भविष्य पुराण में भविष्य और वर्तमान युग के बारे में भविष्यवाणियां और घटनाओं का वर्णन है। हिन्दू पुराणों में कलयुग के वर्णन के साथ ही वर्तमान युग के बारे में भी विस्तार से मिलता है। भविष्य पुराण के अनुसार इसके श्लोकों की संख्या 50,000 के लगभग होनी चाहिए, परंतु वर्तमान में कुल 14,000 श्लोक ही उपलब्ध हैं।
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भविष्य पुराण की भविष्यवाणी | Bhavishya Puran
भविष्य पुराण 4 प्रमुख पर्वों (ब्रह्म, मध्यम, प्रतिसर्ग तथा उत्तर) में विभाजित है। ऐतिहासिक घटनाओं का वर्णन प्रतिसर्ग पर्व में वर्णित है। इसके प्रतिसर्ग पर्व के 3 तथा 4 खंड में इतिहास की जानकारी दी गई है। भविष्य पुराण में भारत के राजवंशों और भारत पर शासन करने वाले विदेशियों के बारे में स्पष्ट उल्लेख मिलता है।
1) ईसा मसीह का उल्लेख –
इस पुराण में ईसा मसीह का जन्म, उनकी हिमालय यात्रा और तत्कालीन सम्राट शालिवाहन से भेंट के बारे में काफी महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई हैं, जिसे आधुनिक रिसर्च के बाद प्रमाणित भी किया जा चुका है। भविष्य पुराण के प्रतिसर्ग पर्व के खंड 3 के अध्याय 2 के श्लोक में ऐसा ही उल्लेख है जिसमें ईसा मसीह के लंबे समय तक भारत के उत्तराखंड में निवास करने और तपस्यारत रहने का वर्णन है।
उस समय उत्तरी भारत में शालिवाहन का शासन था। एक दिन वे हिमालय गए जहां लद्दाख की ऊंची पहाड़ियों पर उन्होंने एक गौरवर्ण दिव्य पुरुष को ध्यानमग्न अवस्था में तपस्या करते हुए देखा। समीप जाकर उन्होंने उनसे पूछा – आपका नाम क्या है और आप कहां से आए हैं?
उस पुरुष ने उत्तर दिया- ‘मेरा नाम ईसा मसीह है। कुंवारी मां के गर्भ से उत्पन्न हुआ हूं। विदेश से आया हूं जहां बुराइयों का अंत नहीं है। उन आस्थाहीनों के बीच मैं मसीहा के रूप में प्रकट हुआ हूं। भविष्य पुराण अध्याय 2 में कहा गया है – ‘म्लेच्छदेश मसीहो हं समागत।। ईसा मसीह इति च ममनाम प्रतिष्ठितम् ।।
2) वर्तमान कलयुग का वर्णन –
‘रविवारे च सण्डे च फाल्गुनी चैव फरवरी। षष्टीश्च सिस्कटी ज्ञेया तदुदाहार वृद्धिश्म्।।” अर्थात भविष्य में अर्थात आंग्ल युग में जब देववाणी संस्कृत भाषा लोपित हो जाएगी, तब रविवार को ‘सण्डे’, फाल्गुन महीने को ‘फरवरी’ और षष्टी को सिक्स कहा जाएगा।
भविष्यपुराण में बताया गया है कि कलयुग में लोगों के दिलों में छल होगा और अपनों के लिए भी लोगों के दिलों में जहर भरा होगा। अपनों का भी बुरा करने से कलयुग के लोग घबराया नहीं करेंगे। दूसरों का भी हक़ खाने की आदत लोगों को हो जाएगी और चारों तरफ लूट ही लूट होगी।
