Asura Book in hindi – असुर : पराजितों की गाथा, रावण व उसकी प्रजा की कहानी
असुर एक बेस्टसेलर पुस्तक है जिसके राइटर आनंद नीलकंठन हैं। जैसे रामायण के मुख्य पात्र भगवान राम हैं, वैसे ही रावण को केंद्र में रखकर रावणायन लिखी जाये तो वो इस किताब जैसी होगी। इस बेहतरीन किताब में क्या खास है और आपको यह किताब क्यों पढना चाहिए, हम आपको 5 बातें बताते हैं।
1) कहानी की शुरुआत होती है जहाँ से रामायण का लगभग अंत हो चुका है। रावण अर्धमृत रणक्षेत्र में पड़ा हुआ है और मृत्यु से पहले अपने जीवन की घटनाओं को याद कर रहा है। यहाँ से कहानी flashback में जाती है और रावण के बचपन की कहानी शुरू होती है। राम के बचपन की कथा आपने सुनी होगी अब इस किताब में रावण के बचपन की कथा पढ़िए जोकि बड़ी ही रोचक और कई अनसुने तथ्यों के बारे में बताती है।
2) असुर पुस्तक राक्षसों के इतिहास के बारे में कई महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बताती है, जैसे –
- असुर कौन थे ?
- असुरो की सामाजिक व्यवस्था कैसी थी ?
- असुर समाज में स्त्रियों का क्या स्थान था ?
- असुर जाति कहाँ निवास करती थी ?
- उनकी भाषा क्या थी ?
- असुरों का भोजन और उनकी शिक्षा-दीक्षा कैसी होती थी ?
आदि कई विषयों पर भी पुस्तक प्रकाश डालती है। देव और असुर युद्ध के समय सामान्य राक्षस नागरिकों पर हुए अत्याचारों के बारे में भी आपने कही नहीं पढ़ा होगा। यह Book इन सभी विषयों को समाहित करती है।
3) रावण के अतिरिक्त इस कहानी का एक मुख्य पात्र भद्र नामक का एक राक्षस है जोकि कहानी का सूत्रधार है। भद्र एक सामान्य राक्षस है। भद्र न तो बहुत ताकतवर है न बहुत महत्वाकांक्षी। राक्षस समाज के एक सामान्य नागरिक के रूप में भद्र उस देश, काल और बदलते हुए घटना-चक्र को बताते हुए कहानी बताता जाता है।
4) पुस्तक की सबसे बड़ी खासियत है कहानी का जबरदस्त वर्णन। अगर इस पुस्तक के कथानक पर आधारित Movie की कल्पना करेंगे तो वह फिल्म रामायण काल, देव-असुर कथाओं को बहुत ही आकर्षक रूप से प्रस्तुत करेगी। पौराणिक कहानी की यह प्रस्तुति रोचक होने के बावजूद कहीं से भी उस समय और काल से परे नही लगती, न ही कथा में अनावश्यक मसाला भरने की कोशिश की गयी है। कहानी पारंपरिक होते हुए भी एकदम ताज़ी है।
अगर आप किसी ऐतिहासिक विषय पर बनी Hollywood फिल्म जैसे 300, Lord of the Rings, Troy से तुलना करें तो यह किताब रावण की कहानी को उसी भव्य रूप से दिखाने में सक्षम है।
5) रावण के लिए लिखी गयी कथा में तो रावण ही नायक होगा। रावण एक पराक्रमी राजा कैसे बना और उसकी इस अदम्य महत्वाकांक्षा (Ambition) के पीछे किन घटनाओं का योगदान था, यह सब बताते हुए कहानी आगे बढती है। परन्तु रावण को सिर्फ नायक बताकर उसके गुणों का विवेचन ही नहीं किया गया है, रावण के भय, पश्चाताप और आशंकाओ को भी वर्णित किया गया है।
रामायण की सभी घटनाओं को हम सभी जानते हैं, पर एक आम आदमी के नजरिये से इन घटनाओं का वर्णन बड़ा रोचक है। भद्र के निजी जीवन की घटनाएँ भी इस कहानी से जुडी हुईं हैं। भद्र और रावण का आमना सामना भी होता है, कुछ अनोखी परिस्थियाँ भी पैदा होती है। असुरों और रावण की कहानी (Ravana Story) आपको अंत तक बराबर बांधे रखती है।
यह Bestseller Book हिंदी, तमिल, तेलुगु, मलयालम और English भाषा में उपलब्ध है। पुस्तक खरीदने के लिए इस लिंक पर Buy करें।
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