लिक्विड सोप बाज़ार की गजब Business Case Study in hindi के बारे में जानते हैं। बिजनस में अक्सर छोटे व्यवसायी बड़ी कंपनियों के आगे टिक नहीं पाते, लेकिन इस बिजनस केस स्टडी में आप देखेंगे कि कैसे स्मार्ट स्ट्रैटेजी अपनाकर एक छोटी कंपनी ने दिग्गज कंपनी का मुकाबला किया।
दुनियाभर में Liquid soap तेजी से Soap bar यानि साबुन की टिकिया की जगह लेता जा रहा है। लोग हाथ धुलने के लिए लिक्विड सोप का प्रयोग करना अधिक पसंद करते हैं। यह लिक्विड सोप एक बोतल में पैक मिलता है। लिक्विड सोप निकालने के लिए बोतल में ऊपर एक छोटा सा पंप होता है. इस पंप को दबाकर लिक्विड सोप की मनचाही मात्रा प्रयोग की जाती है।
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Business Case Study | मिनेटोंका कॉर्पोरेशन का Softsoap Liquid soap
वैसे तो सन 1865 में विलियम शेफर्ड ने लिक्विड सोप की खोज की थी लेकिन Minnetonka Corp ने ही लिक्विड सोप को घर-घर तक पहुँचाने और लोकप्रिय बनाने का काम किया.
मिनेटोंका कॉर्पोरेशन अमेरिका के मिनेसोटा प्रांत (Minnesota) के Chaska शहर में स्थित थी। Minnetonka Corp ने जब लिक्विड सोप बनाने का निर्णय लिया तो वह जानते थे कि उनका प्रोडक्ट Softsoap बहुत सक्सेसफुल हो सकता है, परन्तु उनके सामने कुछ बड़े Challenges थे।
Minnetonka Corp के सामने क्या चुनौतियाँ थी ?
1) लिक्विड सोप बनाने की टेक्नोलॉजी और निर्माण के तरीके का कोई पेटेंट नहीं था. इसलिए कोई भी आराम से Liquid soap manufacturing शुरू सकता था.
2) बाज़ार में P&G जैसी कई बड़ी दिग्गज कम्पनियाँ थीं जोकि Minnetonka Corp के Softsoap लिक्विड सोप की कॉपी बनाकर बाज़ार में उतार सकती थीं और अपने महंगे मार्केटिंग, एडवरटाइजिंग बजट से बाजार को कण्ट्रोल कर सकती थीं.
ऐसा होने की पूरी संभावना थी और ऐसा होने पर Minnetonka Corp का प्रोडक्ट कुछ ही दिनों में घाटे का सौदा बन जाता.
ये बात मिनेटोंका कॉर्पोरेशन के मालिक Robert R. Taylor अच्छी तरह जानते थे किउनकी छोटी सी कम्पनी बड़े मार्केट लीडर्स कंपनियों का मुकाबला नहीं कर सकती. उनका प्रोडक्ट बाज़ार में आने के कुछ दिन बाद ही बड़ी कंपनियाँ मिलते-जुलते लिक्विड सोप को बाज़ार में ले आएँगी.
Minnetonka Corp की होशियार बिजनस रणनीति :
Robert R. Taylor ने सोचा कि वे बड़ी कंपनियों को रोक तो नहीं सकते, लेकिन अगर उन कंपनियों के प्रोडक्ट को मार्किट में आने से रोका जा सके तो मोटा Profit कमाया जा सकता है. ज्यादा न सही लेकिन अगर कुछ महीने या सालभर भी वो बड़ी कंपनियों को मार्केट में सेंध लगाने से रोक सके तो बहुत फायदा हो सकता है।
– अब मिनेटोंका कॉर्पोरेशन के मैनेजमेंट ने गौर किया कि लिक्विड सोप Use करने के अनुभव में पंप वाली बोतल का खास महत्व है. पंप दबाकर सोप निकालना ही तो सबसे खास बात है वरना साबुन तो हमेशा से बाजार में उपलब्ध है।
लिक्विड सोप की बोतल में लगने वाले इस छोटे से पंप को बनाने की USA में केवल 2 कंपनियाँ थीं. केवल इन्ही दोनों कंपनियों के पास ही ये छोटू पंप बनाने का पेटेंट लाइसेंस था.
– Robert R. Taylor ने फिर अपनी चालाकी और सूझबूझ दिखाई. उन्होंने दोनों कंपनियों को कुल मिलाकर 100 मिलियन (10 करोड़) छोटे बोतल पंप बनाने का ऑर्डर दे दिया जिससे कि कोई भी Competitor कंपनी करीब 1 साल तक 1 भी बोतल पंप खरीद न पाए.
इससे Minnetonka Corp को इतना समय मिल जाता कि वे बाज़ार में अपना एकाधिकार जमा सकें और अपना ब्रांड नाम हिट कर दें. भले ही P&G, Unilever जैसी कंपनियां फटाफट लिक्विड सोप बना लें, लेकिन बिना बोतल पंप के वो बाज़ार में अपना लिक्विड सोप लायेंगी कैसे ? और जब तक उन्हें बोतल पंप की सप्लाई होगी तब तक Minnetonka Corp उनसे 1 साल आगे होगा.
Minnetonka Corp की कुशल रणनीति का सुखद परिणाम :
मिन्नेटोंका कॉर्प ने बाज़ार में अपना Softsoap Liquid soap के नाम से लांच किया. जनरल स्टोर्स और शौपिंग मार्ट की अलमारियों में रखा हुआ सॉफ्टसोप अन्य टिकिया वाले साबुनों के बीच अलग ही नजर आता था.
1) Softsoap बड़ी तेजी से बिकने लगा और केवल 6 महीने में मिन्नेटोंका कॉर्प ने 25 Million Dollar (करीब 186 करोड़ रुपये) कीमत का Liquid soap बेच लिया.
2) इसी सफलता के दम पर मिन्नेटोंका कॉर्प ने 1987 में अपना Softsoap और Village Bath नामक ब्रांड कोलगेट पामोलिव को 61 Million Dollar (455 करोड़ रुपये) में बेचा.
3) इसके दो साल बाद Unilever ने Minnetonka Corp को 376 Million Dollar (2807 करोड़ रुपये) में ख़रीदा.
मिन्नेटोंका कॉर्प के करिश्माई ओनर Robet R. Taylor की मृत्यु सन 2013 में हुई.
मशहूर मैगज़ीन INC. ने Robet R. Taylor की यह एकाधिकार रणनीति दुनिया में आज तक की 3 सबसे प्रमुख बिज़नस रणनीति में एक मानी है. सिर्फ एक छोटी सी बात पर गौर करके एक गुमनाम सी कम्पनी कैसे मार्किट लीडर बन गयी, Minnetonka Corp इसका उदाहरण है।
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