एक भिखारी की कहानी जिसने करोड़ों कमाए | Bhikhari ki kahani

भिखारी की कहानी – 

ये सच्ची घटना है स्वीडेन देश के Skelleftea कस्बे की। इस कस्बे में रहने वाले लोग अक्सर एक भिखारी को देखा करते थे जोकि रेस्टोरेंट के कूड़े से बचा हुआ भोजन खाकर अपना जीवन काटता था। 

Curt Degerman नाम का ये भिखारी कूड़े से भोजन के अलावा Cold drink cans, कबाड़ धातुएं, बेकार सामान बीनता और उसे रीसाइक्लिंग प्लांट, Metal workshop पर बेच देता था। इससे उसे थोड़ी बहुत आमदनी हो जाती थी। 

भिखारी कर्ट डेगरमैन 60 वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक से मरा। उसके मरने के बाद लोगों को पता चला कि कर्ट एक Karodpati Bhikahri था जिसके पास –

  •  $1,100,000 (करीब 8.24 करोड़ रूपये) कीमत के शेयर
  • एक स्विस बैंक की तिजोरी में $375,000 (करीब 2.8 करोड़ रुपये) दाम के सोने के बिस्किट जमा थे। 

कर्ट ने अपनी उम्र के 40 साल सड़कों पर ही तरह बिताये थे। वह अपनी आमदनी न के बराबर ही खर्च करता था। लेकिन उसे यह दौलत पैसा बचाने से नहीं मिली थी। इसके पीछे तो एक अन्य कारण था। 

कर्ट डेगरमैन हर रोज City library में अखबार पढ़ने जाता था। लाइब्रेरी में इसीलिए जाता जिससे कि मुफ्त का अखबार पढ़ने को मिले और अखबार खरीदने में पैसा न खर्च हो। 

कर्ट बड़े ध्यान से फाइनेंस अखबार पढ़ता और सोच समझकर शेयर बाजार में पैसा निवेश करता था। चालाक दिमाग वाले Curt ने शेयर मार्केट का निरंतर अध्ययन कर अच्छी फाइनेंसियल समझ पैदा कर ली थी। 

40 सालों तक इसी नियम पर चलते हुए निवेश करने से धीरे-धीरे उसके शेयरों का मूल्य इतना अधिक हो गया। 

इतना पैसा होने के बावजूद भी Curt कभी बहका नहीं और कंजूसी से ही जीवन जीता रहा। Curt के मरने के बाद ही उसके दौलत की खबर उसके रिश्तेदारों को मिली। उसके पैसों को लेकर उसके करीबी रिश्तेदारों में बहस शुरू हो गयी। 

Curt ने अपनी वसीयत में सारी दौलत एक चचेरे भाई के नाम लिख दी थी जोकि उसके मरने से पहले अक्सर उससे मिलने आता था। लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई, एक दूसरे कजिन ने भी अपना दावा ठोंका कि Curt की सम्पत्ति में उसके पिता को भी हिस्सा मिलना चाहिए। 

जब मामला कोर्ट पहुंचा तो स्वीडिश लॉ के हिसाब से दूसरे कजिन के दावे को भी सही पाया गया। 

सो अंत में दोनों चचेरे भाइयों ने आउट ऑफ़ कोर्ट सुलह कर दौलत बाँट ली। उन्होंने ये तो नहीं बताया कि किसे कितना मिला पर दोनों ने कहा कि वो इस निर्णय से संतुष्ट है। 

पैसे बचाना, कंजूसी ठीक है पर ऐसा पैसा भी किस काम का जिसका सुख न मिले। कर्ट डेगरमैन के लिए उसका पैसा तो बस कागज़ पर कुछ छपे कुछ नंबर ही रह गये। 

लेकिन कर्ट डेगरमैन Bhikhari ki kahani से शेयर मार्केट की ताकत का भी पता चलता है। अगर आप समझदार तरीके से बिना बहके, अच्छे शेयर में लम्बे समय के लिए निवेश करें तो यह आय और सम्पत्ति का अच्छा जरिया बन सकता है। 

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