कलयुग में हर व्यक्ति को किसी न किसी चीज का अहंकार होगा और वह खुद को इसलिए दूसरों से ऊपर समझने का काम करेगा। अहंकार की वजह से कलयुग में टकराव बढ़ जाएगा और यही वजह इन्सान के अंत की भी वजह रहेगी। भविष्यपुराण में साफ बताया गया है कि कलयुग में पैसा ही सबका बाप होगा। पैसे की चाहत इतनी मनुष्य को हो जाएगी कि वह पैसे के लिए किसी की जान तक ले लिया करेगा।
ब्रह्मा जी ने कहा-हे नारद! भयंकर कलियुग के आने पर मनुष्य का आचरण दुष्ट हो जाएगा और योगी भी दुष्ट चित्त वाले होंगे। संसार में परस्पर विरोध फैल जाएगा। द्विज (ब्राह्मण) दुष्ट कर्म करने वाले होंगे और विशेषकर राजाओं में चरित्रहीनता आ जाएगी। देश-देश और गांव-गांव में कष्ट बढ़ जाएंगे। साधू लोग दुःखी होंगे।
अपने धर्म को छोड़कर लोग दूसरे धर्म का आश्रय लेंगे। देवताओं का देवत्व भी नष्ट हो जाएगा और उनका आशीर्वाद भी नहीं रहेगा। मनुष्यों की बुद्धि धर्म से विपरीत हो जाएगी और पृथ्वी पर मलेच्छों के राज्य का विस्तार हो जाएगा। मलेच्छ का अर्थ होता है दुष्ट, नीच और अनार्य।
जब हिन्दू तथा मुसलमानों में परस्पर विरोध होगा और औरंगजेब का राज्य होगा, तब विक्रम सम्वत् १७३८ का समय होगा। उस समय अक्षर ब्रह्म से भी परे सच्चिदानन्द परब्रह्म की शक्ति भारतवर्ष में इन्द्रावती आत्मा के अन्दर विजयाभिनन्द बुद्ध निष्कलंक स्वरूप में प्रकट होगी। वह चित्रकूट के रमणीय वन के क्षेत्र (पद्मावतीपुरी पन्ना) में प्रकट होंगे। वे वर्णाश्रम धर्म (निजानन्द) की रक्षा तथा मंदिरों की स्थापना कर संसार को प्रसन्न करेंगे। वे सबकी आत्मा, विश्व ज्योति पुराण पुरुष पुरुषोत्तम हैं। म्लेच्छों का नाश करने वाले बुद्ध ही होंगे और श्री विजयाभिनन्द नाम से संसार में प्रसिद्ध होंगे। (उ.ख.अ. ७२ ब्रह्म प्र.)
वह परब्रह्म पुरुष निष्कलंक दिव्य घोड़े पर (श्री इन्द्रावती जी की आत्मा पर) बैठकर, निज बुद्धि की ज्ञान रूपी तलवार से इश्क बन्दगी रूपी कवच और सत्य रूपी ढाल से युक्त होकर, अज्ञान रूपी म्लेच्छों के अहंकार को मारकर सबको जागृत बुद्धि का ज्ञान देकर अखण्ड करेंगे। (प्र. ३ ब. २६ श्लोक १)
3) भविष्य पुराण और इस्लाम –
भविष्य पुराण में मुहम्मद के बारे में कहा गया है। इसी पुराण का निम्न श्लोक हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं, जो प्रतिसर्ग पर्व में वर्णित है। इस ग्रंथ के श्लोक को हम यहां यथावत उल्लेख कर रहे हैं लेकिन हम यह दावा नहीं करते कि संस्कृत के इस श्लोक की व्याख्या वहीं है जोकि श्लोक में है।
भविष्य पुराण पर्व 3, खंड 3, अध्याय 3 और मंत्र 5 से 8 तक इस बारे में उल्लेख मिलता है। भविष्य पुराण, द्वितिय खंड, प्रतिसर्ग अध्याय 3, अनुवादक पंडित बाबूराव उपाध्याय और प्रकाशक हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से प्रकाशित पुस्तक के पृष्ठ नंबर 258 पर इसका जिक्र है।
