आलू सिंह जी महाराज और श्याम बहादुर जी | खाटू श्याम बाबा के परम भक्त की कहानी

श्री खाटू श्याम जी के लाखों भक्त दुनिया भर में फैले हुए हैं. सैकड़ों सालों से Shyam Baba की पूजा अर्चना हो रही है और बाबा के भक्तों की कईयों पीढ़ियाँ बीत चुकी है. लेकिन जब भी खाटू श्याम जी के परम भक्तों को बात होती है तो श्री श्याम बहादुर सिंह जी और श्री आलू सिंह जी का नाम सर्वोपरि आता है. इनकी अनन्य भक्ति प्रताप से आज भी सभी श्याम भक्त प्रेरणा पाते हैं और उनकी जय जयकार करते हैं.

भक्त श्री श्याम बहादुर सिंह जी | Shyam Bahadur ji Maharaj

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भक्त श्याम बहादुर सिंह जी

श्याम बहादुर सिंह जी का जन्म फतेहपुर, राजस्थान में हुआ था. उनके पिता का नाम शादी राम जी कसेरा था, जो श्याम बाबा के अनन्य भक्त थे. श्याम बहादुर सिंह जी पर श्याम बाबा की बड़ी कृपा थी.

एक बार खाटू में श्याम बाबा के सेवकों को स्वप्न आया कि वो लोग श्याम बाबा को रेवाड़ी ले जाएँ, क्योंकि उनका एक परम भक्त बड़ा दुखी और चिंताग्रस्त है. सेवक गण बाबा श्याम को बैलगाड़ी से रेवाड़ी ले गए, जहाँ श्याम बाबा 4 दिन तक रुके.

बाबा श्याम ने अपने भक्त श्याम बहादुर सिंह को चिंता मुक्त होने को कहा. बाबा श्याम ने उन्हें आशीर्वाद दिया कि वो उनके परम भक्त बनेंगे व सभी श्याम भक्तों के भी पूजनीय रहेंगे.

एक बार श्याम बहादुर सिंह जी ने अपने घर पर श्याम बाबा का जागरण किया. आश्चर्य की बात यह हुई कि स्वयं श्याम बाबा ने प्रकट होकर उन्हें दर्शन दिए. इसके बाद जब भी श्याम बहादुर जी को मौका मिलता वो खाटू धाम बाबा श्याम के दर्शन करने पहुँच जाते.

एक बार सम्वत 1977 में श्याम बहादुर जी भक्त मंडली के साथ श्याम बाबा के दर्शनों के लिए पहुचे. वह दिन फाल्गुन मास के शुक्लपक्ष द्वादशी का था. उस दिन तत्कालीन राजा के आदेश से श्याम बाबा मन्दिर के कपाट बंद थे.

श्याम बहादुर सिंह जी ने श्याम बाबा के दर्शन करने के लिए बहुत अनुनय, विनती की मगर मन्दिर के द्वार नहीं खोले गये. निराश श्याम बहादुर सिंह जी ने मन्दिर के ताले पर अपनी मोरछड़ी मारी.

बाबा श्याम की भक्ति का चमत्कार ! ताले टुकड़े टुकड़े होकर गिर गया और मन्दिर के पट खुल गये. चारों और श्याम बाबा और श्याम बहादुर सिंह जी की जय जयकार होने लगी.

श्याम बहादुर जी ने बाबा श्याम का दर्शन किया और उसके बाद वो श्याम कुण्ड पहुंचे. वहां जाकर श्याम बहादुर जी ने सभी उपस्थित भक्त जनों को श्याम बाबा का आदेश सुनाया कि जो भी व्यक्ति उनके जलकुंड में उतरने के बाद उतरेगा, वह सर्व रोगों से मुक्त हो जायेगा.

इसके बाद श्याम बहादुर जी जल में कूद पड़े. कहते हैं श्याम बहादुर सिंह जी के उतरते ही कुंड का जल दूध में बदल गया और जो भी उनके बाद जल में कूदा, उसके सभी रोग दूर हुए.

