सन 1947 में भारत का आखिरी चीता मारा गया था और 1952 से ही भारत में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था। अब 2022 में 75 साल बाद दक्षिण अफ्रीकी देश नामीबिया से 8 चीते भारत लाए गए हैं जिसमें 3 नर और 5 मादा हैं। भारत सरकार की योजना कुल 20 चीतों को लाने की है जिससे कि भारत में चीतों की आबादी बढ़ती रहे।
अभी इन चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में रखा गया है। अन्य चीतों के आने के बाद अगर चीतों के रहने और शिकार के लिए जगह की कमी हुई तो उन्हें नौरादेही वन अभयारण्य और गांधी सागर अभयारण्य, मंदसौर में रखने की व्यवस्था की जा सकती है।
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Information about Cheetah | Cheetah ki speed
1) जमीन पर रहने प्राणियों में चीता (Cheetah) सबसे तेज भागने वाला जानवर है। चीता की अधिकतम स्पीड 110 किलोमीटर/घंटा से 120 किलोमीटर/घंटा के बीच होती है। दौड़ना शुरू करते ही 3 सेकंड में चीता ये स्पीड पकड़ लेता है।
2) एक चीता की लंबाई 1.1 मीटर से 1.4 मीटर तक हो सकती है। चीते का वजन 34 से 54 Kg तक होता है। चीता की पूंछ की लंबाई 65 cm से 80 cm तक होती है। चीते की औसत हाइट 32 इंच होती है।
3) दुनिया में करीब 7100 चीता हैं जिसमें ज्यादातर अफ्रीका में पाए जाते हैं। भारत में चीता नहीं पाए जाते। चीता सन 1952 से भारत में विलुप्त हो चुके हैं। एशिया में केवल ईरान में करीब 50 Asiatic Cheetah पाए जाते हैं।
चीता तेंदुआ में अंतर –
तेंदुआ और चीता देखने में एक जैसे लग सकते हैं लेकिन दोनों में बहुत अंतर होता है। वैसे तो दोनों के शरीर पर चितकबरे पैटर्न बना होता है लेकिन तेंदुआ की शरीर पर बड़े काले-भूरे धब्बे होते हैं जबकि चीते के शरीर पर थोड़ा छोटे गोल, काले धब्बे होते हैं।
तेंदुआ के दौड़ने की स्पीड अधिकतम 60 किलोमीटर/घंटा होती है जोकि चीते की स्पीड से आधी है।
तेंदुआ के पंजों में बाहर की ओर निकलने वाले नाखून होते हैं जिसकी वजह से तेंदुए पेड़ पर चढ़ने में माहिर होते हैं और ये अच्छे तैराक भी होते है।
तेंदुआ की ऊंचाई कम होती है लेकिन ये मजबूत व देखने में तगड़े लगते हैं। तेंदुआ की तुलना में चीता की ऊंचाई ज्यादा होती है और चीते का शरीर हल्का होता है, इसी से चीता को दौड़ने की तूफ़ानी स्पीड मिलती है।
चीते की दोनों आँखों के अंदरूनी कोने से गहरी काली वक्राकार रेखाएं निकलती हैं जिन्हें “टियर-लाइन’ कहते हैं। माना जाता है कि इससे चीता को अपने शिकार पर ज़्याद फ़ोकस करने में मदद मिलती है। ये रेखाएं तेंदुए में नहीं मिलती।
चीते घास के खुले मैदानों में रहना पसंद करते हैं लेकिन तेंदुए घनी झाड़ियों और पेड़ों वाले क्षेत्रों को पसंद करते हैं। चीतों के मुक़ाबले तेंदुए पेड़ों पर ज़्यादा समय बिताते हैं।
चीते झुंड में रहते हैं जबकि तेंदुआ ज्यादातर अकेला ही रहना पसंद करता है।
A: Acinonyx jubatus
A: भारत के पहाड़ी इलाकों में पाए जाने वाले तेंदुए को गुलदार कहा जाता है। गुलदार तराई के तेंदुओं से बड़ा होता है।
चीता की रफ्तार | Cheetah ki Speed kitni hoti hai
4) एक चीता की जबर्दस्त स्पीड का कारण उसका Aerodynamic body (वायुगतिकीय शरीर) है जिसकी वजह से हवा से कम से कम Friction (गतिरोध) पैदा होता है और बहुत हाई स्पीड मिलती है।
5) जब चीता अपनी उच्चतम स्पीड (Top speed) से दौड़ रहा होता है तो वह एक छलांग में 6-7 मीटर यानि 21 फीट की दूरी तय कर रहा होता है। इस हिसाब से चीता 100 मीटर की दूरी मात्र 16 कदम में पूरी कर सकता है।
6) आप सोचेंगे कि चीता इतनी लम्बी छलांग कैसे लगाता है तो इसका कारण चीते के Collar bone (हँसुली की हड्डी) की अनोखी बनावट है। चीते की कालर बोन उसके शरीर के मुख्य अस्थि पंजर से जुडी नहीं होती इसलिए शरीर को पूरी लम्बाई में फैलने में सक्षम बनाती है।
7) चीता की स्पीड तो अद्भुत है लेकिन चीता अपनी टॉप स्पीड पर 20 सेकंड से अधिक नहीं दौड़ सकता है। क्योंकि इतना Fast दौड़ने की वजह से उसकी Heart rate इतनी तेज हो जाती है कि ऐसी एक दौड़ के बाद उसे 30 मिनट का आराम करना पड़ता है। इस आराम के बाद ही वह दुबारा शिकार का पीछा कर पाता है।
8) चीता अपनी एक दौड़ के कुल समय का आधा टाइम हवा में ही रहता है। चीता के पूँछ की लम्बाई उसके शरीर की लम्बाई के आधे से ज्यादा होती है। यह पूँछ उसे दौड़ते समय अचानक तीखा मोड़ (Sharp turn) लेने में मदद करती है।
क्या चीता रेस में एक रेसिंग स्पोर्ट्स कार को हरा सकता है ? इसके जवाब में चीता के बारे में ये खास बातें जानें –
चीता और रेसिंग स्पोर्ट्स कार की Race में कौन जीतेगा ?