लिंड्गच्छेदी शिखाहीन: श्मश्रुधारी सदूषक:।
उच्चालापी सर्वभक्षी भविष्यति जनोमम।।25।।
विना कौलं च पश्वस्तेषां भक्ष्या मतामम।
मुसलेनैव संस्कार: कुशैरिव भविष्यति ।।26।।
तस्मान्मुसलवन्तो हि जातयो धर्मदूषका:।
इति पैशाचधर्मश्च भविष्यति मया कृत:।। 27।। : (भविष्य पुराण पर्व 3, खंड 3, अध्याय 1, श्लोक 25, 26, 27)
व्याख्या : रेगिस्तान की धरती पर एक महामद जन्म लेगा , वो एक ऐसे धर्म की नींव रखेगा जिसके कारण मानव जाति त्राहिमाम् कर उठेगी। वो असुर कुल सभी मानवों को समाप्त करने की चेष्टा करेगा। उस धर्म के लोग अपने लिंग के अग्रभाग को जन्म लेते ही काटेंगे, उनकी शिखा (चोटी) नहीं होगी, वो दाढ़ी रखेंगे, पर मूंछ नहीं रखेंगे। वो बहुत शोर करेंगे और मानव जाति का नाश करने की चेष्टा करेंगे। राक्षस जाति को बढ़ावा देंगे एवं वे अपने को ‘मुसलमान’ कहेंगे और ये धर्म कालांतर में स्वत: समाप्त हो जाएगा।
4) अंग्रेज और मुगलों का वर्णन –
इस पुराण में द्वापर, कलियुग के राजा तथा उनकी भाषाओं के साथ-साथ विक्रम-बेताल तथा बेताल पच्चीसी की कथाओं का विवरण भी है। सत्यनारायण की कथा भी इसी पुराण से ली गई है। इस पुराण में ऐतिहासिक व आधुनिक घटनाओं का वर्णन किया गया है। इसमें आल्हा-उदल के इतिहास का प्रसिद्ध आख्यान इसी पुराण के आधार पर प्रचलित है।
इस पुराण में नंद वंश, मौर्य वंश एवं शंकराचार्य आदि के साथ-साथ इसमें मध्यकालीन हर्षवर्धन आदि हिन्दू और बौद्ध राजाओं तथा चौहान एवं परमार वंश के राजाओं तक का वर्णन प्राप्त होता है। इसमें तैमूर, बाबर, हुमायूं, अकबर, औरंगजेब, पृथ्वीराज चौहान तथा छत्रपति शिवाजी के बारे में भी स्पष्ट उल्लेख मिलता है। श्रीमद्भागवत पुराण के द्वादश स्कंध के प्रथम अध्याय में भी वंशों का वर्णन मिलता है।
सन् 1857 में इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया के भारत की साम्राज्ञी बनने और आंग्ल भाषा के प्रसार से भारतीय भाषा संस्कृत के विलुप्त होने की भविष्यवाणी भी इस ग्रंथ में स्पष्ट रूप से की गई है।
5) हिंदुकुश पर्वत का सत्य –
भविष्य पुराण में जिक्र आता है कि एक समय जब हिन्दुस्तान की सीमा हिंदकुश पर्वत तक थी तो वहां प्रसिद्ध शिव मंदिर था। ऐसा कहा जाता है कि एक बार कुछ संत हिन्दकुश पर्वत पर शिव के दर्शन करने गए थे तो भगवान शिव ने उन्हे बताया था कि अब आप सभी यहां से लौट जाओ। मैं भी इस स्थान को सदा के लिए छोड़ रहा हूं। जाओ और सभी को बताओ कि अब यहां किसी को नहीं आना है। थोड़े दिनों में प्रलय की शुरुआत यहां होने वाली है।
