How to grow Dhaniya at home in hindi : जमीन या गमले में धनिया उगाने का तरीका काफी आसान है। थोड़ी सी देखभाल से आप खाने के लिए लगातार ताजा धनिया प्राप्त कर सकते हैं। धनिया बोने के इस तरीके में धनिया के खड़े बीज चाहिए जोकि बाजार से, बीज की दुकान, ऑनलाइन बड़ी आसानी से मिल जाते हैं। धनिये का सेवन सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है और इसकी खुशबू सब्जी, सलाद का स्वाद, महक और सुंदरता बढ़ा देती है।
धनिया बोने की विधि | Dhaniya Kaise Ugae, Dhaniya kaise boye
धनिया एक 6-10 इंच का छोटा सा पौधा होता है, इसे लगाना और देखभाल करना काफी आसान होता है। बीज बोने से लेकर खाने के लिए धनिया का पौधा तैयार होने में कुल 40-45 दिन का समय लगता है।
एक चौड़ा गमला या फिर जमीन में पहले खर-पतवार हटा के साफ मिटटी भरें, गोबर की खाद या जैविक खाद मिला लें तो और भी अच्छा। अब इस मिटटी को गमले में भरने के बाद पानी डाल के नम कर लें।
अब धनिया के बीजों को फैला दें। ये बीज एक दूसरे से करीब 6-8 इंच दूर होने चाहिए। अब पूरे गमले में 0.5-1 सेंटीमीटर मिटटी की परत बिछा दें।
धनिया के पौधों में बराबर पानी डालना चाहिए पर ध्यान रखें कि इसे इतना पानी चाहिए कि नमी बनी रहे पर गीला न हो। एक स्प्रे बोतल से पानी का छिड़काव करें तो और भी बढ़िया।
7-10 दिनों में अंकुर निकलने लगेंगे। जब पौधा 4-6 इंच बड़ा हो जाये तो आप इन्हें काट सकते हैं। ध्यान रखें कि एक बार में (1/3) एक तिहाई पत्ते से ज्यादा पत्ते न तोडें। इससे पौधा कमजोर नहीं होगा और तेजी से बढ़ता रहेगा।
इस प्रकार धनिया (Coriander) उगाकर आप अपने खाने में उपयोग करें। घर और बाज़ार की धनिया के स्वाद, महक और गुण में आप काफी अंतर महसूस करेंगे। अगर आप बोने के लिए धनिया के बीज ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं तो ये लिंक देख सकते हैं –
A: बोया हुआ धनिया का बीज 40-45 दिन में उगकर पौधा बन जाता है।
A: 4 दिन में सिर्फ धनिया के बीज अंकुरित हो सकते हैं, पौधा नहीं तैयार हो सकता।
A: 5-7 दिन में धनिया का बीज अंकुरित हो जाता है।
धनिया के बारे में जानकारी | about Coriander
एक भारतीय व्यक्ति, खासकर शाकाहारी के भोजन में व्यक्ति सब्जियों का बड़ा महत्त्व होता है. दाल चावल और रोटी जैसे सादे खाने में तली, भुनी या उबली सब्जी ही स्वाद लाती है.
उबली से मेरा मतलब भुर्ता या चोखा से है, क्यूंकि उबली सब्जियां भारत में केवल स्वास्थ्य के प्रति सचेत व्यक्ति ही खाते हैं न कि आम लोग. सब्जी बनाने के बाद ऊपर से सजावट और बढ़िया महक के लिए धनिया डाला जाता है.
एक बात देखिये लोग जब सब्जी खरीदने जाते है तो धनिया लोग कैसे खरीदते हैं. ज्यादातर लोग गोभी, बैगन जैसी मुख्य सब्जी खरीदते समय जब सब्जीवाला उसे तौल कर पॉलिथीन में भर रहा होता है, हम उसमे मिर्चा, धनिया डालने के लिए बोल देते हैं.
इस धनिया मिर्चा का कोई हिसाब नहीं होता है. यह मुफ्त-मुफ्त वाली ऑफर होती है. सब्ज़ीवाले भी न-नुकुर नहीं करते, जिसके दो कारण हो सकते हैं.