9) असल में Cheetah और Racing Car कार की 100 मीटर रेस में रेसिंग कार ही जीतेगी लेकिन Acceleration की बात की जाए तो दुनिया की कोई भी कार चीता का मुकाबला नहीं कर सकती। चीता एक झटके में 112 से 128 किलोमीटर/घंटे का Acceleration पैदा कर सकता है, जोकि किसी भी कार के बस के बाहर की बात है।
इसका मतलब ये है कि चीता और कार की रेस के शुरुआत में चीता ही आगे होगा लेकिन बाद में रेसिंग कार स्पीड पकड़ लेगी और आगे निकल जाएगी।
10) चीता (Cheetah) एक जानवर है कोई मशीन नहीं। इसलिए चीता की बॉडी की कुछ शारीरिक सीमायें है। जब चीता एकदम से 0-96 किलोमीटर की रफ्तार पकड़ता है तो उसके शरीर का तापमान 40.6 डिग्री बढ़ जाता है।
इस प्रकार 15 सेकंड दौड़ने के बाद उसके शरीर का तापमान 43 डिग्री तक बढ़ जाता है। इसकी वजह से चीते को अपनी स्पीड धीमी करनी पड़ती है, नहीं तो हृदयगति और ब्लड प्रेशर बढ़ने से उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
11) चीता ऐसा शिकार चुनता है कि कम दूरी दौड़ना पड़े क्योंकि कम दूरी में उसकी स्पीड का कोई टक्कर नहीं। चीता जानता है कि वो बहुत देर तक नहीं दौड़ पाएगा इसीलिए वो घात लगाकर शिकार करता है।
12) चीता दिन में शिकार करता है क्योंकि वो रात में शिकार करने वाले जानवरों जैसे शेर, तेंदुआ, लकड़बग्घा आदि से शिकार के लिए काम्पिटिशन नहीं करना चाहता।
चीता का परिवार | about Cheetah family
13) मादा चीता की गर्भावधि 90-95 दिन होती है। मादा चीता एक बार में 2 से 8 बच्चों (Cubs) को जन्म देती है और उनकी 16 महीने से 2 साल तक देखभाल करती है जब तक वो खुद से शिकार करने लायक न हो जाये।
14) चीता के 90% बच्चे पैदा होने के 3 महीने के अंदर ही मर जाते हैं। इसमें 50% को तो बड़े हिंसक जानवर शेर, तेंदुआ आदि मार डालते हैं। बाकी 40% बच्चों में Genetic diversity की वजह से इम्यूनिटी कमजोर होती है जिससे वो रोग, बीमारी की वजह से मर जाते हैं।
15) चीता ग्रुप में रहना पसंद करते हैं। अक्सर चीते 2 तरह के ग्रुप में पाए जाते हैं। एक जिसमें 1 माँ और बाकी उसके बच्चे होते हैं। दूसरे तरीके का ग्रुप कुछ नर चीतों का होता है जो साथ में शिकार करते हैं। युवा मादा चीता अकेले ही रहती है और केवल समागम के लिए नर से मिलती है।
चीता के बारे में रोचक जानकारी | Interesting Facts about Cheetah
16) दिन के समय चीता की नजर बहुत तेज होती है और ये 5 किलोमीटर दूर से शिकार को देख सकता है। लेकिन रात में चीता की नजर कमजोर होती है। चीता पेड़ पर नहीं चढ़ पाते हैं।
17) चीता को 3-4 दिन में केवल एक बार पानी पीने की जरूरत पड़ती है। चीता एक बार में 2.5 से 3.5 किलो माँस खाता है। खाने में चीता को हिरण, खरगोश, चिड़िया, इम्पाला पसंद होता है।
Cheetah in Hindi name | Cheetah in English
18) Cheetah को हिंदी और इंग्लिश दोनों में ही चीता कहा जाता है। Cheetah शब्द हिन्दी के चित्ता शब्द से बना है जिसका मतलब “चित्तीदार” है।
19) जरूरत पड़ने पर चीता तैर भी लेते हैं हालांकि चीता को पानी में जाना, तैरना पसंद नहीं होता है।
20) माना जाता है कि खूंखार जानवरों में चीता ही एक ऐसा जानवर है जिसे आसानी से पालतू बनाया जा सकता है। सुमेरियन सभ्यता के लोग चीते को पालतू बनाकर रखते थे और शिकार करने में इनकी मदद लेते थे। कहा जाता है कि मुगल राजा अकबर के पास 6000 चीते पालतू बनाकर रखे थे। चंगेज खान को भी पालतू चीता रखने का शौक था।
21) जब चीता पैदा होता है तो उसके गले के पीछे से पीठ तक घोड़े कि तरह लंबे भूरे बाल होते हैं। इन बालों की वजह से चीते के बच्चे घास में घुल-मिल जाते हैं और बड़े जानवर उनका शिकार नहीं कर पाते।
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source : https://www.nationalgeographic.com/animals/mammals/facts/cheetah , https://en.wikipedia.org/wiki/Cheetah