कहा जाता है कि इसके बाद खलिफाओं के आक्रमण ने अफगान और हिन्दुकुश पर्वतमाला के पास रहने वाले 15 लाख हिन्दुओं का सामूहिक नरसंहार किया था। अफगान इतिहासकार खोण्डामिर के अनुसार यहां पर कई आक्रमणों के दौरान 15 लाख हिन्दुओं का सामूहिक नरसंहार किया गया था। इसी के कारण यहां के पर्वत श्रेणी को हिन्दुकुश नाम दिया गया, जिसका अर्थ है ‘हिंदुओं का वध।’ हालांकि कुछ संत लोग मानते हैं कि भगवान जब किसी स्थान से नाराज होते हैं तो वहां प्राकृतिक प्रलय आने लगती हैं। आज हिंद्कुश पर्वत और आसपास का क्षेत्र भूकंप के आने का केंद्र बना हुआ है।
एक अफवाह ये है कि भविष्य पुराण में लिखा है कि हिंदू समाप्त हो जाएंगे जोकि बिल्कुल भी सत्य नहीं है। भविष्य पुराण में लिखा है कि मुस्लिम समाप्त हो जाएंगे।
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निष्कर्ष (Conclusion) –
भविष्य पुराण में भविष्यवाणियों वाला भाग बहुत प्राचीन नहीं है और इसे ‘बृहत संहिता’ और ‘साम्ब पुराण’ से लिया गया है। कई विद्वानों और इतिहासकारों का इस विषय में मतभेद भी है। इस लेख का उद्देश्य मात्र आपको जानकारी देना है, किसी विचार को बढ़ावा देना नहीं है। भविष्य पुराण में भविष्यवाणी के संबंध में अपने विचार नीचे कमेन्ट करें और इस लेख को व्हाट्सप्प, फ़ेसबुक पर शेयर जरूर करें जिससे अन्य लोग ये लेख पढ़ सकें।
Jitna sab ko pata hai utna hi kyu likha hai ? Bhavishya ki baat to likhi hi nahi hai?
Dekho Bhai ye 5000 sal pehele likha geya tha tab ye bhavisay Pani sachh nahi huya tha abb hua na
भविष्य पुराण के वर्णन यथार्थ परक जिनके सत्यता का नंगी आंखों से देखा जा सकता है और उसके यथार्थ की प्रस्तुति देखी जा सकती है
जब समय के साथ पाप और अत्याचार बढ़ेगा तो हिन्दुत्व और हिन्दू की प्रगति कैसे सम्भव है??
अत्याचार का अंत कलियुग के अंत में होगा अर्थात् जब कलियुग के 4 लाख 32 हज़ार वर्ष पूर्ण हो जाएंगे तब तक तो धर्म का पतन ही होगा न ???
तत्पश्चात धर्म की पुनः स्थापना होगी।
कृपया ज्ञानीजन मार्गदर्शन करें।
paap aur atayachar vartman mein mlechha jati bahut dekha gya hai, yeh mlechha vanshi log daitya-raja mahabali ke dwara bheje gye muhammad naam ke punar janam liya hua daitya tripurasur ke kaaran aryadesh mein hai, aur tripur asur khud aryadesh ke aakash mlechha ko tatak de rha hai, aur mlechha jati ke bistar murkh banakar kar rha hai, isse khatam krne ke liye,ek gandharva divya purush shafed ashwa par agni se lipt talwar se inka vinaas krenge, aur arya dharma ki puna issthapana krenge, yeh bhagwan kalki nhi hai, aditya ke saathi honge, yah hindutva-chetna ka ek pramukh kaaran bhi hai. aise aryadesh se mlechha ka mool vinas hoga, yahi ved ka puna prasaran bhi krenge.