एक तो कि सब्जीवाला मुख्य सब्जी के दाम से फायदे में होता है और उसे यह ऑफर देने में कोई घाटा नहीं पड़ता. हमारे अंदर मुफ्त सामान पाने के लालच को तृप्ति मिलती है साथ ही उसकी ग्राहकी बनती है.
दूसरा कारण यह कहा जाता है कि संभवतः धनिया मिर्च साथ में देना सब्जीवालों का बिज़नस बढ़ाने का एक टोटका होता है इसलिये सब्ज़ीवाले देने से मना नहीं करते.
बहरहाल यह मुफ्त की धनिया का हाल मुफ्त में पाए जाने वाले सामान जैसा ही होता है. मिर्च कुछ दिनों तक हरा रहता है फिर लाल हो जाता है पर सब्जी में प्रयोग होता ही रहता है.
पर बेचारी धनिया एक दिन में सूख जाती है और चूंकि इसे सब्जी बनाने, पक जाने के बाद सबसे अंत में डाला जाता है इसलिए अक्सर लोग इसे धनिया डालना भूलना जाते हैं.
अगर आपने इसे अलग से पैसे देकर ख़रीदा है तो भी यह फ्रिज के कोने पड़ी रहती है. आपकी नजर इसपर तभी जाती है जब यह सड़ने-गलने लगती है या पीली-काली हो चुकी होती है.
आजकल धनिया (Coriander in hindi) के कम उपयोग का एक कारण ये भी लोग बोलते है कि बाज़ारों में मिलने वाली धनिया में न तो महक होती है न स्वाद, डालो या न डालो फर्क नहीं पड़ता. बात सही भी है.
हम जो धनिया बाज़ारों में देखते है क्या वह भी किसी हाइब्रिड फसल की होती है ?. जैसे देसी टमाटरों से भिन्न हाइब्रिड टमाटर लम्बे-अंडाकार होते हैं और साल भर बाज़ारों में दिखते है. हाइब्रिड टमाटर जरा भी खट्टे नहीं होते, उनकी उपरी त्वचा मोटी होती है जिससे वह कई दिनों तक गलते नहीं है.
मुझे याद आता है कि कुछ साल पहले जब मैं अपने गाँव गया था, तो एक रात आलू टमाटर की रसेदार सब्जी बनी थी. उस सादी सी सब्जी की महक और स्वाद से मै आश्चर्यचकित हो गया.
उस सब्जी में धनिया की ताज़ी, तेज भीनी खुशबू थी, जिसने सब्जी के स्वाद को दोगुना कर दिया था.
दादी से पूछने पर उन्होंने बताया कि सब्जी में घर के आंगन में ही लगाई हुई देसी धनिया डाली गयी थी. उस सब्जी के स्वाद को मै आज तक नहीं भूला हूँ क्योंकि वैसी धनिया की महक मुझे दुबारा नहीं मिली.
देसी, ताज़ी धनिया की मोहक खुशबु किसी भी सब्जी या दाल के स्वाद, महक में चार चाँद लगा देती है.
ताज़े रूप में सब्जी, दाल में महक और सजावट के लिए भले ही धनिया कम प्रयोग हो पर चटनी, मसाले, अचार, सलाद बनाने में धनिया के बीज अथवा चूर्ण रूप में अवश्य डाला जाता है.
मैं भी अपने घर में जमीन या गमले में सब्जी जैसे कि टमाटर, धनिया लगाऊंगा. यह उस महक का ही जादू है जो मुझे दुबारा उस अनुभव को पाने के लिए प्रेरित कर रहा है.
किचन गार्डन का कांसेप्ट सिर्फ उन्ही घरों में देखने को मिलता है जिनके पास पर्याप्त जमीन है. अन्यथा लोग गमलो में बस तुलसी, फूल आदि लगाते है.इस समस्या को देखते हुए रूफटॉप गार्डन (छत पर) का एक रचनात्मक तरीका का नया चलन आया है.
अगर आप भी धनिया का असली स्वाद लेना चाहते है तो अपने घर में धनिया लगा कर अवश्य देखें. धनिया कैसे उगाये, धनिया का उपयोग पर यह लेख अच्छा लगा तो इसे Share और Forward अवश्य करें, जिससे अन्य लोग भी ये जानकारी पढ़ सकें.
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