वर्ष 2021 में रामप्पा मंदिर को यूनेस्को विश्व धरोहर घोषित किया गया है। रामप्पा मंदिर का एक और नाम रामलिंगेश्वर मंदिर भी है। यह शायद दुनिया का अकेला ऐसा मंदिर होगा जिसका नाम उसमें स्थित भगवान के नाम पर न होकर मंदिर बनाने वाले शिल्पकार ‘रामप्पा’ के नाम पर रखा गया।
A: रामप्पा मंदिर तेलंगाना राज्य में वारंगल शहर के पास पालमपेट गाँव में स्थित है।
A: रामप्पा मंदिर काकतीय वंश के राजा गणपतिदेव के सेनापति रेचर्ल रुद्र ने सन 1213 में यह शिव मंदिर बनवाया था।
– 800 साल से अधिक पुराने Ramappa Mandir में कई अनोखे रोचक रहस्य छुपे हैं। जैसे कि ये मंदिर कई भूकंप आने के बावजूद आज भी वैसा ही कैसे खड़ा है जबकि उस काल के कितने ही मंदिर खंडहर हो चुके हैं।
– मंदिर में बनी स्त्री मूर्तियाँ आपको आश्चर्यचकित कर देंगी। काले ग्रेनाइट जैसे कठोर पत्थर से बने होने के बावजूद मूर्तियों में ऐसी गजब चमक, महीन काम और कलात्मकता अद्भुत है। आप प्रभावित हुए बिना नहीं रहेंगे।
– मंदिर के प्रवेशद्वार पर एक बाँसुरी की कलाकृति बनी है जिसे हल्का सा ठोंकने पर सा-रे-गा-मा की आवाज निकलती है।
रामप्पा मंदिर, वारंगल की मूर्ति का रहस्य | about Ramappa Temple
क्या आपको लगता है कि प्राचीन काल में ज्ञान के अलावा फैशन जैसे कलात्मक विषय पर भी कुछ खोज हुई होगी ?
इस बात के असंख्य प्रमाण भरे पड़े हैं कि प्राचीन काल में भारत का Science, गणित, Medical knowledge, दर्शन का ज्ञान टॉप क्लास का था। लेकिन फैशन ? जी हाँ ! इस बात का प्रमाण है कि प्राचीन भारतीय फैशन के क्षेत्र में भी बड़े क्रांतिकारी थे.
रामप्पा मंदिर में औरतों के कई स्कल्पचर बने हुए हैं. इन स्त्री मूर्तियों को मदनिका कहा गया है. नीचे दिया गया फोटो इनमें से एक मूर्ति का है जिसे दल-मदनिका कहा जाता है. इसमें सबसे दाहिने (Right) की मूर्ति को गौर से देखिये –
क्या अपने कुछ खास बात देखी ? नहीं ?
फिर से पूरी मूर्ति देखिये, हर हिस्से पर ध्यान दीजिये….पैर देखिये !
अब भी नहीं देख पाए तो चलिए हम बता देते हैं।
हाई हील्स यानि ऊँचे एड़ी के Footwear (अगर आपने भी नोटिस किया था तो बहुत अच्छे)
मदनिका के High Heels की डिजाईन में हील्स के साथ ही पंजे के अगले हिस्से भी ऊँचे बनाये गये हैं जैसा कि आजकल प्लेटफार्म हील्स वाले सैन्डल में होते हैं। इसका मतलब शायद उस समय के लोग सिर्फ High Heels पहनने के नुकसान भी जानते रहे हों।
इस मूर्ति के आधार पर ये कहा जा सकता है कि सैकड़ों साल पहले भी आज की तरह हाई हील वाले चप्पल, सैंडल जरूर भारतीय फैशन में रहे होंगे। अब क्या कहते हैं आप ? हम भारतीय तो Modern fashion के भी जनक थे।
मंदिर की अनोखी मजबूती का रहस्य | Ramappa Temple History
सन 1213 में काकतीय वंश के राजा गणपतिदेव के एक सेनापति रेचर्ल रुद्र ने यह शिव मंदिर बनवाया था। वो चाहते थे कि ऐसा दिव्य मंदिर बने जोकि कई सदियों तक मजबूत खड़ा रहे और वास्तु शिल्प में भी अनोखा हो। शिल्पी रामप्पा ने अपने अद्भुत कौशल और मेहनत से ऐसा सुंदर मंदिर बनाया कि रेचर्ल रुद्र ने प्रसन्न होकर उसी के नाम पर मंदिर का नाम रख दिया।
ये मंदिर लाल बलुई पत्थर से बना है और मूर्तियाँ काले ग्रेनाइट स्टोन से बनी है। ये मंदिर खास जिस पत्थर से बना है वो देखने में सामान्य लगता है लेकिन बहुत अनोखा है। ये पत्थर कठोर तो हैं लेकिन वजन में काफी हल्के है। यहाँ तक कि पानी में डालने पर पत्थर डूबते नहीं बल्कि तैरते रहते हैं।
मंदिर की छत इसी पत्थर से बनी हुई है जिसकी वजह से कई हलचल होने के बावजूद सदियों से यह मंदिर स्थिर खड़ा है। रामप्पा मंदिर जमीन से 6 फुट ऊंचे बने प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है।
17वीं शताब्दी में इस क्षेत्र में एक बड़ा भूकंप आया था जिसकी वजह से मंदिर की जमीन कहीं-कहीं पर कुछ ऊंची-नीची हो गई है लेकिन बाकी मंदिर और मंदिर के सामने बनी नंदी की विशाल मूर्ति पर कोई असर नहीं हुआ।
– प्रसिद्ध खोजीयात्री ‘मार्को पोलो’ ने अपनी भारत यात्रा के दौरान जब इस मंदिर को देखा तो इसे ‘मंदिरों की आकाशगंगा में सबसे चमकदार तारा’ कहा।
युद्ध, विदेशी आक्रमण को झेलने और उचित देखभाल के बिना भी ये मंदिर हमारे महान अतीत की ठोस मिसाल बना खड़ा है।रामप्पा मंदिर के बारे में जानकारी को अपने दोस्तों के साथ व्हाट्सप्प, फ़ेसबुक पर जरूर शेयर करे जिससे कई अन्य लोग भी इस महान मंदिर के बारे में जान सकें।
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