Farooq Sheikh और Deepti Naval समानांतर सिनेमा के सफलतम कलाकारों में माने जाते हैं। समानांतर सिनेमा की खासियत होती है – मनोरंजक और मर्मस्पर्शी फिल्में, फ्रेश कहानियां, बेहतरीन निर्देशन, अच्छे कलाकार (हीरो-हिरोइन नहीं, अभिनेता-अभिनेत्री ) और कम बजट वाली फिल्में जो कमाल कर देती थीं।
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फारुख शेख़ दीप्ति नवल की मूवीज
फारुख शेख़ और दीप्ति नवल ने साथ में कई बढ़िया, सदाबहार फिल्में की हैं जोकि काफी लोकप्रिय हुईं। इस पोस्ट में हम फारुख शेख़ और दीप्ति नवल की 6 फिल्मों के बारे में बतायेंगे जिन्हें आप YouTube पर मुफ्त में देख सकते हैं।
1) चश्मे बद्दूर 1981 | Chashme Buddoor
सन 1981 में आई फिल्म चश्मे बद्दूर की डायरेक्टर सई परांजपे थीं। अपनी बढ़िया कॉमेडी की वजह से चश्मे बद्दूर सिल्वर जुबली हिट फिल्म साबित हुई। फिल्म की कहानी 3 दोस्तों के बारे में है जो गर्मियों की छुट्टियों में घर जाने के बजाय मौज-मस्ती कर रहे होते है। अचानक उनके जीवन में एक लडकी आती है, जिससे तीनो लडको की आपसी दोस्ती के समीकरण बड़ी तेजी से बदलते –बिगड़ते हैं। फारूख शेख़ के अलावा बाकि 2 दोस्तों के रोल में राकेश बेदी और रवि बासवानी हैं।
https://www.youtube.com/watch?v=beHF6uxhzZA
2) रंग-बिरंगी 1983 | Rang Birangi movie on Youtube
हृषिकेश मुखर्जी की फिल्म रंग बिरंगी की मुख्य कहानी परवीन बाबी और अमोल पालेकर के इर्द गिर्द घूमती है, पर फिल्म में दीप्ति नवल और फारूख शेख़ की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। फिल्म में फारूख प्रोफेसर जीत सक्सेना और दीप्ति नवल उनकी गर्लफ्रेंड अनीता सूद के रोल में हैं।
3) कथा 1983 | Katha movie on Youtube
सन 1983 में आई सई परांजपे द्वारा निर्देशित और बेस्ट फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित यह फिल्म ‘राजाराम’ नाम के एक क्लर्क के बारे में है। स्वभाव से शर्मीला ‘राजाराम’ (नसीरुद्दीन शाह) अपने पड़ोस में रहने वाली लडकी संध्या (दीप्ति नवल) से मन ही मन प्रेम करता है पर कभी जाहिर नहीं करता।
एक दिन उसका मित्र बासुदेव (फारूख शेख़) उसके साथ रहने के लिए आता है। तेज तर्रार बासुदेव बड़ी आसानी से संध्या को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है और राजाराम भौचक्का रह जाता है। इसके आगे क्या होता है, जानने के लिए देखिये फिल्म ‘कथा’।
4) किसी से न कहना 1983 | Kissi Se Na Kehna on YouTube
डायरेक्टर हृषिकेश मुख़र्जी की इस फिल्म के अन्य मुख्य कलाकार हैं उत्पल दत्त, सईद जाफरी, देवेन वर्मा। फिल्म की कहानी कुछ इस प्रकार है।
कैलाशपति (उत्पल दत्त) एक विधुर, नौकरी से रिटायर्ड, पिता हैं जिन्हें आधुनिक युवाओं के चाल-चलन से बड़ी नफरत है।अपने लडके रमेश (फारुख शेख़) को इस बुरे ज़माने की हवा न लग जाये, ऐसा सोचकर वह उसका शीघ्र विवाह ऐसी लडकी से कराना चाहते हैं जोकि एकदम पारंपरिक हो और अंग्रेजी भाषा तो जानती ही न हो। इसके उलट रमेश एक मॉडर्न ख्यालों वाली लडकी डॉ. रमोला (दीप्ति नवल) से प्रेम करता है और शादी करना चाहता है।
रमेश अपने पिता के मित्र लालाजी (सईद जाफरी) की मदद/जुगाड़ से रमोला से शादी कर लेता है व अपने पिता को यकीन भी दिला देता है कि वह गाँव के एक पंडित की लडकी है। पर कहा गया है न एक झूठ छिपाने को हजार झूठ बोलने पड़ते है।
5) साथ-साथ 1982 | Saath Saath on YouTube
सन 1982 में आई फिल्म की कहानी कुछ इस प्रकार है। गीता (दीप्ति नवल) एक अमीर खानदान की लडकी है जोकि एक आदर्शवादी लडके अविनाश (फारुख शेख़) से प्रेम करती है और घर वालों के विरोध के बावजूद शादी कर लेती है। शादी के बाद अविनाश की सोच में ऐसा परिवर्तन आ जाता है कि गीता परेशान हो उठती है।
फिल्म के अन्य कलाकार हैं नीना गुप्ता, ए के हंगल, राकेश बेदी, सतीश शाह आदि। फिल्म की एक और खासियत गायक जगजीत सिंह – चित्रा सिंह द्वारा गायी यादगार गज़लें ‘तुमको देखा तो ये ख्याल आया’, ‘ये तेरा घर ये मेरा घर’ , ‘प्यार मुझे जो किया तुमने तो क्या पाओगी’, ‘ये बता दे मुझे ज़िन्दगी’ और ‘यूँ ज़िन्दगी की राह में’ भी थे।
6) लिसेन अमाया 2013 | Listen Amaya on YouTube
2013 में आई यह Movie फारूख शेख़ और दीप्ति नवल जोड़ी की Last Movie थी। फिल्म की कहानी एक उभरती लेखिका ‘अमाया’ (स्वरा भास्कर) के बारे में हैं। अमाया की विधवा माँ लीला (दीप्ति नवल) एक Library Cafe चलाती है। लीला की मुलाकात एक विधुर Photographer जयंत (फारूख शेख़) से होती है और धीरे धीरे उनकी दोस्ती भावनात्मक सम्बन्ध के रूप में बदल जाती है। जब अमाया इस सम्बन्ध के बारे में जानती है तो वह इसे स्वीकार नहीं कर पाती।
फारुख शेख और दीप्ति नवल की कौन सी फिल्म आपकी फेवरेट हैं, नीचे कमेन्ट करेक बताएं। फिल्मों की इस लिस्ट में कौन-कौन सी मूवी आप देख चुके हैं, ये बताना न भूलें। यह लेख अपने सिनेमा प्रेमी दोस्तों को फॉरवर्ड करना न भूलें।
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मैंने Listen Amaya को छोड़कर बाकी सारी फिल्में देखी हैं इससे ये सिद्ध होता है कि मैं पुराने दौर का आदमी हूं 😉
इस लिस्ट में मेरी सबसे फेवरिट फिल्म है Katha.
क्लासिक, सदाबहार फिल्मों के फैन समय-काल से परे होते हैं
जैसे कि ‘कथा’ तो मुझे भी बड़ी पसंद है.
कमेंट करने के लिए धन्यवाद सर 🙂