दूरदर्शन भारत का Public Service Broadcaster है। भारत में दूरदर्शन की शुरुआत 15 सितम्बर 1959 को हुई। उस समय इस प्रसारण का नाम ‘टेलीविज़न इंडिया’ रखा गया था। बाद में सन 1975 में इसका नामकरण ‘दूरदर्शन’ कर दिया गया। दूरदर्शन भारत सरकार के प्रसारण मंत्रालय (Broadcasting ministry of India) में ‘प्रसार भारती’ विभाग के अंतर्गत आता है। शुरू के 23 साल तक दूरदर्शन ब्लैक एण्ड व्हाइट में प्रसारण करता था। 25 अप्रैल 1982 के दिन से भारत में पहली बार रंगीन प्रसारण (Color broadcasting) शुरू किया गया था।
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दूरदर्शन की जानकारी | Doordarshan Facts
आज दूरदर्शन के 64 स्टूडियो हैं, जहां से 21 चैनलों का प्रसारण भारत और विश्व में किया जाता है। इसमें 2 ऑल इंडिया चैनल (डीडी नैशनल, डीडी न्यूज), 17 क्षेत्रीय सैटेलाइट चैनल, 11 प्रादेशिक नेटवर्क, 1 अंतर्राष्ट्रीय चैनल (डीडी इंडिया), 1 स्पोर्ट्स चैनल (डीडी स्पोर्ट्स), डीडी भारती, डीडी उर्दू, डीडी किसान चैनल्स आते हैं।
A: दूरदर्शन का पहला प्रसारण 15 सितम्बर 1959 को हुआ।
A: हम लोग (टीवी धारावाहिक)
A: 25 अप्रैल 1982
A: इलेक्ट्रॉनिक माध्यम
मेरी पीढ़ी का हर व्यक्ति यह बात को स्वीकार करेगा कि दूरदर्शन ने हमारे बचपन और जीवन में अनगिनत रंग भरे. क्योंकि वो यादें मन को आज भी महकाती हैं तो सोचा शेयर करके देखूं आपको कितना कुछ याद है और मुझे कितना कुछ भूल गया है बताइयेगा।
सुबह की शुरुआत | Doordarshan Subah Savere :
सुबह जब दूरदर्शन अपना रिले शुरू करता था, तो पहले एक छोटा गोला घूमता हुआ Feng shui के यिंग-यैंग (Ying-yang) जैसा टीवी पर आता था और साथ में धीरे धीरे बजने वाला म्यूजिक. उस छोटे से गोले को बड़ा होकर दूरदर्शन का Logo बनने में 5 मिनट भी नहीं लगते थे पर वो 5 मिनट सदियों से लम्बे लगते थे.
– दूरदर्शन के Logo के नीचे दूरदर्शन का ध्येय वाक्य सत्यम, शिवम्, सुन्दरम लिखा होता था. जिसका मतलब मुझे बड़े होने पर पता चला. सत्यम, शिवम्,सुन्दरम का अर्थ है जो सत्य है, कल्याणकारी है वही सुन्दर है. दूरदर्शन का यह दर्शन (Philosophy) वाकई कितना सुन्दर है.
– सुबह समाचार तो आते थे पर उसके बाद क्या… याद नहीं रहा. हर रोज शायद कुछ शास्त्रीय संगीत भी आता था और सन्डे को सिख धर्म के भक्ति गीत का प्रोग्राम ‘गाओ साची बानी’ आता था.
– जब थोड़ा बड़े हुए तो ‘सुबह सवेरे‘ नाम का एक लाजवाब मॉर्निंग शो आता था. सुबह सवेरे एक बढ़िया, Stylish कार्यक्रम था. इसे होस्ट करती थी शिरीन और संजीव पालीवाल.
झकाझक सफ़ेद कपडे पहने हुए, मस्त उर्दू बोलते विपिन हांडा फिल्म समीक्षा करते थे. ज्ञान के साथ मनोरंजन, वो भी एक छोटे से कार्यक्रम में : यही बातें Subah Savere को बेहतरीन बनाती थी.
– लकी अली (Lucky Ali) एक जानेमाने गायक और हास्य कलाकार महमूद के बेटे हैं. लकी अली को पहली बार सुबह सवेरे पर ही मैंने देखा और सुना था. उन्होंने ‘ओ सनम’ वाला गाना सुनाया था, जिसने उसी वक्त मुझे उनका फैन बना दिया.
दूरदर्शन के समाचार | Doordarshan News readers
– न्यूज़ शुरू होने से पहले एक छोटी सी Jingle बजती थी और समाचार शुरू होता था. समाचार की यह शुरुआत और म्यूजिक समय के साथ बदलती गयी, है ना !
शम्मी नारंग, शोभना जगदीश, गजाला अमीन, वेद प्रकाश, साधना श्रीवास्तव, सलमा सुल्तान आदि DD News readers हुआ करते थे, जो कि बड़े Serious मालूम देते थे और शायद ही कभी मुस्कुराते दिखे हों. वे समाचार शुरू होने और अंत में एक बार जरा सा मुस्कुराते थे, पर वो भी एकदम औपचारिकता (formality) वाला.
