एलोरा का कैलाश मंदिर कहाँ है : कैलाश मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एलोरा में स्थित है। कैलाश मंदिर के रहस्य आज के विज्ञान के लिए एक चुनौती है और ये हमारे गौरवशाली इतिहास और सभ्यता का अद्भुत प्रमाण है। कैलाश मंदिर के बारे में आश्चर्यजनक जानकारी और फ़ोटो देखें।
कैलाश मंदिर का रहस्य और इतिहास | Kailash Temple history
1) कैलाश मंदिर राष्ट्रकुल राजा कृष्ण प्रथम ने (756AD-773AD) के दौरान बनवाया था। इसके अलावा इस शिव मंदिर को बनाने का उद्देश्य, बनाने की टेक्नोलॉजी, बनाने वाले का नाम जैसी कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है। इस शिव मंदिर की दीवारों पर उत्कीर्ण लेख बहुत पुराना हो चुका है एवं लिखी गयी भाषा को कोई पढ़ नहीं पाया है।
2) किसी मंदिर या भवन को बनाते समय पत्थरों के टुकड़ों को एक के ऊपर एक जमाते हुए बनाया जाता है। कैलाश मंदिर बनाने में एकदम अनोखा ही तरीका अपनाया गया। ये मंदिर एक पहाड़ के शीर्ष को ऊपर से नीचे काटते हुए बनाया गया है। जैसे एक मूर्तिकार एक पत्थर से मूर्ति तराशता है, वैसे ही एक पहाड़ को तराशते हुए यह मंदिर बनाया गया।
![Kailash mandir kaha hai](https://shabdbeej.com/wp-content/uploads/2017/08/kailash-temple-e1613117275176.jpg)
3) पत्थर काट-काट कर खोखला करके मंदिर, खम्बे, द्वार, नक्काशी आदि बनाई गयी। क्या अद्भुत डिजाईन और प्लानिंग की गयी होगी ! इसके अलावा बारिश के पानी को स्टोर करने का सिस्टम, पानी बाहर करने के लिए नालियां, मंदिर टावर और पुल, महीन डिजाईन बनी खूबसूरत छज्जे, बारीकी से बनी सीढ़ियाँ, गुप्त अंडरग्राउंड रास्ते आदि सबकुछ पत्थर को काटकर बनाना सामान्य बात नहीं है।
Kailash Mandir Ellora-
4) आज के वैज्ञानिक और शोधकर्ता अनुमान लगाते हैं कि मंदिर बनाने के दौरान करीब 4,00,000 टन पत्थर काट कर हटाया गया होगा। इस हिसाब से अगर 7,000 मजदूर 150 वर्ष तक काम करें तभी यह मंदिर पूरा बना होगा, लेकिन बताया जाता है कि कैलाश मंदिर इससे काफी कम समय महज 17 वर्ष में ही बनकर तैयार हो गया था।
![kailash temple in hindi](https://shabdbeej.com/wp-content/uploads/2017/08/kailash-temple-maharashtra-e1583849646343.jpg)
5) उस काल में जब बड़ी क्रेन जैसी मशीने और कुशल औजार नहीं होते थे, इतना सारा पत्थर कैसे काटा गया होगा ? और मंदिर स्थल से हटाया कैसे गया होगा ? यह रहस्य दिमाग घुमा देता है। क्या किसी परग्रही तकनीक (Alien Technology) का प्रयोग करके यह मंदिर बनाया गया ? कोई नहीं जानता मगर देखकर तो ऐसा ही लगता है।
6) आज के समय ऐसा मंदिर बनाने के लिए सैकड़ों ड्राइंग्स , 3D डिजाइन सॉफ्टवेयर, CAD सॉफ्टवेयर, सैकड़ों इंजीनियर, कई हाई पॉवर कंप्यूटर्स, छोटे मॉडल्स बनाकर उसकी रिसर्च आदि की जरूरत पड़ेगी। उस काल में यह सब कैसे सुनिश्चित किया गया होगा ? कोई जवाब नहीं हमारे पास।
सबसे बड़ी बात तो ये है कि आज सब आधुनिक टेक्नॉलजी होने के बावजूद भी ऐसा दूसरा कैलाश मंदिर बनाना असम्भव ही है। अगर आप महाराष्ट्र जाएं तो एलोरा में स्थित कैलाश मंदिर घूमने अवश्य जाएं। कैलाश मंदिर के बारे में जानकारी को Whatsapp, Facebook पर शेयर और फॉरवर्ड जरूर करें जिससे अन्य लोग भी भारत की इस महान धरोहर के बारे में जान सकें।
A: राष्ट्रकुल राजा कृष्ण प्रथम
A: महाराष्ट्र प्रदेश के औरंगाबाद जिले में एलोरा की गुफाओं में स्थित है।
A: औरंगाबाद एयरपोर्ट से 15 किलोमीटर, औरंगाबाद रेलवे स्टेशन से 30 किलोमीटर, मुंबई से कैलाश मंदिर 341 किलोमीटर दूर स्थित है।
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