बेग़म अख़्तर की 5 ग़ज़ल के Lyrics | Begum Akhtar Ghazal lyrics

Begum Akhtar Ghazal lyrics in hindi | बेगम अख्तर की ग़ज़लें : बेगम अख्तर ग़ज़ल, ठुमरी और दादरा गायन शैली की सुप्रसिद्ध गायिका थीं। बेगम अख्तर का असली नाम अख्तरी बाई फैजाबादी था। मल्लिका–ए-ग़ज़ल कहलाने वाली Begum Akhtar को भारत सरकार ने पद्म श्री और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था।

60 साल की उम्र में सन 1974 में उनका देहांत हुआ था। बेगम अख्तर की 5 बेहतरीन ग़ज़ल सुनिए और साथ में ग़ज़ल के बोल (Lyrics) का भी आनंद उठाइए। बेमिसाल गायिका बेगम अख्तर की आवाज़ और बेहतरीन अंदाज दिल को छू जाता है। 

Table of Contents

1) वो जो हममें तुममें क़रार था, तुम्हें याद हो के न याद हो | Woh jo humme tumme qarar tha lyrics in hindi

शायर : मोमिन खान ‘मोमिन’

वो जो हम में तुम में क़रार था, तुम्हें याद हो के न याद हो
वही यानी वादा निबाह का, तुम्हें याद हो के न याद हो

वो नये गिले वोह शिक़ायतें, वो मज़े मज़े की हिक़ायतें
वो हर एक बात पे रूठना, तुम्हें याद हो के न याद हो

कभी हम में तुम में भी चाह थी, कभी हमसे तुमसे भी राह थी
कभी हम भी तुम भी थे आशना, तुम्हें याद हो के न याद हो

वो जो लुत्फ़ मुझसे थे पेशतर, वो क़रम कि था मेरे हाल पर
मुझे सब है याद ज़र्रा-ज़र्रा, तुम्हें याद हो के न याद हो

कोई बात ऐसी अगर हुई, जो तुम्हारी जी को बुरी लगी
तो बयाँ से पहले ही बोलना, तुम्हें याद हो के न याद हो

जिसे आप गिनते थे आशना, जिसे आप कहते थे बावफ़ा
मैं वही हूँ ‘मोमिन’-ए-मुब्तिला, तुम्हें याद हो के न याद हो

2) ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया | Ae mohabbat tere anjam pe lyrics in hindi

शायर : शकील बदायूंनी

ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया
जाने क्यूँ आज तेरे नाम पे रोना आया

यूँ तो हर शाम उमीदों में गुज़र जाती थी
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया

कभी तक़दीर का मातम कभी दुनिया का गिला
मंज़िल-ए-इश्क़ में हर गाम पे रोना आया

जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का ‘शकील’
मुझको अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया

3) मेरे हमनफ़स, मेरे हमनवा, मुझे दोस्त बन के दवा न दे | Mere humnafas mere humnawa lyrics in hindi

शायर : शकील बदायूंनी

मेरे हमनफ़स, मेरे हमनवा, मुझे दोस्त बन के दवा न दे
मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब, मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे

मेरे दाग़-ए-दिल से है रौशनी, इसी रौशनी से है ज़िंदगी
मुझे डर है ऐ मेरे चाराग़र, ये चराग़ तू ही बुझा न दे

मुझे छोड़ दे मेरे हाल पर, तेरा क्या भरोसा है चाराग़र
ये तेरी नवाज़िश-ए-मुक़्तसर, मेरा दर्द और बढ़ा न दे

मेरा ज़ुल्म इतना बुलन्द है के पराये शोलों का डर नहीं
मुझे ख़ौफ़ आतिश-ए-गुल से है, ये कहीं चमन को जला न दे

वो उठे हैं लेके हुम-ओ-सुबू, अरे ओ  ‘शक़ील’ कहाँ है तू
तेरा जाम लेने को बज़्म में कोइ और हाथ बढ़ा न दे

4) ये न थी हमारी किस्मत के विसाल-ए-यार होता | Ye na thi Hamari Kismat lyrics in hindi

शायर : मिर्ज़ा ग़ालिब

ये ना थी हमारी क़िस्मत के विसाल-ए-यार होता, अगर और जीते रहते, यही इंतज़ार होता

तेरे वादे पर जिये हम, तो ये जान झूठ जाना, के खुशी से मर न जाते, अगर ऐतबार होता

तेरी नाज़ुकी से जाना के बंधा था अहद बूदा, कभी तू न तोड़ सकता, अगर उसतवार होता

कोई मेरे दिल से पूछे, तेरे तीर-ए-नीम कश को, ये खलिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता

ये कहाँ की दोस्ती है के बने हैं दोस्त नासे, कोई चारा साज़ होता, कोई गम गुसार होता

रग-ए-संग से टपकता, वो लहू के फिर न थमता, जिसे ग़म समझ रहे हो, ये अगर शरार होता

ग़म अगर-चे जाँ गुसल है, पर कहाँ बचैं के दिल है, ग़म-ए-इश्क़ गर न होता, गम-ए-रोज़गार होता

कहूँ किस से मैं के किया है, शब-ए-गम बुरी बला है, मुझे किया बुरा था मरण अगर ऐक बार होता

हुए मर के हम जो रुसवा, हुए क्यूँ न गर्क़-ए-दरया, न कभी जनाज़ा उठता, न कहीं मज़ार होता

उसे कौन देख सकता के, यगाना हे वो यकता, जो दुई की बू भी होती, तो कहीं दो चार होता

ये मसा-एल-ए-तसव्वुफ़, ये तेरा बेअन, ग़ालिब, तुझे हम वाली समझते, जो न बादह खार होता

5) हमरी अटरिया पे आओ सवारिया, देखा देखी बालम होई जाये (दादरा) | Hamri atariya pe aao lyrics in hindi

हमरी अटरिया पे आओ सवारियां, देखा देखी बलम होई जाए-2,

तस्सवुर में चले आते हो कुछ बातें भी होती हैं, शबे फुरकत भी होती हैं मुलाकातें भी होती हैं,

प्रेम की भिक्शा मांगे भिखारन, लाज हमारी राखियो साजन। 2

आओ सजन हमारे द्वारे, सारा झगड़ा खत्म होइ जाए 2

हमरी अटरिया-2

तुम्हरी याद आंसू बन के आई, चश्मे वीरान में 2, ज़हे किस्मत के वीरानों में बरसातें भी होती है

हमारी अटरिया पे 2

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1 thought on “बेग़म अख़्तर की 5 ग़ज़ल के Lyrics | Begum Akhtar Ghazal lyrics”

  1. जिनके गलेमे  थी आवाजकी सादगी
    जो मीठे सूर करते थे बंदीशोंको बंदगी
    गायकीको जाँ निसार हुई जो  जिंदगी
    बेगम अख्तर करें मैफिलकी नुमाईंदगी

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