Well said
Sahi hai kalki bhagwan in malenchh ka ant karege aur kalyug ka ant hoga
koi avtar nahi aayega ye avtar ki dharna me kayar mat bano hame khud ke pauraus ko जगाकर कल्कि बनना पड़ेगा स्वयं को जागृत करो । हथियार तैय्या रखो अपनी एवम समाज की रखा करने का हर मनुष्य संकल्प ले , अपनी एकता बढ़ाओ, विभाजनकारी शक्तियों को उसी की भाषा में जवाब दो । मलच्छो को उन्ही की भाषा में जवाब दो। अपनी शक्ति बढ़ाओ। अपने संस्कारों को अपनाओ
युग परिवर्तन हो जाएगा।क्योंकि मात्र500, वर्ष हीं कलयुग की आयु होगा
खाना खा कर सो जाओ अच्छे सपने देखो और एक दिन राम को पा जाओगे तब वही सही से सब कुछ बता पाएंगे होनी को टालना जटिल है।
KALYUG JYADA SAMAY ANE ME BAKI NAHI JISSE HISAB SE WOLRD KE HALAT H OR JIS TARIKE KE GLOBAL WARMING CHHAL RAHI HAI USS HISAB SE BAHUT BADI APDA JALD DEKHANE KO MILEGI ANE WALE 30 SE 40 SAL IS PRATHVAI PAR PAP KA NASH LAGBHAG SURU HO JAYEGA
इस पुराण शास्त्र धोखा के अलावा कुछ नही है । इसमें कोई सत्यता नहीं है । सारे धर्मो के धार्मिक किताबें पढ़ने के बाद समझ आ गया है की बाईबल को छोड़ और कोई भी धर्म ग्रंथ में कोई सच्चाई नहीं है । अपनी डिंग हांकने पंडित गिरी दिखाई है । सूरज को दीप दिखाना मूर्खता है । कम से कम 5000 साल का इतिहास का अध्ययन किया हूं । कोरी कहानी पर विश्वास नहीं किया जा सकता है । इतना जाना येशु मसीह जीवित ईश्वर है । उसके सिवा ओर कोई नहीं है ।
phir toh abhi bhi bharat bahut se manav devta bane hain. ishwar sirf ek ki hai, sadashiv. Hare krsna.
लगता है आपको सही से समझने में दिक्कत होती है। जब यीशु जैसा कोई पैदा भी नही हुआ था उससे कई वर्षों पहले से सनातन धर्म चलता आया है और चलता रहेगा। भविष्य पुराण में यीशु के जन्म और मरने का जिक्र है जिससे पता चलता है वो एक साधारण इंसान थे।। ईश्वर कभी मरा नही करते यह आपको समझने की जरूरत है।। जैसे मुसलमानो का अंत लिखा है उसी तरह अंग्रेजी सभ्यता का भी अंत होगा।। अधिक जानकारी के लिए भागवत गीता पढ़ना सुरु करे शायद कुछ समझ पाएं।।
अति उत्तम,,,
ए तुम्हारी लिखावट अहंकार से भरा हुआ है येशु प्रभु क्रूस पर मरे जगत के लोगो के पाप क्षमा के लिए और तीसरे दिन जी उठे मनुष्य जाति को अनंत जीवन देने के लिए
आपके जवाब को पढ़ कर विश्वास हो गया कि भविष्य पुराण में सच ही लिखा है कि धर्म का पतन हो जायेगा, लोग पवित्र धर्म ग्रंथों पर भी विश्वास नहीं करेंगे, सनातन धर्म के बारे में उल्टा सीधा बोलेंगे, वगैरह,,, . कलियुग के बारे में बहुत सटीक लिखा है, और आपका कथन उसे सिद्ध भी करता है,,, धन्यवाद – इतना सटीक प्रमाण देने के लिए,,,
Main aapse bilkul sehmat hoon
i am not truth
my child go back to Hinduism
ईश्वर कौन ?
