाहरण के तौर पर जैसे गुलाब की खुशबु
– गुलाब के इत्र/परफ्यूम, तेल, अगरबत्ती प्रयोग करिए, इत्र की बूंदे तकिये पर छिड़क सकते हैं
– गुलाबजल नहाने के पानी में मिला के नहाइए.
– गुलाब के तेल को किसी हल्की खुशबु वाले तेल में मिलाकर मालिश कर सकते हैं.
इस लेख में हम आपको अरोमा थेरेपी में प्रयोग की जाने वाली कुछ खुशबुओं और उनसे किसी खास रोग पर पड़ने वाले प्रभाव, अरोमा ऑयल के बारे में बतायेंगे :–
1) गुलाब (Rose) :
गुलाब की खुशबु (Rose Aroma) से पित्त दोष की शांति होती है. गुलाब की महक से चिंता, स्ट्रेस, डिप्रेशन, पाचन की समस्या में आराम मिलता है. लडकियों और महिलाओं की समस्याओं के लिए गुलाब की महक खास कारगर होती है.
इसके अलावा गुलाब रक्त संचार, ह्रदय की समस्या, श्वास रोग जैसे अस्थमा में राहत दिलाता है. ध्यान रखने वाली बात यह है कि औरतों को गर्भावस्था के दौरान गुलाब की खुशबू का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
2) नीम्बू (Lemon) :
नीबू की महक (Lemon Aroma) दिमाग की उथल-पुथल को शांत करके मानसिक स्पष्टता देती है. इसके अतिरिक्त नींबू की खुशबू का प्रयोग ध्यान केन्द्रित करने, आर्थराइटिस की समस्या, मुहांसों को दूर करने और पाचन समस्या में किया जाता है.
नींबू की महक सरदर्द दूर करती है, बिगड़े हुए मूड को भी फ़ौरन ठीक करती है. नीम्बू की खुशबु इम्यून सिस्टम ( रोग प्रतिरोधक तंत्र ) को मजबूत करती है.
3) चन्दन (Sandalwood) :
चन्दन (Sandal Aroma) की खुशबु वाले प्रोडक्ट्स प्रयोग करने से मन को शांति मिलती है. चन्दन की महक तंत्रिका तंत्र को शांत करता है. इसकी खुशबु से मूत्र मार्ग के रोग, सीने का दर्द, टेंशन में आराम मिलता है.
चन्दन के तेल की मालिश सूजन कम करती है और त्वचा का रूखापन दूर करती है. चन्दन की खुशबू का पूजा-पाठ, ध्यान और योग में बड़ा महत्व है. इसकी खुशबु से आध्यात्मिक मनोस्थिति बनती है.
4) यूकेलिप्टस (Eucalyptus) :
यह खुशबू और इसका प्रयोग तो ज्यादातर लोग जानते ही है. यूकेलिप्टस की खुसबू जुकाम, कफ़ समस्या, दमा( Asthma), बंद नाक, सीने की जकड़न में राहत दिलाती है.
ज्यादातर बाम और मलहम में इसका उपयोग किया जाता है. यूकेलिप्टस की खुशबु सरदर्द, दांतदर्द, माइग्रेन और मानसिक थकान में आराम दिलाती है.
5) चमेली (Jasmine) :
चमेली की महक (Jasmine Aroma) का प्रयोग Depression दूर करने, सरलतापूर्वक प्रसव कराने में, किसी आदत से छुटकारा पाने में, श्वास रोग (अस्थमा) में किया जाता है. गर्भवती महिलाओं (Pregnant ladies) को इसके प्रयोग से बचना चाहिए.
6) लैवेन्डर (Lavender) :
अरोमाथेरपी में लैवेंडर की खुशबू का बहुत महत्व है। ये कई तरह रोग-कष्ट के इलाज में असरदार है जैसे अच्छी नींद, उलझन, बेचैनी, मासिक धर्म का दर्द, सांस की दिक्कत (Asthma), टेंशन, सिर दर्द में लाभदायक है। लैवेंडर का तेल स्किन पार लगाने से धूप से जलना (Sunburn), एक्जिमा, एक्ने, रैशेज ठीक होता है।
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Lemon is my preferred scent!
Nice and informative.
बहुत अच्छी जानकारी है। ऐसे post शेयर करते रहें।
aromatherapy mostly used fro depression and best way to feel relax body and mind. it also clear blockage of chakras