What is Iceberg | हिमखंड क्या है : आइसबर्ग यानि हिमखंड या हिमशैल पानी में तैरते हुए बर्फ के बहुत विशालकाय टुकड़े होते हैं। हिमशैल को इंग्लिश में Iceberg कहते हैं। 1 सामान्य आइस्बर्ग का वजन 100,000 से 200,000 टन तक हो सकता है। एक औसत Iceberg करीब 757 करोड़ लीटर पानी का बना हुआ होता है।
ध्रुवों पर पाए जाने ग्लेशियर की जमी बर्फ के टूटने से ये हिमखंड (आइसबर्ग) बनते हैं। दोनों ध्रुवों पर जमी हुई बर्फ और ये आइसबर्ग दुनिया में मीठे पानी के सबसे बड़े स्रोत है. आइसबर्ग नमकीन समुद्री पानी से नहीं बनते।
सामान्यतः हिमशैल अंटार्कटिका के पास और नॉर्थ अटलांटिक सागर में ग्रीनलैन्ड के पास पाए जाते हैं। कभी-कभी ये तैरते हुए दक्षिणी प्रशांत सागर में न्यूजीलैंड के पास और साउथ अमेरिका तट के पास दक्षिणी अटलांटिक सागर में भी देखे जाते हैं।
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दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड (आइसबर्ग) | Biggest Iceberg
आज तक का सबसे ऊंचा आइसबर्ग सन 1958 में North Atlantic ocean में तैरता हुआ महाविशालकाय आइसबर्ग देखा गया था जोकि 55 मंजिला बिल्डिंग जितना बड़ा था।
क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा Iceberg B-15A है जो सन 2000 में अंटार्कटिका के Ross Ice Shelf से अलग हुआ था। इसकी लंबाई 295 किलोमीटर और चौड़ाई 37 किलोमीटर है और कुल एरिया 11,000 वर्ग किलोमीटर है।
हिमखंड (आइसबर्ग) से टाइटैनिक जहाज की टक्कर का एक्सीडेंट
हिमशैल या हिमखंड का केवल 20% हिस्सा पानी की सतह के ऊपर दिखता है, बाकि 80% पानी के नीचे डूबा रहता है. इसी धोखे की वजह से विश्वप्रसिद्ध Titanic जहाज 15 अप्रैल 1912 को North Atlantic Ocean में एक आइसबर्ग से टकरा गया था।
टकराने से टाइटैनिक जहाज 2 टुकड़े होकर डूब गया जिसमें 1,517 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 705 लोग बचा लिए गए। इससे ज्यादा लोग बचाए नहीं जा सके क्योंकि जहाज पर छोटी नावों की संख्या कम थी, ठंड बहुत ज्यादा थी और घुप अंधेरे में कई गलतियाँ भी हुई।
हिमशैल या हिमखंड का रंग | Color of Iceberg
वैसे तो आइसबर्ग का रंग सफेद होता है लेकिन ये नीले, काले, हरे, पट्टीदार और गुलाबी रंग के भी देखे गए हैं। ऐसा रंग उसमें पाए जाने वाले एल्गी, हवा के बुलबुलों की कमी, खनिज तत्व और समुद्रीपानी के मिलने से होता है।
UAE में आइसबर्ग लाने का प्रोजेक्ट
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) दुनिया के 10 सबसे अधिक सूखे देशों में एक है। यहाँ पर प्राकृतिक पानी के भंडार की बहुत कमी है और बारिश भी नाममात्र होती है।
अगले 25 सालों में हालात और भी बदतर होने की सम्भावना है। पीने का पानी के बिना तो जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। भविष्य में पानी की इस गम्भीर समस्या से निपटने के लिए अबूधाबी स्थित द नेशनल एडवाइजर ब्यूरो लिमिटेड ने एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है।
– इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाली फर्म के अनुसार एक आइसबर्ग से 10 लाख लोगों को 5 साल तक पानी की आपूर्ति की जा सकती है। इसलिए प्लान के तहत अंटार्कटिका से बर्फ के विशालकाय आइसबर्ग यानि हिमखंड को समुद्र मार्ग से अरब देश लाया जायेगा.
1) आइसबर्ग लाने का काम 2018 में शुरू हुआ। अभी आइसबर्ग लाने के सम्भावित रास्तों व अन्य प्लानिंग पर काम चल रहा है। फर्म के अनुसार अंटार्टिका के Heard Island से हिमखंड को बड़े शिप से बांधकर समुद्री मार्ग से 8,800 किलोमीटर की दूरी तय करके Fujairah के पास अरब समुद्री तट पर लाया जायेगा।
2) Fujairah में आइसबर्ग को संरक्षित रखने का एक बड़ा प्लांट बनाया जायेगा. प्लांट के विशाल टैंकों में हिमखंड के छोटे टुकड़े किये जायेंगे. इससे मिले पानी को फ़िल्टर करने के बाद, स्टोर करके प्रयोग में लाया जायेगा.
3) आइसबर्ग लाने की इस लम्बी यात्रा में करीब 1 साल का समय लग सकता है. कम्पनी के अनुसार आइसबर्ग का बड़ा हिस्सा पानी के नीचे रहता है और ऊपरी सफ़ेद भाग धूप को परावर्तित करेगा, इसलिए यह पूर्णतः गलेगा नहीं.
4) हिमखंड के आने से हवाएँ ठंडी होंगी जिससे अरब देश में थोड़ी वर्षा होने की सम्भावना भी हो सकती है. UAE आइसबर्ग प्रोजेक्ट से टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा. लोग दूर-दूर से पानी में तैरते हिमखंड की यात्रा देखने आयेंगे.
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source : https://hi.wikipedia.org/wiki/अंटार्कटिका , https://en.wikipedia.org/wiki/Iceberg