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ईश्वर कौन है ? यह प्रश्न मानव मन मन को झिंझोड़ता रहता है। लोगों की धारणाएं भिन्न -भिन्न होती है। मन्दिरों मे स्थापित मुर्तियों मे कोई भगवान को ढ़ुढ़ता है ,कोई क्षीरसागर व बैकुण्ठ को उनका निवास बतलाता है , तो कोई उस भगवान के अस्तित्व को ही नकार देता है।
⏩ बात भी बिल्कुल सही है। क्योकि शास्त्रों मे ब्रह्म पिण्ड रुप मे नही होता,उसका रंग,रुप और आकार कुछ नही होता। दिखना तो दूर हम उसे महसुस भी नही कर पाते। हम ठहरे वैज्ञानिक और आधुनिक युग के मनुष्य। बिना जाँचे परखे किसी चीज पर विश्वास नही कर सकते। और यही सही भी होता है।
⏩ एक छोटा सा उदाहरण — दुनिया की हर भाषा मानव मष्तिष्क मे भरी पड़ी है। जानने वाले का सानिध्य मिलते ही हम समझने लगते है ,चाहे अंग्रेजी ,फारसी,जर्मन,या कोई भी भाषा हो। स्वयं से तो जिस और जहाँ के परिवेश मे हम पैदा होते हैं,वहीं की भाषा जान पाते हैं । ठीक इसी तरह से भगवान को जानने और न जानने का भी सवाल है।
⏩ ईश्वर का अस्तित्व है, या नहीं ।। इसका समाधान वही बतलाएगा जिसने भगवान का शोध करके साक्षात्कार किया है। महाभारत युद्ध मे कृष्ण के विराट स्वरुप का दरशन अर्जुन और संजय ने ही किया। दोनो तरफ की सेनाएं क्या अंधी थीं। किसी ने वह दृश्य नही देखा। यही बात सभी पर लागू होती है। भगवान को इन नंगी आँखो से न ही देखा जा सकता। उनके दिदार के लिए कृष्ण और महर्षि वेदव्यास के स्तर का ही कोई सद्गुरु हमारे साथ होना चाहिए। हमे उनपर पूरी आस्था होनी चाहिए।
⏩ आम इंसान यही गलती कर बैठता है। अहम् मे भगवान और सद्गुरु को भिन्न समझ लेता है। एक को छोटा और एक को बड़ा मानकर अपनी ही मस्ती मे मस्त रहता है। इसे पता ही नही कि बिना गुरु के ,भक्ति-पथ मे वह विकलांग ही है।
लाख समझाने के बावजूद भी करता है अपने ही मन का। जिस विषय को पढना है तो उसके मास्टर के पास तो जाना ही पड़ेगा। किताबो से कुछ नही हो सकता।
⏩ सद्गुरु मे श्रद्धा ही भगवान से परिचय कराने वाली कारण है। अपने गुरु मे जिसकी आस्था नही उसके लिए भगवान भी कुछ नही है। खटे , खाए और मर जाए,यही वह जान सकता है। इसलिए चारों तरफ से अपनी श्रद्धा बटोर कर सद्गुरु के चरणो मे समर्पित करके जैसा उनका आदेश हो , निरन्तर पालन करते रहना चाहिए। सद्गुरु ही हाँथ मे दिपक देकर बता देगे कि देख, यह रहे भगवान।
सद्गूरू या महापुरुष नही है तो ॐ या राम का जाप करते रहे फिर ये आत्मा ही आपको सद्गूरू ढूँढ कर दे देगी ।सद्गुरु सदैव विद्यमान होते है ..!
तू ही राम हे तु रहीम हे तु करीम कृष्न खू दा हुआ
तू ही वाहे गुरु तु इशू मसीह हर नाम में तू समा रहा
बिल्कुल सही कहा। एक ही घाट से सब पानी पी रहे कोई वाटर कहे कोई जल
jal ko water or matantran me lage log
तो पढ़ो बाइबिल और जाओ स्वर्ग। किसी ने रोका है? सभी धर्मों को झूठा कहने वाले तुम होते कौन हो? जो व्यक्ति सूली पर चढ़ा दिया गया और उसके भक्त उसकी लाश लेकर भाग गए वह भगवान है?
