विश्वास के चमत्कार अद्भुत हैं | Vishwas par nibandh

विश्वास पर निबंध | Essay on Vishwas :

स्वयं पर विश्वास करना शक्तिशाली यंत्र है। इतिहास में असंख्य प्रमाण हैं कि विपरीत परिस्थितियों में तथ्यों पर आधारित विश्वास से विजय पा सकते हैं। 

वियतनाम में अमेरिकन कैदियों को एकांतवास में जंजीरों से पीटा जाता है। एक आत्महत्या करता है तो दूसरा कैप्टन जेरी काफी 6 वर्ष बाद छूटने पर स्वस्थ व प्रसन्न है। वह सोचते रहते थे कि मनुष्य हर स्तर का अत्याचार झेल सकता है, मैं इसको प्रमाणित करूंगा। 

सांताक्रुज के जेम्स कैरी ने एक्सीडेंट में टूटा अपना पैर व विश्व प्रसिद्ध डॉ कार्ल साइमन ने रोगियों पर इसका प्रयोग कर लाभ प्राप्त किया। एन.एल.पी कहता है कि विश्वास के ऊपर ही निर्भर है सुख दुख, सफलता, असफलता, शांति, क्रोध, क्रिया व कर्म का स्तर। 

आत्महीनता का परिणाम असफलता, जबकि सकारात्मक विश्वास सफलता को एवं कुंठित नकारात्मक विश्वास कुंठा व निराशा के क्रम को आगे बढ़ाता है। 

विश्व प्रसिद्ध हिप्नोथरेपिस्ट मिल्टन एरिक्सन के अनुसार आपको कोई हिप्नोटाइज नहीं कर सकता। आप स्वयं को हिप्नोटाइज करते हैं हिप्नोटिस्ट पर पूर्ण विश्वास करके। इस स्थिति में आदमी असाधारण शक्ति व विशेषता का परिचय देता है क्योंकि वह उसकी योग्यता पर पूर्ण विश्वास करता है। 

स्वयं पर विश्वास निबंध | विश्वास से क्या प्राप्त होता है | Vishwas par nibandh

खेल व मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार 4 मिनट से कम समय में एक मील दौड़ना असंभव था। 1954 में रोजर बैनिस्टर ने यह असंभव कर दिखाया. उसने सोचा था मैं यह कर दिखाऊंगा। 

उस साल 37 व अगले साल 300 लोगों ने यह कर दिखाया। विश्वास की स्थिति में शरीर तंत्र व स्नायु तंत्र ‘लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है’, मानकर अपने को उसी तरह ढाल हवाई जहाज के ऑटोमेटिक पायलट की तरह लक्ष्य पर जाता है। 

मस्तिष्क वही करता है जो कहा जाता है. जो डालेंगे वही परिणाम निकलेगा। डॉक्टर रोबर्ट पियरशेल ने उदाहरणों से सिद्ध किया है कि बीमारियां मन में समाई गंदे विचारों का बाहरी स्वरुप है। सफाई आध्यात्मिक सकारात्मक विचारों से हो सकती है। 

आप जो विश्वास करते हैं वही सच्चाई बन चुकी है, बन रही है व बनेगी। मेडिकल अनुसंधान यह निष्कर्ष निकालते हैं कि सकारात्मक, वैज्ञानिक, रचनत्मक, तथ्यों व आंकड़ों पर आधारित विश्वास से मस्तिष्क उत्तम कार्य करता है। बिल गेट्स भी ऐसा ही कहते हैं। 

आशावादिता से जीवनदान मिल सकता है। विशेषज्ञ कहते हैं जो सुखी हैं, संतुष्ट हैं या ऐसी एक्टिंग करते हैं उनकी उम्र अधिक होती है। 

युद्ध व अकालों में जिनका स्वयं व भगवान पर विश्वास रहा है उनकी बचने की संभावना अधिक रहती है। वीर सावरकर, कारगिल में युद्धरत जवान, इस्लामी आतंकवादियों के बंदी टेरी वाइट एंडरसन व हिटलर के अत्याचार के शिकार यहूदी इसके उदाहरण रहे हैं। 

नाविक मेल फिशर समुद्र में भटकता रहा, प्रतिदिन सोचता रहा – कल वह धन मिलेगा। 17 साल बाद विश्वास की ही शक्ति से उसे 400 मिलियन डॉलर का डूबा धन मिल जाता है। 

कार्लाइल ने कहा है कि सबसे अभाग्यपूर्ण विश्वास है अपने पर अविश्वास। 

मनुष्य 20 दिनों तक भूखा व प्रतिदिन 200 किलोमीटर तक दौड़ सकता है। मस्तिष्क हजारों सुपर कंप्यूटर से बेहतर है। 

युद्ध एवं विपरीत परिस्थितियों में लोग असाधारण शक्ति, साहस एवं आंतरिक बल का प्रदर्शन करते हैं। यदि उनको अपनी इस ऊंचाई पर पहले से ही विश्वास हो तो उनकी जीवन धारा बदल जाए। 

पैर कटे योगी ने एवरेस्ट फतह किया। हाथ पैर कटे बहादुर सैनिक ने 10000 फीट से स्काइ डाइविंग किया। 90 साल की बूढ़ी, 50 साल का दिल का मरीज 100 टन का लोहे का गर्डर व कार को उठाकर बच्चे को बचाते हैं। 

मरियल लड़का नेपोलियन व फटेहाल हेनरी फोर्ड विश्व में नामी उद्योगपति बनते हैं। इज्जत, आबरु लुटाए पंजाबी आर्थिक शक्ति बनते हैं। 

आपके पास ही ऐसे लोग मिल जाएंगे जो कल तक फटेहाल थे, आज अपनी मेहनत के बल पर बुलंदी पर है। इतिहास में उन्हीं लोगों ने कुछ व सब कुछ पाया है जिनमें यह विश्वास था कि ‘वे कुछ विशेष है’ या ‘वे इस परिस्थिति से ऊपर है’। 

विश्वास को विचारों व कल्पना से बदल कर जीवन सफल व सुखमय बनाया जा सकता है व जीवन को नियंत्रित कर सकते हैं। 

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