शेर को सवा शेर कहावत पर कहानी | Sher ko sava sher story
मेरा दोस्त अमित बहुत दिनों से एक महंगी Bicycle खरीदना चाहता था। उसने एक बढ़िया Model भी पसंद कर रखा था। धीरे धीरे उसने पैसे जुटाए और एक दिन उसने अपने सपनों की साइकिल खरीद ली। Bicycle लेकर जब वह दुकान से चला तो रास्ते में कई लोगों ने उसके साइकिल की बड़ाई की। सबने कहा कि उसकी Bicycle तो बड़ी स्टाइलिश है, क्या जोरदार मॉडल है !
अमित ने सोचा- साइकिल तो बड़ी अच्छी है, लेकिन ये कहीं चोरी हो गयी तो ?. ये सोचकर अमित रास्ते में एक दुकान पर रुका। उसने दुकान ने एक ताला ख़रीदा। एक ताला लेने के बाद अमित ने सोचा – एक ताले से क्या, मान लो चोर इसे तोड़कर मेरी साइकिल लूट ले गया तो ?. ये सोचकर उसने एक ताला और खरीद लिया।
ऐसे सोचते करते आखिर उसने कुल 5 Locks खरीद डाले। बाद में पछताने से क्या ? 5 ताले लगा दूंगा, अब तो सवाल ही नहीं उठता चोरी होने का ! अगले कुछ दिनों तक सब ठीक रहा। अमित और उसकी साइकिल जिंदाबाद !
एक दिन की बात। अमित कहीं से घर आया, घर के बाहर साइकिल खड़ीकर, उसमें पांचों ताले लगा अंदर गया। थोड़ी देर बाद जब वह कहीं जाने के लिए बाहर आया। उसने जब 5 ताले खोल लिए तो देखा कि एक छठवां ताला लगा हुआ है। ये ताला तो उसका नहीं था। उसे सोचा – ये ताला जरुर मेरी बीवी ने लगाया होगा, मुझसे ज्यादा सावधान रहती है वो।
वो अपनी बीवी के पास वापस गया और बोला – अरे तुम साइकिल के लिए चिंता मत करो, 5 Locks बहुत हैं, छठवें की जरूरत नहीं। अच्छा मुझे देर हो रही है, चाभी लाओ उस ताले की।
बीवी चौंक कर बोली- ताला कैसा ताला ? और कैसी चाभी ?
अमित के होश उड़ गये, हड़बड़ाकर वो वापस भागा, मगर Bicycle जा चुकी थी।
6ठवां ताला चोर ने लगाया था. शेर को सवा शेर मिल गया।
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