श्याम बहादुर सिंह जी ने श्याम बाबा के अन्य भक्त आलू सिंह का भी मार्गदर्शन किया. श्याम बहादुर जी ने एक बार श्याम बगीची में रामचन्द्र मन्दिर के बाहर, बाला जी के मन्दिर के उपर वाले आले में आलू सिंह को श्याम बाबा के साक्षात् दर्शन करवाए. सम्वत 2004 में श्याम नाम का जाप और स्मरण करते हुए श्याम बहादुर सिंह जी श्यामलीन हो गए.

भक्त श्री आलू सिंह जी | Aalu Singh ji Maharaj

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भक्त आलू सिंह जी

महाराज आलू सिंह जी का जन्म खाटू श्याम नगरी (राजस्थान, सीकर जिला) में सन 1916 में हुआ था. एक राजपूत परिवार में जन्मे आलू सिंह जी के पिता का नाम किशन सिंह था, जोकि स्वयं श्याम बाबा के भक्त थे. बचपन से ही आलू सिंह जी श्याम बाबा की पूजा-ध्यान, भक्ति में लीन रहते थे.

जब आलू सिंह जी युवा हुए तो उनकी शादी सवाई माधोपुर के एक राजावत परिवार की कन्या से हुआ. इस विवाह से आलू सिंह जी को एक पुत्र की प्राप्ति हुई जिसका नाम पाबूदान रखा गया.

कुछ वर्षों बाद आलू सिंह जी की धर्मपत्नी का देहांत हो गया. इसके पश्चात आलू सिंह जी ने अपना पूरा समय और जीवन बाबा श्याम की भक्ति वन्दना में अर्पित कर दिया.

आलू सिंह जी की पूरी दिनचर्या बाबा श्याम को ही समर्पित थी. वो अलग अलग प्रकार के सुंदर पुष्प पैदल ही दूर दूर से जाकर लाते और श्याम बाबा को चढ़ाते, उनका श्रृंगार करते. दिन भर बस बाबा श्याम के नामों का जाप करना, घंटो भजन गाना और बाबा का स्मरण करना यही उनका रोज का नियम था.

देश-दुनिया-समाज की बातों से बेखबर और बन्धनों से मुक्त आलू सिंह जी की अगाध श्रद्धा भक्ति को जन सामान्य समझ नहीं पाता था, सो लोग उन्हें मानसिक रोगी समझते. लोगों को क्या पता कि जिस व्यक्ति को वो असामान्य समझ रहे हैं, एक दिन वो उन्ही के गुणगान गायेंगे.

एक रात आलू सिंह जी के बड़े भाई नत्थू सिंह को एक दैवीय स्वप्न आया. स्वप्न में स्वयं खाटू श्याम जी ने उन्हें आदेश दिया कि वो आलू सिंह को रेवाड़ी ले जाकर श्याम बहादुर सिंह जी से मिलवाएं.

नत्थू सिंह ने वैसा ही किया. श्याम बहादुर सिंह जी आलू सिंह को देखते ही समझ गये कि वो श्याम भक्ति रस में सराबोर हैं. श्याम बहादुर सिंह जी आलू सिंह से अति प्रसन्न हुए और उनको अपने गले लगा लिया व भक्त शिरोमणि होने का आशीर्वाद दिया.

इसके बाद अपने बाकी जीवन भर आलू सिंह जी ने देश भर में श्याम बाबा के भक्ति की जो अखंड ज्योति जलाई, उसका प्रकाश आज भी फैलता ही जा रहा है. जो लोग भी श्री खाटू श्याम बाबा मंदिर, सीकर जाते हैं वो श्री आलू सिंह जी की समाधि के दर्शन करना नहीं भूलते. आलू सिंह जी के वंश के लोग आज भी बाबा श्याम की सेवा-भक्ति में लगे हुए हैं.

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