सही बात सिर्फ सत्य सनातन है बाकी सब कॉपी है
Christianity and Jesus besides Islam both are having similar sick philosophy of Jehad or crusade. Convert, Run or Die.If so called Holy Books support such like thinking., then such cult should undoubtly be perished. Killings for past many years since Roaman Civilization ,Egyptian rulings etc etc by Chritine or Muslim rulers besides making the blacks or Asians slaves used or still a practice in both the cults.
Tu ne Kar liya prachar ?? Ho gaya ?? Te Jo kehte Hai na humara khud ya humara yeshu bas Sach h Baki sab dinge marna h jhooth Hai ye sab reality me rakshas including u. Ek Hindu kabhi nahi kehta ki kisi ka bhagwan nahi h jhooth Hai. Ab Jakar kahi aur publicity Kar apne helaluiya ki.
इसा मसीह का जन्म कितने साल पहले का है जरा बताओ और क्रिश्चियन धर्म कितना पुराना है बताओ सिर्फ २००० साल पहले का, अरे सनातन धर्म युगों युगों से चला आ रहा है
सनातन क्या है और सनातन का मतलब क्या है और सनातन धर्म कैसे हो सकता हैं
Fir hanuman ji kon he pahile khud ke andar zak lo bad me dusroke dharm par saval utana is dartipar sabase pahile hindu aayehe ye bat yad rakhna
Tabhi to Har jagah khudai ke doran sirf santan dharm ki chije milti h
Haleluia!!
सच तो ये है कुछ मुर्ख लोग ज्ञान की अपनी परिभाषा बनाते है लेकिन निरा मुर्ख होते हैं।
लेकिन समय के साथ मुर्ख से मुर्ख भी सच जान ही जाता है।
आशा है आपको मानसिक शांति मिले और कष्ट कम हो जाये जैसे इशू के हुए
Amen Amen
Yadi aisa hai toh baibal mai aisa kyo likha hai ki pruthvi chapti hai or pruthvi ke sury chakkar lagata hai.
Bhagwan hi saty hai. isliye bhagwan ka ek naam satyNarayan hai.
Jai Jai RAM KRISHAN HARI
येशु सिफ काल्पनिक है
HINDUS PEOPLE NEVER DOING THEIR OWN RELIGION MARKETING AND BURDEN TO ANY OTHER CAST AND RESPECTING ALL CAST RELIGIONS , IF YOU READ BHAGWAT GEETA AND VISIT TO INDIA AND UNDESTAND HINDUSAM THEN YOU KNOW THE TRUTH.
ALL GODS NEVER SAID TO DO MARKETING FOR OUR RELIGIONS, HUMANITY WILL BE EQUAL IN WORLD PLACE.
तो जल्दी भारत छोड़ भाग जा l
मुझे लगता है लेखक ने ग्रंथ का नाम ही गलत लिख दिया है…भूत पुराण की जगह भविष्य पुराण लिख दिया है। मेरे कहने का तात्पर्य है कि ये ग्रंथ मुगल काल में ही लिखा गया होगा। और जानबूझकर इसका नाम भविष्य पुराण रख दिया होगा। यदि ये भविष्यवाणियां होती तो बाद की भविष्यवाणियों का भी सटीक नाम, स्थान और समय के साथ उल्लेख अवश्य होता। जो बीत चुका है उसकी बजाय जो होगा उसका उल्लेख होना चाहिए। मैंने ये पुराण पढी नहीं है पर यदि इसमें आज के बाद की कोई भविष्यवाणी दर्ज है तो मुझे जरूर बताएं। वैसे पुराण का अर्थ ही प्राचीन कथा है। पुरा + अण = पुराण, पुरा यानि पुरानी और अण यानि कही गई या कथा।
जिसको सूली पर लटका दिया गया और वो खुद को बचा भी नही पाए। वो क्या किसी का रक्षा करेगा। इतना ही रक्षा करना होता तो खुद ही अपना कर लेते ना
Bhai tisre din wo zinda ho gye