लेकिन उन समाचार वाचको को लिए मेरे मन में बड़ा आदर भाव था. मै उनको किसी राष्ट्रीय नेता से कम नहीं समझता था. न तो वो कभी Arnab Goswami जैसे तीखी बहस न करते थे ना ही समाचार को Sensational बनाने के लिये बातों के पुल बनाते थे.
– वे न्यूज रीडर बस नमस्कार बोलने के साथ ही समाचार पढ़ना शुरू कर देते थे. बस 15 मिनट हिंदी और 15 मिनट अंग्रेजी में समाचार आते थे. बोर होते हुए भी हम बच्चे कार्यक्रम/फिल्म देखने के इंतज़ार में, खाने की थाली के सहारे न्यूज़ बस देख ही लेते थे.
लेकिन रोज-रोज समाचार देख कर हम बच्चों के मन में भी उनकी नक़ल करने के सुविचार आते थे. अख़बार से समाचार पढ़कर, मेज-कुर्सी लगाकर समाचार पढ़ने की एक्टिंग करने से मुझे टीवी में समाचार पढने की फ़ील आती थी।
बचपन की खासियत होती है हम जो भी कुछ अपने आस-पास देखते है उसे खुद करने या नक़ल करने की कोशिश करते हैं. साधन न भी हो तो क्या हुआ….सीमित साधन, उपजाऊ दिमाग की क्रिएटिविटी और बालमन तीनो मिलकर असलियत का एहसास करा देते थे.
यह देखकर राहत महसूस होती है कि आज भी Doordarshan के समाचार वैसे ही सीधे और सटीक होते है. वैसे अनगिनत न्यूज़ चैनलों से हमें कई तरह के दृष्टिकोण जानने को मिलते है और जो चटपटी बहस देखने के प्रेमी हैं, उन्हें भी मजा मिलता है.
लेकिन Doordarshan एक National channel है, जिसे आज भी भारत में सबसे ज्यादा देखा जाता है. दूरदर्शन की यह जिम्मेदारी होती है कि वो निष्पक्ष होकर समाचार दिखाए. इसीलिए दूरदर्शन बाकि चैनलों की तरह सनसनीखेज समाचार नहीं दिखाता है.
फिल्मी न्यूज न के बराबर | Doordarshan Bollywood News
दूरदर्शन पर फिल्म/सिनेमा से जुड़ी न्यूज़ के नाम पर शायद बस राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की घोषणा होती थी या किसी बड़े हीरो-हिरोइन के मृत्यु की सूचना.
माइकल जैक्सन जब भारत आने वाला था और हम सबमे बड़ा उत्साह था. पर हम जानते थे दूरदर्शन तो भाव नहीं देने वाला Michael Jackson को, और यही हुआ भी. समाचार में बस गिन कर 5 सेकंड दिए गए जैक्सन जी को.
चमचम ड्रेस पहने एक Space craft में माइकल जी का आना और दो सेकंड का छोटा सा डांस स्टेप बस. कुल मिलाकर बस इतना ही दिखाया.
दूरदर्शन मूक बधिर समाचार | Doordarshan News for hearing impaired
दूरदर्शन एक जन प्रसारण का माध्यम था, इसलिए समाज के हर वर्ग की तरह मूक-बधिर (Deaf & Mute) लोगों के लिए रविवार को साप्ताहिक समाचार दोपहर में 1 बजे के लगभग आते थे.
इसमें 2 न्यूज़ रीडर होते थे. स्क्रीन के कोने में एक छोटे से बॉक्स में एक मैडम समाचार पढ़ती थी और बाकी स्क्रीन में एक मोटी सी आंटी हाथ के इशारों से उसे व्यक्त करती थी.
हमारी Generation का शायद ही कोई बच्चा ऐसा होगा जिसने उन्हें देखकर कभी उनकी नक़ल(Copy) करने की कोशिश न की हो.
कृषि दर्शन | about Krishi Darshan –
खेती से जुड़े विषयों पर आधारित यह कार्यक्रम 26 जनवरी 1967 को शुरू हुआ था। यह दूरदर्शन का सबसे पुराना कार्यक्रम माना जाता है जो आज भी प्रसारित किया जाता है। भले ही शहरी लोगों को ये प्रोग्राम बोरिंग लगे, लेकिन कृषि दर्शन ने लाखों भारतीय किसानों का भला किया और कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से उन्हे खेती में लाभ होता था।
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बहुत अच्छा लगा । आपका ये लेख पड़कर। बचपन याद आ गया।
Very memorable information. We also linked with spiritual learnings from Mahabharat and ramayana.
Kya abi b dd national pr waise samachar aate h….agr aate hbto pls samay bataye…..kyuki waise 20 minutes me poori Khabar jo ki jarurat ki ho….ab nahi milti ….ek ghante tk ek hi news